Mp Politics : पिछले कुछ महीनों से प्रदेश की राजनीति में कट्टर सिंधिया समर्थक और पूर्व मंत्री इमरती देवी की बयानबाजी सुर्खियों में है। पूर्व मंत्री इमरती देवी द्वारा लगातार की जा रही बयानबाजी से पार्टी के बड़े नेताओं को टारगेट किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद महाराज कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई भी बयान सामने नहीं आया है, जबकि इमरती देवी की बयानबाजी पर बीजेपी के वरिष्ठ नेत नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इमरती देवी के बयानों पर सिंधिया की चुप्पी साधने के अब कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर कोई बड़ी राजनीतिक साजिश रची जा रही है? पूर्व मंत्री इमरती देवी राजनीति में केंद्रीय मंत्री सिंधिया को सर्वोपरि मानती हैं। वे कई बार मंच से भी बोल चुकी हैं कि महाराज का सिर्फ एक इशारा उनके लिए सर्वोपरि होता है, वे कहेंगे तो मैं कुएं में कूद जाऊंगी। कई महीनों से की जा रही बयानबाजी में इमरती देवी शिवराज सरकार के कद्दावर मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को टारगेट कर रही हैं। वे उन्हीं को अपनी हार का कारण भी बताती हैं। इसके बावजूद इमरती देवी के बयानों पर रोक लगाने के लिए भाजपा संगठन की तरफ से कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है।
इमरती देवी के बयानों के पीछे क्या सिंधिया की सहमति?
यह सबको पता है कि पूर्व मंत्री इमरती देवी सिंधिया के इशारों पर राजनीति में आगे कदम रख रही हैं। राजनीति जानकारों की मानें तो केंद्रीय मंत्री सिंधिया के लिए बीजेपी के विरोधी नेताओं से निपटने के लिए इमरती देवी को ढाल बनाया जा रहा है। यही कारण है कि बीजेपी में सिंधिया के विरोधी नेताओं पर लगातार वह जुबानी हमला करने में लगी हैं. जो सिंधिया के धुर विरोधी माने जाते हैं और इसमें सबसे पहला नाम प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का उनकी हैं। इमरती देवी कई बार अप्रत्यक्ष रूप से बिना नाम लिए गृह मंत्री मिश्रा पर उन्हें उपचुनाव में हराने का आरोप लगा चुकी हैं। वे बिना नाम लिए मंत्री मिश्रा पर कटाक्ष करती रहती हैं।
राजनीति के जानकारों की मानें तो इमरती देवी के बयानों के पीछे सिंधिया की सहमति हो सकती है, क्योंकि उनकी बिना सहमति के पूर्व मंत्री एक शब्द नहीं बोल बोल सकती, दरअसल जब-जब मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के बदलाव की बात आती है तो सिंधिया के समर्थक मानते हैं कि भाजपा संगठन महाराज को मुख्यमंत्री बना सकता है इसके साथ ही खोल ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगता है कि भाजपा अगले विधानसभा चुनाव में उन्हें सीएम चेहरे के रूप में पेश करेगी और सिंधिया और उनके समर्थकों को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा उनकी सीएम बनने की राह में बाधा के रूप में नजर आते हैं.
तोमर और सिसोदिया ने बनाई सिंधिया से दूरी
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाने वाले दो मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पिछले कुछ महीनों से सिंधिया से दूरी बना ली है , न तो वे सिंधिया के कार्यक्रमों में नजर आते हैं और न ही सिंधिया के पक्ष में वे कोई बयान देते हैं, जबकि प्रद्युम्न सिंह तोमर के लिए इमरती देवी की तरह सिंधिया सर्वोपरि थे, कई मौकों पर वे सार्वजनिक तौर पर सिंधिया के चरणों में पड़े नजर आए थे, लेकिन आजकल वे किसी भी कार्यक्रम में सिंधिया के साथ नजर नहीं आते, मंत्री सिसोदिया और तोमर की सिंधिया से देश दूरी को लेकर कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं.
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