Sunday, December 22, 2024
Homeलाइफस्टाइलSleeping : लाइट जलाकर सोने की आदत आपकी सेहत पर पड़ सकती...

Sleeping : लाइट जलाकर सोने की आदत आपकी सेहत पर पड़ सकती है भारी..

Sleeping : एक हेल्दी एडल्ट को अच्छी सेहत के लिए एक दिन में कम से कम 8 घंटे की नींद लेनी जरूरी। स्लीप एक थेरेपी की तरह होती है जो आपको थकान से राहत दिलाती है। एक सुकून भरी नींद लेने से आपका ब्रेन सही तरीके से काम करता है। इससे आपके मसल्स रिकवर होने लगती है, मूड अच्छा रहता है और कई बीमारियों का भी खतरा टल जाता है। लेकिन सोने में भी हमे सावधानियां बरतनी चाहिए वरना एक गलती शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।

आमतौर पर हम रात को सोते वक्त कमरे की बत्तियां बुझा देते हैं जिससे हमें राहत भरी नींद हासिल हो सके, लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं करते, वो लाइट जलाकर सोना पसंद करते हैं या फिर आलस में स्विच ऑफ नहीं करते। आपको जानकर हैरानी होती कि बत्ती जलाकर सोना सेहत के लिए नुकसान देह है इसके कई तरह की परेशानियां पैदा हो सकती है।

डिप्रेशन

एक सेहतमंद जिंदगी जीने के लिए जितनी जरूरत रोशनी की होती है, उतना ही अहम अंधेरा भी है। आपने सुना होगा कि स्वीडन और नॉवे जैसे ध्रुवीय देशों में गर्मी के मौसम मे करीब 6 महीने तक सूरज नहीं डूबता। इसके कारण काफी लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। वहीं भारत जैसे देशों में अगर आप रोशनी में सोना चाहते हैं तो इसके लिए इलेक्ट्रोनिक लाइट का इस्तेमाल करना होगा। इनमें से निकलने वाली नीली रोशनी आपको चिड़चिड़ा बना सकती है। इसलिए जहां तक मुमकिन हो कम से कम रोशनी में ही सोएं

अगर आप लगातार लाइट जलाकर सो रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि आपकी सुकून भरी नींद में कहीं न कहीं खलल जरूर पड़ रहा है। इससे कई बीमारियों का खतरा पैदा हो सकता है, जैसे मटोपा हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज वगैर। इसलिए कभी भी लाइट जलाकर सोने की गलती न करें।

थकान

आमतौर पर लाइट जलाकर सोने से आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती जिसका असर अगले दिन देखने को मिलता है। इससे आपको काम करने में दिक्कत आती है क्योंकि आप थकान और सुस्ती का शिकार हो जाते हैं।

हार्ट डिजीज का खतरा

स्टडी में पाया गया है कि आर्टिफिशियल रोशनी सिंपैथेटिक आर्म और इम्यून नर्वस सिस्टम को सक्रिय कर देती है, यह दोनों चीजें शरीर में बाहरी आक्रमण से लड़ने के जिम्मेदार है।यह शरीर को कूल बनाता है, ताकि रात में सुकून से नींद आए, लेकिन जब यह चीजें सक्रिय हो जाती है तो नींद प्रभावित होती है। इससे कार्डियोवैस्कुलर फंक्शन पर असर पड़ता है।अध्ययन के मुताबिक इन सब का परिणाम यही होता है कि शरीर में क्रॉनिक डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।लाइट के प्रभाव से स्कार्डियन रिदम पहले से बिगड़ जाता है शरीर का मास्टर क्लॉक बिगड़ जाता है। इससे ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता है।

मोटापा

महिलाओं पर किए गए एक शोध में पाया गया है कि टीवी या लाइट जला कर सोने वाले लोगों में मोटापे का जोखिम उन लोगों की तुलना में ज्यादा था, जो लोग लाइट बंद करके सोते थे।

डायबिटीज

एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि रात में लाइट जलाकर सोए लोगों में जब सुबह जांच किया गया तो इंसुलिन प्रतिरोधी बढ़ा था, इंसुलिन प्रतिरोधी उस स्थिति को कहते हैं जब मांस पेशियां पेट और लिवर इंसुलिन से उचित प्रतिक्रिया नहीं करता है और शरीर को ऊर्जा देने के लिए ब्लड ग्लूकोस का इस्तेमाल कम हो जाता है, या हो ही नहीं पाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए पैंक्रियास को ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है। इस कारण समय के साथ ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group