इन राशियों के लिए रहेगा महीना शुभ
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का राशि परिवर्तन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सभी 9 ग्रहों में कुछ को छोड़कर बाकी सभी ग्रह हर एक माह में राशि परिवर्तन करते हैं। गुरु, शनि और राहु-केतु के अलावा बाकी सभी ग्रह हर महीने एक से दूसरी राशि में यात्रा करते हैं। जब भी ग्रहों का राशि परिवर्तन होता है तो इसका शुभ और अशुभ प्रभाव सभी राशियों के ऊपर होता है। ऐसे में आइए जानते हैं जुलाई के महीने में कब और कौन से ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेंगे और इस राशियों के ऊपर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
चंद्रमा का गोचर
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा हर सवा दो दिन में राशि बदलते हैं। ऐसे में जुलाई के महीने में चंद्रमा का राशि परिवर्तन हर सवा दो दिन बाद होगा।
सूर्य का गोचर
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य हर एक माह में राशि परिवर्तन करते हैं। शास्त्रों में सूर्य के राशि परिवर्तन को सूर्य संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ऐसे में 16 जुलाई को सूर्य राशि परिवर्तन कर्क राशि में होगा। कर्क राशि पर चंद्रमा का आधिपत्य हासिल है। सूर्य का संबंध आपकी प्रतिष्ठा और करियर से होता है। सूर्य के इस गोचर पिता और पुत्र के संबंधों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। चंद्रमा की राशि कर्क में आने पर सूर्य सभी राशियों के पारिवारिक संबंधों पर प्रभाव डालते हैं। सूर्य के इस गोचर से मेष, वृष और तुला राशि के लोगों को विशेष लाभ होने वाला है।
मंगल का गोचर
01 जुलाई को साहस और पराक्रम के कारक ग्रह माने जाने वाले मंगल अपनी राशि बदलेंगे। मंगलदेव 10 मई से कर्क राशि में है और अब ये 1 जुलाई को सूर्यदेव की राशि सिंह में प्रवेश करेंगे। इस गोचर के फलस्वरूप कुछ राशियों के साहस और किसी काम को पूरा करने का दृढ़ निश्चय बढ़ेगा। मंगल के इस गोचर से मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु और कुंभ राशि के लोगों पर शुभ प्रभाव होगा।
बुध का गोचर
वाणी और व्यापार के कारक ग्रह बुध 8 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर चंद्रमा की राशि कर्क राशि में गोचर करेंगे। बुध ग्रह अभी मिथुन राशि में मौजूद हैं। बुध के इस गोचर से अध्यापक और छात्रों को विशेष लाभ होगा। जो लोग सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं उन्हें सफलता मिलेगी। जो लोग अपने मन की सुनकर निर्णय लेंगे उनके लिए भी यह गोचर सफलता देने वाला होगा। ज्योतिष के अनुसार, वृष, कन्या, तुला और मीन राशि वालों के लिए यह गोचर सबसे खास होगा।
गुरु का गोचर
इस माह गुरु का गोचर नहीं होगा। आपको बता दें कि देवगुरु बृहस्पति बीते 22 अप्रैल को अपनी स्वयं की राशि मीन की यात्रा को विराम देते हुए मेष राशि में प्रवेश किया था और तभी से यह मेष राशि में गोचर हैं। फिर 27 अप्रैल 2023 को उदय हुए थे। वहीं 28 मार्च को मीन राशि में फिर से अस्त हो गए थे। अब इसके बाद 4 सितंबर को शाम करीब 5 बजे वक्री अवस्था में आएंगे।
शनि गोचर
शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनि अभी कुंभ राशि में हैं। इस साल शनि 17 जनवरी को कुंभ राशि में प्रवेश किया था फिर 17 जून को वक्री हुए हैं। अब इसके बाद 4 नवंबर 2023 को शनिदेव मार्गी हो जाएंगे।
राहु-केतु
राहु और केतु हमेशा वक्री चाल से ही चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। इस वर्ष राहु 30 अक्तूबर 2023 को उल्टी चाल से चलते हुए मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं केतु तुला राशि की यात्रा को विराम देते हुए कन्या राशि में प्रवेश करेंगे।
जुलाई में ग्रहों के गोचर का प्रभाव
- शुभ : वृषभ ,मिथुन, धनु और कुंभ
- अशुभ : मेष, कन्या और तुला
- सामान्य : कर्क, सिंह, वृश्चिक,मकर और मीन