मेट्रो की तर्ज पर नई दिल्ली-कालका शताब्दी एक्सप्रेस (12005/06) के एलएचबी डिब्बों में ऑटोमैटिक डोर सिस्टम का रेट्रो फिटमेंट लगाया गया है। इस नई सुविधा के तहत प्लेटफार्म की तरफ का मुख्य दरवाजा ट्रेन रुकने के बाद ही खुलेगा। ट्रेन के स्टेशन से निकलते ही दरवाजा स्वत: बंद हो जाएगा। यह एक नई प्रणाली है, जो हादसों को रोकने में काफी हद तक सहायक साबित होगी।
अंबाला कैंट रेलवे मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक हरिमोहन ने बताया कि नई दिल्ली-कालका शताब्दी एक्सप्रेस के रैक को अपग्रेड करने के लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है। जिस तरह से मेट्रो के चलने पर उसके दरवाजे नहीं खुलते हैं, उसी तरह कालका शताब्दी के रफ्तार पकड़ने पर दरवाजे बंद रहेंगे। इस संबंध में अंबाला छावनी, चंडीगढ़ और अंबाला मंडल के कालका स्टेशनों पर नियमित घोषणा की जाएगी। ट्रेन चलाने वाले कर्मचारियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल की सहायता भी मांगी गई है।
ट्रेन को रोकने के लिए अंदर यात्री अलार्म चेन खींच सकते हैं। जब ट्रेन की गति पांच किमी प्रति घंटे होगी तो मुख्य दरवाजे के अंदर और बाहर दिए गए आपातकालीन पुश बटन अलग हो जाएंगे। ट्रेन चलने के दौरान दरवाजे नहीं खोले जा सकेंगे। आपात स्थिति में मुख्य द्वार खोलने के लिए पहले ट्रेन की अलार्म चेन खींचनी होगी। इसके बाद आपातकालीन पुश बटन दबाया जा सकता है, जिससे दरवाजा खुल जाएगा।
अक्सर कई लोग चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हैं। इससे हादसे होते हैं। लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है। ऐसे हादसों को रोकने के लिए रेलवे ने यह कदम उठाया है।