मुंबई। बालीवुड की अपकमिंग फिल्म परम सुंदरी इन दिनों विवादों में है। एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा और जाह्नवी कपूर की आने वाली इस फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली, लेकिन एक सीन पर ईसाई समुदाय ने कड़ी आपत्ति जताई है। वॉचडॉग फाउंडेशन ने इस सीन को फिल्म और प्रमोशनल वीडियोज से हटाने की मांग करते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी), मुंबई पुलिस, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। विवादित सीन में सिद्धार्थ और जाह्नवी चर्च के अंदर फ्लर्ट करते नजर आ रहे हैं, जिसे समुदाय ने धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया है।
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि यह सीन नहीं हटाया गया, तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और एक्टर्स के खिलाफ कैथोलिक समाज की भावनाएं आहत करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई है। चिट्ठी में कहा गया है कि चर्च प्रार्थना का एक पवित्र स्थान है और वहां अश्लील या आपत्तिजनक दृश्य फिल्माना उसकी पवित्रता का अपमान है। इस कदम से कैथोलिक समुदाय की भावनाएं भी आहत हुई हैं। संगठन ने सीबीएफसी से भी सवाल किया है कि उन्होंने ऐसे सीन को पास कैसे कर दिया।
जानकारी के अनुसार, वॉचडॉग फाउंडेशन के एडवोकेट गॉडफ्रे पिमेंटा ने कहा कि भारत में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किए गए कार्य भारतीय दंड संहिता के तहत कानूनी कार्रवाई का आधार बन सकते हैं। उन्होंने अजहर बाशा तंबोली बनाम रवि एस गुप्ता और हम दो हमारे बारह जैसे मामलों का हवाला देते हुए कहा कि यह मुद्दा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा के बीच संतुलन से जुड़ा है। पिमेंटा ने यह भी कहा कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के तहत सीबीएफसी को धार्मिक भावनाओं के सम्मान और कलात्मक अभिव्यक्ति, दोनों का ध्यान रखते हुए फिल्म को प्रमाणित करने की जिम्मेदारी दी गई है।