😊अगिया बेताल😊
क़मर सिद्दीक़ी
पठान की सफलता का श्रेय कुछ जोशीले कांग्रेसी परोक्ष रूप से भारत जोड़ो यात्रा को दे रहे हैं,हालांकि इसका पूरा क्रेडिट बॉयकॉट गैंग को जाता है,जिनके प्रमोशन के चलते एक औसत फ़िल्म 5 दिनों में 500 करोड़ कमा गई। जब भी भारतीय एकता की बात होती है, कहा जाता है,”काश्मीर से कन्या कुमारी तक” बाबा ने इसको उल्टा कर दिया। होना तो यह चाहिए था कि, गर्मी के मौसम में यात्रा कश्मीर से से शुरू होती और,ठंड में कन्याकुमारी में समाप्त होती। ख़ैर ये सलाहकारों की अपनी योग्यता है। शायद ऐसे ही सलाहकारों के चलते कांग्रेस आज “शीर्षासन” की मुद्रा में नज़र आती है।
मगर हम चुप रहेंगे….
कुछ बातें अपने आप में स्वयं मज़ाक बन जाती हैं। अब कंगना राणावत के बयान को ही ले लीजिए,जिसमें उन्होंने कहा कि,वालीवुड वालों को सियासत से दूर रहना चाहिए,और जब वो ये बयान दे रही थी उस समय सरकार द्वारा उपलब्ध वाय श्रेणी सुरक्षाकर्मी उसे घेरे हुए थे। चूहे,बिल्ली,और हज वाली कहावत शायद ऐसे ही नमूनों के लिए बनी है। वैसे उनकी भी फ़िल्म जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। हम अक्सर ये सुनते आए हैं कि, वालीवुड पर एक ग्रुप का दबदवा है। हर क्षेत्र में ऐसा ही होता है। वर्तमान की बात करें तो देश के व्यापार जगत,और सियासत इन दोनों जगहों में भी मात्र दो-दो व्यक्तिगों ने ही कंट्रोल कर रखा है। ये बयान ठीक उन नेताओं के बयान से मिलता है जिसमें वो धर्म-जाति,भाषा,क्षेत्र से ऊपर उठ कर देश के विकास को प्राथमिकता देते हैं। उनका कहना बिल्कुल सही है,बस उनकी और जनता की समझ में अंतर है। आमजन देश को ही देश समझता है,और वो अपने परिवार,और अपने समर्थकों के कुनबे को देश समझते हैं।
विभाजन नीति की जय हो…
वास्तविक टुकड़े-टुकड़े गैंग ने धर्म,जाति, शैक्षणिक संस्थान,वालीवुड हर क्षेत्र को दो भागों में बांट दिया,अब देश के दो बड़े व्यवसायिक संस्थानों की बारी है। बताया जा रहा है कि,एक व्यवसायी दूसरे को तरजीह दिए जाने से ख़ासा नाराज़ चल रहा है,क्योंकि उसकी बादशाहत को चैलेंज किया गया,लेहाज़ा इस पुराने खिलाड़ी ने “खेला” कर दिया। इस अदावत में एलआईसी फंस गया।लोग कानाफूसी कर रहे हैं कि,लगता है दुसरो का जीवन सुरक्षित करने वाले संस्थान को स्वयं भी इंश्योरेंस की ज़रूरत है।
सारे घर के बदल डालूंगा…
नाम परिवर्तन की मुहिम में अब मुगल गार्डन का नाम भी जुड़ गया है। विज्ञापन तो देखा ही होगा,”सारे घर के बादल डालूंगा”,लक्ष्मण सिल्वेनिया। लोगों का कहना है कि,अब यहां मुगलों की आत्मा नहीं भटकेगी,बल्कि अब यहां दिन-रात “अमृत” वर्षा हुआ करेगी।
(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण ‘प्रदेश लाइव’ के नहीं हैं और ‘प्रदेश लाइव’ इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है।)