इंदौर: पत्नी का मायके जाना पति के लिए कब सुखद से दुखद हो जाता है इसका जीवंत चित्रण लाभ मंडपम में नाटक नई पड़ोसन में देखने को मिला। पत्नी के मायके जाने से खुलकर जीने का सपना देखने वाला पति नई पड़ोसन के आने पर किस तरह मुसीबत में पड़ जाता है और आखिर में किस तरह अपनी वैवाहिक जिंदगी को बचाने में कामयाब होता है। इस सब के बीच दर्शकों का खूब ठहाके लगाने का मौका मिला।
संस्था मेलोडी फ्यूजन द्वारा नई पड़ोसन नाटक का मंचन किया गया। कहानी में पवन की पत्नी गरिमा 4 दिन के लिए अपने नौकर को लेकर की मायके जाती है। तभी नई पड़ोसन राधिका की धमाकेदार एंट्री होती है। छोटी-मोटी समस्या आने पर राधिका पड़ोसी पवन की मदद लेती है। शुरुआत में पति को तो बहुत अच्छा लगता है लेकिन उसे पत्नी का खौफ रहता है कहीं उसे पता चल गया तो उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। नई पड़ोसन की आमद गैस स्टाेव मांगने से शुरू होती है। पति को नई पड़ोसन में मदद करना इतना भाता है कि वह 4 दिन तक बीमारी का बहाना बनाकर ऑफिस से छुट्टी ले लेता है।
इन 4 दिन की जिंदगी में वह अंदर अंदर खुश भी होता है और पत्नी को कहीं इसका पता ना लग जाए इससे परेशान भी होता रहता है। पत्नी गरिमा के ख्वाब में भी यही आता है कि पति फिसल रहा है। इसलिए वह पवन के पास चिकित्सक को भेजती है ताकि वह उसे ठीक कर दे। अंत में जब पत्नी घर पहुंचती है तो अपने घर में नई पड़ोसन को अपनी साड़ी पहना देखकर उसका दिमाग ठनक जाता है और नौबत तलाक तक पहुंचती है। जाते-जाते नई पड़ोसन सब कुछ ठीक करके चली जाती है। इस तरह पति-पत्नी का रिश्ता टूटने से बच जाता है। नाटक में राधिका शुरू से लेकर आखिरी तक छाई रही और उनकी अदाकारी दर्शकों को खूब पसंद आई। पवन के साथ साथी कलाकारों ने अपनी कलाकारी के साथ पूरा न्याय किया। नाटक में प्रोफेसर सरोज कुमार, पाटनीपुरा, परदेसीपुरा, मारोठिया का भी जिक्र किया जिसने दर्शकों को और आनंदित किया।
कलाकारों का परिचय
नई पड़ोसन नाटक का निर्देशन संदीप दुबे ने किया जो नाटक में पवन की भूमिका में थे। गरिमा का किरदार कविता शाह ने निभाया जबकि नई पड़ोसन का दमदार किरदार सारिका दीक्षित ने बखूबी से निभाया, डॉक्टर शर्मा की भूमिका पंकज उपाध्याय और बिट्टू की भूमिका गीतांजलि सांवरिया ने निभाई।