🔹चुनावी चटखारे/ कीर्ति राणा
कहां सवा करोड़ लाड़ली बहना के खातों में हजार-हजार रु पहुंच गए और कहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के वादे हम आए तो नारी सम्मान योजना में 1500 रु साथ ही 500 रु में गैस सिलेंडर भी देंगे परिवार को। उनके इस तो का असर भी हुआ है। छह-सात महीने बाद यह राशि भी मिलने की उम्मीद में अब तक 55 लाख से अधिक महिलाओं ने फार्म भर दिए हैं।
हजार और पंद्रह सौ के बीच ‘तो 3 हजार कर दूंगा’ वाला दाव लगा कर शिवराज सिंह चौहान ने ऐसी चाल चली है कि कांग्रेस सोच रही है इस ‘..तो’ को झूठा सपना कैसे साबित करें।
जबलपुर में लाड़ली बहना सम्मान निधि के समारोह में शिवराज कहते जा रहे थे-पैसे की व्यवस्था हो गई …तो 1500, …तो 2500 और पैसे की व्यवस्था हो गई तो इस राशि को 3 हजार रु कर दूंगा ।घर गृहस्थी चलाने वाली महिलाएं इस ‘तो’ का रोज सामना करती हैं फिर भी खूब जय-जयकार कर के लाड़ले भैया को खुश कर दिया।
बिना पेट का पानी हिलाए हजार मिले, पंद्रह सौ मिले या तीन हजार लाभार्थी महिला परिवारों की तो बल्ले-बल्ले है।उन्हें यह चिंता तो करना नहीं है कि सरकार इंतजाम कैसे करेगी, उसके लिए यह खुशी क्या कम है कि उज्जवला योजना वाली जिस खाली गैस टंकी पर धूल चढ़ रही थी, उस के लिए हजार रु महीने का फिलहाल तो इंतजाम हो गया है।
बिजली मंत्री को लगा जोर का झटका
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए विधायकों के नखरे उठाना तो शिवराज सिंह की मजबूरी है लेकिन पूर्व मंत्री इमरती देवी ने प्रद्युम्न सिंह तोमर को ऐसा झटका दिया है कि वो समझ नहीं पाए कि भाजपा में रहते इमरती देवी कांग्रेस नेताओं जैसे तेवर क्यों दिखा रही हैं।अपने डबरा क्षेत्र में निरंतर बिजली संकट का हल नहीं निकलने पर व्यापारियों को साथ लेकर तोमर के पास जा पहुंची और चेतावनी वाले लहजे में जो कुछ कहा वह तोमर के लिए तो अप्रत्याशित ही था।यह सुन कर तो साथ आए लोग भी चौंक गए कि संकट का स्थायी हाल नहीं निकला तो वे घर वापसी भी कर सकती हैं।
भंवर’ में फंसने को तैयार शेखावत
अपने आक्रामक बयानों से मुख्यमंत्री और संगठन की चिंता बढ़ाने वाले पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत ने सीएम से मुलाकात के दौरान साफ कह दिया है यदि संगठन के नेता आप की नहीं सुनते हों तो आप मेरी तो सुन ही लीजिये। बदनावर से और इंदौर की किसी सीट से टिकट देने में परेशानी हो तो किसी भी हारी हुई सीट से टिकट तो दे सकते हैं।चुनौती के ऐसे हर भंवर में फंसने को तैयार शेखावत ने कह दिया है टिकट वितरण से एक माह पहले तक तो पॉजिटिव मैसेज का इंतजार करुंगा।
बस 15 दिन ही…!
प्रदेश में चुनाव से पूर्व मंत्रियों के लिए तो पंद्रह दिन के लिए ही तबादलों का मौसम खुल गया है।पर इस पखवाड़े से ज्यादातर मंत्री ही खुश नहीं है, कारण यह कि सिंधिया समर्थक तो ठीक शिवराज समर्थक मंत्रियों को भी यह डर सता रहा है कि इस बार उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं इस कारण वह यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि अपने किन पसंदीदा अधिकारियों को लाएं, किस कार्यकर्ता की खुशी को तवज्जों दे।तबादलों का मतलब है कुछ भला होने के दिन लेकिन तबादला नीति में तरह तरह के नियमों की अड़ंगेबाजी से कई मंत्री नाखुश हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से कुछ कह नहीं सकते।
दिन आ गए हैं मनुहार के…!
हजारों लोगों के लिए अपने दम पर सतत 8-9 दिन भोजन-भंडारा करने वाले क्षेत्र क्रमांक दो के विधायक रमेश मेंदोला यदि कार्यकर्ताओं के साथ टिफिन पार्टी कर के संवाद करें तो मान लेना चाहिए मान-मनुहार वाले दिन आ गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की तर्ज पर उन्होंने भी टिफिन पार्टी शुरु कर दी है।क्षेत्र क्रमांक दो वाले उनके समर्थक तो इसलिए खुश हैं कि कोई और नहीं दादा दयालु का इसी क्षेत्र से लड़ना तय हो गया है।
कौन जाने जनता के मन की
यह ठीक है कि शिवराज सिंह को ही चौथी बार मुख्यमंत्री बताना रणनीति का हिस्सा था। पांचवी बार फिर सत्ता बना कर मप्र चुनाव में कीर्तिमान बनाने का सपना देख रही भाजपा पिछले चुनाव जैसा फ्री हैंड देने वाली भी नहीं है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री मोदी के आने-जाने का सिलसिला अब लगा रहेगा।ऐसा नहीं कि इन सब के आगमन से सारी परेशानियां दूर हो ही जाएंगी क्योंकि कर्नाटक के रोड शो, सभा, हिजाब, बजरंगबली जैसे मुद्दों के बाद भी जनता ने अपने ‘मन की बात’ कहां सुनाई किसी को।
नाथ के साथ हुए बैजनाथ
शिवपुरी के कद्दावर नेता बैजनाथ यादव कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गए, सिंधिया से खफा होकर वापस कांग्रेस में आ गए हैं। ये घर वापसी ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया के दबदबे की जमीन पोली होने का संकेत इसलिए भी है कि उनके साथ 15 जनपद सदस्य और अन्य कार्यकर्ताओं ने भी कमलनाथ से आशीर्वाद लिया है। सिंधिया ने उन्हें भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य तो बनवा दिया था लेकिन क्षेत्र में अपने खास महेंद्र सिंह यादव को प्रमोट कर रहे हैं। कोलारस विधानसभा से अब बैजनाथ को कांग्रेस प्रत्याशी भी बना दे तो ताज्जुब नहीं, यादव की पत्नी कमला शिवपुरी जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।