भारत एक ऐसा देश है जहां सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध विरासत देखने को मिलती है। यह एक ऐसी जगह है जहां एक्सप्लोर करने को काफी कुछ है, इसलिए घूमने के शौकीन लोगों की लिस्ट में भारत जरूर शामिल होता है। यहां एक शहर से दूसरे तक पहुंचना न सिर्फ आसान है, बल्कि कम से कम पैसों में भी पहुंचा जा सकता है। हालांकि, जब हम इंटरलेशन टूर का प्लान करते हैं तो हमें वहां जाने के लिए पहले वीजा अप्लाई करना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश के अंदर कुछ ऐसी जगहें हैं जहां घूमने के लिए आपको इनर लाइन परमिशन यानी कि आईएलपी (ILP) लेने की जरूरत पड़ती है? जानकारी के मुताबिक, आमतौर पर ये वैसी जगहें हैं जहां इंटरनेशनल बॉर्डर हैं और यहां जाने के लिए परमिशन इसलिए लेनी पड़ती है, जिससे उन जगहों पर लोगों के मूवमेंट के बारे में संबंधित अथॉरिटी को जानकारी रहे. इसके अलावा कुछ जगहों पर हर किसी के जाने की मनाही है, ताकि ट्राइबर कल्चर प्रभावित ना हो. इनमें कई ऐसी जगहें हैं, जहां ट्राइबल कल्चर को प्रोटेक्ट किया गया है. तो आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में.
इनर लाइन पर्मिशन क्या है?
यह कोई नया नियम नहीं है, लेकिन लंबे समय से है। इस परमिट की आवश्यकता तब होती है, जब लोग संवेदनशील क्षेत्रों की यात्रा कर रहे होते हैं, जो अन्य देशों के साथ सीमा साझा करते हैं। इससे पर्यटकों की सुरक्षा में मदद मिलती है, लोगों की आवाजाही का प्रबंधन हो पाता है और सबसे जरूरी, जनजातीय समुदाय को नुकसान नहीं पहुंचता।
इन 6 जगहों पर जाने के लिए भारतीयों को भी चाहिए होता है परमिट
अरुणाचल प्रदेश
संस्कृति से समृद्ध यह उत्तर पूर्वी राज्य, चीन, भूटान और म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करता है। अगर यहां घूमने की इच्छा रखते हैं, तो रेजिडेंट कमिश्नर, अरुणाचल प्रदेश सरकार से अपना परमिट प्राप्त करना होगा। जो आपको कोलकाता, शिलॉन्ग, गुवाहाटी और दिल्ली से मिल जाएगा। इस खूबसूरत राज्य की कुछ जगहों को सुरक्षित रखने के लिए ILP बनाया गया है, जिसकी कीमत प्रति व्यक्ति 100 रुपए है, जिसका इस्तेमाल 30 दिनों तक किया जा सकता है।
नागालैंड
यह राज्य कई जनजातियों का घर है, जिसका बॉर्डर मयंमार के साथ लगता है। इसलिए यहां के इलाकों को संवेदनशील माना जाता है, खासकर सैलानियों के लिए। नागालैंड घूमने के लिए आपको उपआयुक्त से ILP लेना होगा, जो दिल्ली, कोलकाता, कोहिमा, दीमापुर, शिलॉन्ग और मोकोकचुंग से मिल सकता है।
लक्षद्वीप
भारत का एक ऐसा द्वीप, जिसे कम ही एक्सप्लोर किया गया है। लक्षद्वीप भारत के रत्न से कम नहीं है, यह जगह अपने खूबसूरत समुद्र तटों, साफ नीले पानी और स्वादिष्ट खाने के लिए जानी जाती है। हालांकि, इस यूनियन टेरीटरी में प्रवेश करने के लिए आपको खास पर्मिट और पुलिस से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट चाहिए होगा।
मिजोरम
भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का एक और खूबसूरत राज्य, मिजोरम का बॉर्डर मयंमार और बांग्लादेश से मिलता है। यह राज्य भी कई जनजातियों का घर है। यहां घूमने के लिए आईएलपी यहां संपर्क अधिकारी, मिजोरम सरकार से लिया जा सकता है, जो सिलचर, कोलकाता, शिलांग, दिल्ली और गुवाहाटी से मिल सकता है। अगर आप फ्लाइट से सफर कर रहे हैं, तो आपको आइजोल पहुंचने पर एयरपोर्ट से सुरक्षा अधिकारी से विशेष पास मिल सकता है।
सिक्कम
सिक्कम खूबसूरत मैदानों, शानदार व्यंजनों, कई मठों, क्रिस्टल झीलों और आकर्षक दृश्यों का राज्य है। भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक, सिक्कम में ऐसी खूबसूरती बसी है, जो आपने शायद ही कभी देखी हो। सिक्कम जाने पर अक्सर लोग सबसे ऊंचे पॉइन्ट पर भी जाना चाहते हैं, जिसके लिए पर्मिट की जरूरत पड़ती है। त्सोमगो बाबा मंदिर यात्रा, सिंगालीला ट्रेक, नाथला पास, द्ज़ोंगरी ट्रेक, थंगु-चोप्टा घाटी यात्रा, युमेसमडोंग, युमथांग और जीरो पॉइंट यात्रा और गुरुडोगमार झील के लिए स्पेशल पास की जरूरत होती है। परमिट पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी किया जाता है, जिसे बागडोगरा हवाई अड्डे और रंगपोचेकपोस्ट से लिया जा सकता है।
लद्दाख
यह भारत का एक ऐसा हिस्सा है जिसके बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं। लद्दाख सभी घुमकड़ों की बकेट लिस्ट का हिस्सा होता है। हालांकि, अगर आप नुब्रा घाटी, खारदुंग ला दर्रा, त्सो मोरीरी झील, पैंगोंग त्सो झील, दाह, हनु गांव, न्योमा, तुर्तुक, दिगार ला और तंग्यार जाना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए इनर लाइन पर्मिट (ILP) की जरूरत होगी।