‘उदयपुर फाइल्स’ को नहीं रोक सका कोई, अब इस दिन दिखेगी सच्चाई

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मुंबई : फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' को लेकर चल रहे लंबे विवाद के बाद अब फाइनली फिल्म की रिलीज को हरी झंडी मिल गई है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फिल्म पर लगाई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए इसकी रिलीज पर से रोक हटा दी है। लंबे समय से जिस फिल्म की रिलीज को लेकर बहस चल रही थी, वो अब 8 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी।

सेंसर बोर्ड तक पहुंचा मामला

इस फिल्म को लेकर शुरू से ही विवाद बना रहा। पहले इसे 11 जुलाई को रिलीज किया जाना था, लेकिन कुछ धार्मिक संगठनों और एक आरोपी ने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि फिल्म धार्मिक समुदाय विशेष को बदनाम करती है और इससे कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों के न्यायपूर्ण मुकदमे पर असर पड़ सकता है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो फिल्म की समीक्षा दोबारा करे और सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करे। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की जिसने फिल्म को लेकर 55 कट लगाने का सुझाव दिया। निर्माता इन बदलावों पर राजी हो गए।

55 कट के बाद फिल्म को मिली मंजूरी

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी कर साफ किया कि CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने तय प्रक्रिया के तहत फिल्म को सर्टिफिकेट प्रदान किया है और निर्माता ने अतिरिक्त कट भी लगाए हैं। मंत्रालय ने कहा कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाने या और कोई संशोधन की कोई ठोस वजह नहीं है, इसलिए पुनरीक्षण याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है।

फिल्म के निर्माता ने जारी किया वीडियो 

अब जब फिल्म की रिलीज को हरी झंडी मिल गई है तो निर्माता अमित जानी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर फिल्म की रिलीज डेट की घोषणा की और लोगों से अनुरोध किया कि वो खुद फिल्म देखें और तय करें कि इसमें क्या गलत है। उन्होंने कहा, 'हमने फिल्म को यथासंभव संतुलित और संवेदनशील रूप में प्रस्तुत किया है। हमारा मकसद किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि एक घटना को दिखाना है।'
 
विजय राज की मुख्य भूमिका

‘उदयपुर फाइल्स’ में विजय राज मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म का विषय बेहद संवेदनशील है क्योंकि यह साल 2022 में हुई एक हत्याकांड पर आधारित है जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। फिल्म में यह दिखाया गया है कि कैसे एक साधारण दर्जी कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की और फिर उसे उसकी दुकान में ही बेरहमी से मार दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा विवाद

दिल्ली हाईकोर्ट के रोक लगाने के बाद निर्माता सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। इसके बाद केंद्र सरकार की समिति ने फिल्म की समीक्षा की और फिर इसे कुछ बदलावों के साथ पास किया गया। अब जबकि सभी कानूनी अड़चनें दूर हो गई हैं, फिल्म 8 अगस्त को बड़े पर्दे पर रिलीज होने के लिए पूरी तरह तैयार है।