अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्म ‘ऐ जिंदगी’ को मिली सराहना

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मुंबई । अमेरिकन ट्रांसप्लांट फाउंडेशन ने हिंदी फीचर फिल्म ‘ऐ जिंदगी’ को आधिकारिक रूप से मान्यता दी है। यह फिल्म अब उन चुनिंदा फिल्मों की सूची में शामिल हो गई है, जो अंग प्रत्यारोपण जैसे संवेदनशील विषय को प्रामाणिक और भावनात्मक ढंग से दर्शाने के लिए जानी जाती हैं। इस सूची में पहले से ही हॉलीवुड की मशहूर फिल्में जैसे विल स्मिथ की ‘सेवन पाउंड्स’ और डेविड डचोवनी की ‘रिटर्न टू मी’ शामिल हैं। ‘ऐ जिंदगी’ की कहानी लीवर फेल्योर से जूझ रहे एक युवा मरीज और एक शोक परामर्शदाता की भावनात्मक यात्रा के इर्द-गिर्द घूमती है।
फिल्म का निर्देशन अमेरिका में कार्यरत ट्रांसप्लांट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अनिरबन बोस ने किया है और इसे शिलादित्य बोरा ने प्लाटून वन फिल्म्स के बैनर तले प्रोड्यूस किया है। यह फिल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित है और इसमें सत्यजीत दुबे, रेवती और मृण्मयी गोडबोले जैसे कलाकारों ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म को मिली इस अंतरराष्ट्रीय मान्यता पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. अनिरबन बोस ने कहा कि उनके लिए यह सम्मान बेहद विनम्र करने वाला है।
 उन्होंने कहा, “एक डॉक्टर के रूप में मैंने ट्रांसप्लांट से जुड़ी कई कहानियों को नजदीक से देखा है जहां अनिश्चितता, मानवता और भावनाएं एक-दूसरे में गुथी होती हैं। इस फिल्म के ज़रिए हम उन्हीं भावनाओं को पर्दे पर लाने की कोशिश कर रहे थे और यह जानकर खुशी है कि फिल्म का संदेश अब विश्व स्तर पर गूंज रहा है।” वहीं निर्माता शिलादित्य बोरा ने फिल्म के यूट्यूब पर रिलीज़ को लेकर अपनी संतुष्टि जाहिर की। उन्होंने कहा कि यूट्यूब आज के दौर में स्वतंत्र रचनाकारों के लिए एक बेहद प्रभावशाली मंच बन चुका है, जहां गुणवत्ता की सराहना की जाती है न कि नाम या संसाधनों की।”