भोपाल : मध्यप्रदेश में मेडिकल स्टोर पर गर्भपात की दवाएं धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। भ्रूण हत्या की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सख्ती दिखाई है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी ने बिना डॉक्टर के पर्चे के गर्भपात की दवा बेचने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
दरअसल मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सोमवार को मंत्रालय में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) के राज्य सुपरवाइजरी बोर्ड की बैठक ले रहे थे। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और औषधि प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में डॉक्टर के पर्चे के बिना गर्भपात की दवाएं बेचने वाले दवा विक्रेताओं पर कार्रवाई करें। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने मध्य प्रदेश के उन जिलों में सोनोग्राफी केंद्रों पर भी नजर रखने को कहा है, जहां शिशु लिंगानुपात कम है।
दरअसल, पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है कि मेडिकल स्टोर पर धड़ल्ले से गर्भपात के लिए एमटीपी किट बेची जा रही है। गर्भपात के लिए एमटीपी किट उपयोग करने वाली महिलाओं में साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। साथ ही आसानी से किट उपलब्ध हो जाने की वजह से कन्या भ्रूण हत्या भी हो रही है।
एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी) एक्ट 2002 के मुताबिक बिना डॉक्टर के पर्चे के गर्भपात की दवा नहीं बेची जा सकती। ऐसा करते पाए जाने पर 2 से 7 वर्ष तक कारावास का प्रावधान है।
स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर प्रभुराम चौधरी ने इसके पहले कल सुबह अपने आवास से व्हाट्सएप पर वीडियो कालिंग के जरिए निजी और सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान योजना से उपचार करा रहे रोगियों से भी बात की। सभी से पूछा कि अस्पताल में उनसे रुपये तो नहीं लिए जा रहे हैं।स्वास्थ्य मंत्री ने इसके अलावा भी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी मरीजों से चर्चा कर जानकारी हासिल की।