मध्य प्रदेश में सीहोर वाले महाराज नाम से मशहूर कथा वाचक प्रदीप मिश्रा यहां लाखों की संख्या में लोग आते है. रुद्राक्ष के अलावा प्रदीप मिश्रा लोगों को उपाय में भगवान शंकर के मंत्र और बेल पत्र का भी सुझाव देते है. कई लोगों के लिए उनके उपाय ने उनके जीवन में चमत्कार का काम किया है. इनमें से कई लोग पत्र लिख कर उन्हें धन्यवाद भी देते है. ऐसे ही कुबेश्वर धाम (Kubereshwar Dham Sehore) पर 16 फरवरी से 22 फरवरी तक सात दिवसीय रुद्राक्ष वितरण व शिव महापुराण कथा का आयोजन हुआ था. इसमें लगभग 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहले ही दिन आ पहुंचे. बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं की वजह से यहां अफरा तफरी का माहौल भी बन गया था. लेकिन रुद्राक्ष को को लेकर भक्तो का विश्वास अटूट था ऐसे ही एक भक्त ने पंडित प्रदीप मिश्रा को पत्र लिख कर पिछले साल मिले रुद्राक्ष के प्रभाव के बारे में बताया है.
डॉक्टर ने कहा था कि ये कभी बोल नहीं पाएगा
हरियाणा के अम्बाला से पूजा शर्मा ने प्रदीप मिश्रा को एक पत्र भेजा. उसमे उन्होंने अपना फ़ोन नंबर भी लिखा था. इसमें वो रुद्राक्ष से अपने 5 साल के बेटे के साथ हुए चमत्कार के बारे में बताती है. उन्होंने लिखा, मेरा बीटा 5 साल का होने के बाद भी एक शब्द नहीं बोल पाता था. उन्होंने इस पत्र में अपने बच्चे का फोटो भी लगाया था. उस महिला ने अपने बच्चे का चंडीगढ़ में इलाज भी कराय. लेकिन वहां के डॉक्टर ने मेडिकल टेस्ट के आने के बाद हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि इसका कोई इलाज नहीं है. इसके बाद पूजा शर्मा ने घर में ही हर वो उपाय अपनाया जो वो कर सकती थी. लेकिन उन्हें लोगो ने कहा कि ये ज़िन्दगी भर बोल नहीं पाएगा. किसी ने कहा पशुपति नाथ का व्रत करो तो किसी ने कहा शिव मंदिर जाओ. पूजा शर्मा ने वो सब किया.
सीहोर के रुद्राक्ष ने दिखाया असर
फिर किसी ने सुझाया कि वो सीहोर जाये. लेकिन वो जब सीहोर आयी तो उस समय वहां रुद्राक्ष वितरण बंध था. उन्होंने डॉक्टर कि रिपोर्ट दिखा कर किसी तरह 1 रुद्राक्ष ले लिया. 10 दिसंबर, 2022 को वो रुद्राक्ष लेके गई थी. वो रात को उस रुद्राक्ष को जल में डालकर, सुबह उसे शिव पर अर्पित कर देती थी. फिर चढ़ाया हुआ जल बच्चे को पीला देती थी. ऐसा उन्होंने नियमित तरीके से किया और इस साल की फरवरी में ही वो बोलने लगा. पूजा शर्मा ने अंत में लिखा कि जो भी सीहोर में दिल से कुछ बोल कर जाता है वो 3 महीने में यहाँ फिर आता है.