Fat Burn: मोटा होना काफी खराब माना जाता है। इसको लापरवाही से जोड़कर देखा जाता है। यह एक बड़ा सवाल है कि क्या बिना एक्सरसाइज किए वजन घटाया जा सकता है या नहीं। देखा जाए तो एक्सरसाइज किए बिना शरीर के इंचेस कम करना मुश्किल होता है और अगर एक्सरसाइज (Exercise) की जाए तो जायजतौर पर वजन तेजी से घटने लगता है। लेकिन, एक्सरसाइज के अलावा भी वजन घटाने की कोशिश की जा सकती है। अगर खानपान पर ध्यान दिया जाए और लाइफस्टाइल एक्टिव हो जाए तो वजन घटाने में मदद मिलती है। हां, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप एक्सरसाइज ना करें, लेकिन अगर आप व्यसतता के चलते एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं तो यहां दिए तरीके आजमाकर वजन कम करने की कोशिश जरूर कर सकते हैं। इन तरीकों का असर भी बेहद अच्छा नजर आता है।
एक्सपर्ट मानते हैं
दुनिया में ज्यादातर फिटनेस एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर आपको वजन घटाना है तो अधिक से अधिक हरी सब्जियां खाइए। खूब दौड़न लगाइए। कम कैलोरी का भोजन लीजिए। लेकिन ब्रिटेन के एक मनोवैज्ञानिक ने कुछ अजीबोगरीब तरीके बताए हैं और उनका दावा है कि इससे वजन झट से कम हो जाएगा। आपको जिम जाकर पसीना बहाने की जरूरत भी नहीं होगी। मनोचिकित्सक प्रोफेसर रिचर्ड वाइसमैन एकदम अलग ही तरीका बता रहे हैं। यकीन मानिए कि इसके लिए न पैसा खर्च करना है और न अतिरिक्त समय। सिर्फ एक छोटा सा काम करना है जो हर कोई बेहद आसानी से कर सकता है। प्रोफेसर वाइसमैन के अनुसार, मोटापा एक मनोवैज्ञानिक समस्या है। इसे मनोविज्ञान से ही दूर किया जा सकता है।
बेहद सरल उपाय
पॉडकास्ट ऑन योर माइंड पर प्रोफेसर वाइसमैन ने मोटापा कम करने के कुछ बेहद सरल उपाय बताए हैं। उनके मुताबिक, सबसे सटीक उपाय है कि आप दूसरे हाथ से खाना शुरू कर दीजिए। जैसे अगर आप दाहिने हाथ से खाना खाते हैं तो बाएं हाथ से खाना शुरू कर दें और बाएं से खाते हैं तो दाहिए से शुरू कर दीजिए। इसका साफ मतलब है कि जब आप दूसरे हाथ से खाते हैं तो समय ज्यादा लगता है, साथ ही खाने में ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है। इससे आप काफी कम मात्रा में खाना खाते हैं। यह सुनने में काफी सरल लग रहा है लेकिन आप करके देखेंगे तो यह काफी प्रभावी उपाय है।
खाना खाते समय खुद को शीशे में देखने की कोशिश करें
प्रोफेसर वाइसमैन ने मोटापा कम करने का एक और शानदार तरीका बताया। कहा, खाना खाते समय खुद को शीशे में देखने की कोशिश करें। चाहें तो अपने डाइनिंग टेबल के सामने शीशा लगा लें। यह अजीब लग सकता है लेकिन जब आप अपने खानपान की आदत को शीशे में देखते हैं तो कंट्रोल कर पाते हैं। इस सिद्धांत की खोज अमेरिकी मनोवैज्ञानिक ब्रैड बुशमैन ने की थी। एक प्रयोग के तौर पर उन्होंने एक सुपरमार्केट के बाहर खाने की एक टेबल लगाई और लोगों को बैठकर खाना खाने के लिए कहा। मेज पर खाना बहुत अच्छा भी होता था और बहुत खराब भी। आधे समय उन्होंने मेज पर एक शीश रख दिया, ताकि लोग खुद को खाना खाते हुए देख सकें। पता चला कि जिन लोगों ने खाते हुए खुद को देखा वे ज्यादा सतर्क हो गए और कम कैलोरी वाली फूड लेने लगे।लेकिन जिन्होंने नहीं देखा, वे तो ज्यादा कैलोरी वाला भोजन खाते चले गए। प्रोफेसर वाइसमैन ने कहा, यह एक मनोविज्ञान है।
टेलीविजन के सामने खाना अच्छा नहीं
हर्टफोर्डशायर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वाइसमैन ने कहा, टेलीविजन के सामने खाना अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि इससे आपका ध्यान भटकता है और आप ज्यादा खाना खा लेते हैं। ठीक इसका उल्टा करके देखिए। अगर आपको खाने में असुविधा होगी तो आपका ध्यान नहीं भटकेगा और आप कम खाना खाएंगे।