😊अगिया बेताल😊
क़मर सिद्दीक़ी
कुछ झूठ ऐसे होते हैं, जिन्हें समाज में जानते हुए भी सच के रूप में स्वीकार कर लिया गया है, इसमें से एक है, नारी अबला होती है। इसमें कुछ अपवाद भी हो सकते हैं। इसकी सच्चाई जानना हो तो किसी पति से संपर्क कीजिये वो ही आपको उचित जवाब दे सकेगा।
कितना भो बड़ा अधिकारी, नेता, कलाकार, व्यवसायी, खिलाड़ी हो, ये सब घर के बाहर तक ही मान्य हैं,घर की चौखट पार करते ही,वह एक निरीह प्राणी के रूप में अवतरित हो जाता है। अखबार में ख़बर छपी कि,26 जनवरी के अवसर पर कई क़ैदियों को उनकी सज़ा पूरी होने के पहले ही रिहाई दे दी गई,कारण उनका अच्छा चाल-चलन व चरित्र बताया गया। पर पति रूपी क़ैदी की सज़ा कभी ख़तम नहीं होती,और न ही किसी प्रकार की जमानत का प्रावधान है, हां उतने दिनों का पेरोल ज़रूर मिल जाता है, जितने दिनों पत्नी मायके में रहती है। आप कह सकते हैं कि पति एक मासूम और प्रताड़ना ग्रस्त प्राणी होता है। एक लेखक को उसके लेखन के लिए पुरुस्कार दिया गया। पुरुस्कार लेने के बाद वह मुस्कुरा रहा था। आयोजक ने पूछा कि,लगता है इस पुरस्कार से आप काफी ख़ुश हैं, उसका जवाब बड़ा ही क्रांतिकारी था। उसने कहा मैं पुरुस्कार के कारण नहीं,बल्कि इस बात पर ख़ुश हो रहा हूँ कि जब पत्नी को पता लगेगा कि, मुझे पुरुस्कार प्राप्त हुआ है,तो उसको इस बात की प्रसन्नता होगी कि चलो,पति से गए बीते लोग भी इस समाज में मौजूद हैं,जिन्होंने मेरे पति को पुरस्कृत किया। घर पर पत्नी अपनी सास की कितनी भी बुराई कर ले कोई केस नहीं बनेगा,पर अगर पति ने यही काम करने की ग़लती की तो ये गुनाहे अज़ीम की श्रेणी में गिना जाएगा।
पत्नी की निगाह में उसके पति में कोई विशेषता होती ही नहीं। दीनू भैया को देखो, राखी दीदी को कितने प्यार से रखते हैं। काश एक बार राखी दीदी का बयान भी ले लिया जाता,तो पता चलता कि उनकी भी इनके पति के बारे में ऐसी ही ग़लत फ़ैहमी है। आप ये भी कह सकते हैं कि सबकी स्थिति एक जैसी है।
पिछले हफ्ते एक मित्र के यहां बच्चे का जन्म हुआ। साथ खड़े दोस्त ने बधाई देते हुए कहा,यार इसकी शक्ल बिल्कुल तेरे पर गई है। मित्र के चेहरे पर दोहरी खुशी दिखाई दी। उस दोस्त ने कहा ज़्यादा ख़ुश मत होना दोस्त मेरे साथ भी यही हुआ था। उसके बाद बेटा जब भी कोई ग़लत काम करता , पत्नी का एक ही डायलॉग होता है, “सिर्फ शक़्ल ही बाप पर नहीं गई, कारनामे भी वैसे ही हैं।
(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण ‘प्रदेश लाइव’ के नहीं हैं और ‘प्रदेश लाइव’ इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है।)