😊अगिया बेताल😊
क़मर सिद्दीक़ी
आज मोहब्बत के पैरोकारों का दिन है। पार्क, रेस्टोरेंट, वोट क्लब, झाड़ियां हर जगह रौनक़। इन लोगों के कमज़ोर और मासूम कांधों पर ही तो मोहब्बत की सल्तनत टिकी हुई है। गिफ्ट आइटम फरोख्त (विक्रेता) करने वाले कल ही अपनी जेबें गरम कर चुके थे, आज फूलों के सौदागरों की बारी है। 5-10 वाला गुलाब 20 के रेट पर। यहां भी डिमांड एंड सप्लाई का फार्मूला लागू है, और फिर इश्क़ में भी कोई मोल-भाव होता है क्या। जब मात्र एक फूल और गिनती के तीन शब्दों से अपनी लैला को “फूल” बनाया जा सकता है, तो फिजूल खर्ची क्यों करनी? तोहफ़े की हैसियत,आशिक़ और माशूक़ की हैसियत के मुताबिक़ तय होती है। यहां तपते रेगिस्तान में लैला लैला की सदा देने का कोई कालम नहीं, बस सुबह उठते ही एक व्हाट्सएप कॉल, हमारा बाबू उठ गया? बाबू ने नाश्ता किया क्या? बस दिन भर का कोटा पूरा हो गया। कौन किसको कितना इमोशनली ब्लैकमेल कर सकता है। भावुक इंसान की मरन होती है। इसमें नर मादा की कोई क़ैद नहीं। जिसका दांव चल जाए, वो अपने सहचर से गिफ्ट, रेस्टोरेंट का खर्चा, मोबाइल रिचार्ज, और कभी-कभी पेट्रोल अलाउंस भी वसूल लेता है। यहां ज़िंदगी-मौत का सफ़र नहीं, मोबाइल के वर्जन की तरह प्रेमी-प्रेमिका भी अपडेट होते रहते हैं। आज मोहब्बत के दुश्मन भी प्रासंगिक हो जाते हैं। लाठी-डंडे और साथ में एक कैमरामैन। आज के दिन इनके कांधों पर अपनी संस्कृति बचाने की बड़ी ज़िम्मेदारी जो होती है, वो भी बेचारे पार्क, रेस्टोरेंट व झाड़ियों की ख़ाक छानते फिर रहे हैं।
न मनाऊंगा, न मनाने दूंगा
आज प्रेमी समाज की ईद होने वाली है,अर्थात “वेलेंटाइन डे”। पहले तो कुछ लंपट, और स्वयंभू संगठन इसका विरोध कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करते थे,पर अब जेल से फतवा जारी हुआ है,और जारी भी उसने किया है,जो स्वयं बालात्कार के आरोप में “जेल सुख” भोग रहा है। बापू के चेलों ने राजधानी में यात्रा निकाल प्रेमी जोड़ों को धमकाया है कि,अगर तुमने इस खास दिन मोहब्बत का इज़हार करने की ज़रा भी हिमाक़त की तो ख़ैर नहीं। अरे भई आपका ये अच्छा रवैय्या है,जब आप बाहर थे तब तो आप ख़ुद भी इश्क़ के बड़े पैरोकार थे,इसलिए कभी मना भी नहीं किया,और अब अंदर बैठ कर ऐसा आदेश! आप तो खुद बारह महीने मनाते थे,हमारे लिए एक दिन भी नहीं! सरकार की खीज हमारे ऊपर क्यों निकाल रहे हो? कहीं ये उसी तरह का “जुमला” तो नहीं कि, न खाऊंगा,न खाने दूंगा।
(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण ‘प्रदेश लाइव’ के नहीं हैं और ‘प्रदेश लाइव’ इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है।)