MP Cabinet Meeting: शिवराज सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मध्यप्रदेश में जिलों में ट्रांसफर पर लगी रोक को हटा दिया गया है। अब 15 से 30 जून तक जिलों के भीतर ट्रांसफर हो सकेंगे। 25 लाख तक के काम अब पंचायतें अब अपने स्तर पर कर सकेंगी। साथ ही पंचायतों को दो-दो काम करने की स्वतंत्रता दी गई है। इसके अलावा अधूरे काम भी पंचायतें कर सकेंगी। साथ ही मध्य प्रदेश देश में सहकारिता नीति लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
चुनावी साल होने की वजह से सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को सरकार नाराज नहीं करना चाहती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार सरकारी कर्मचारियों को अपने मनपसंद स्थान पर तबादले किए जा सकते हैं।
आदेश पर जिला अधिकारी करेगा हस्ताक्षर
नई ट्रांसफर नीति के तहत जिला संवर्ग के कर्मचारी और राज्य संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को जिले के भीतर ट्रांसफर जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किया जाएगा। ट्रांसफर आदेश पर विभाग का जिला अधिकारी हस्ताक्षर करेगा।
बैठक के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जिलों में ट्रांसफर पर बैन हटाकर कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। इसके अलावा हायर सेकंडरी स्कूलों में पहला स्थान प्राप्त करने वाले भैया-बहनों को ई-स्कूटी देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी। इसके प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूर कर दिया है। नौ हजार विद्यार्थियों को ई-स्कूटी प्रदान की जाएगी। जहां पर ई-स्कूटी उपलब्ध नहीं होगी, वहां नॉर्मल स्कूटी देने की स्वतंत्रता रहेगी। पहले साल में 135 करोड़ रुपये खर्च होंगे। तीन साल के लिए 424 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पास किया गया है।
बता दें हमेशा से ही सरकारी कर्मचारियों के तबादलों में राजनीतिक हस्तक्षेप होता आया है। तबादले पर लगी रोक हटने से कर्मचारी संगठनों ने भी खुशी जाहिर की है।