उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है। माना जा रहा है कि साल 2024 तक मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। इसी बीच अयोध्या में आगामी 23 अप्रैल को एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है जिसमें 155 देशों और सात महाद्वीपों की नदियों और समुद्रों के जल से भगवान रामलला का जलाभिषेक किया जाएग. इस दौरान देश समेत विदेश के भी कई लोग राम नगरी में उपस्थित रहेंगे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे. उनके साथ योग गुरु स्वामी रामदेव के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया गया है. विश्व के 20 से अधिक देशों के प्रवासी भारतीय नेता समेत राजनायिक उपस्थित रहेंगे.
कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली स्टडी ग्रुप के द्वारा किया जाएगा. 155 देशों में प्रमुख रूप से सरेनाम, मॉरीशस, फिजी, आईलैंड, चीन, यूक्रेन, रसिया और पाकिस्तान से जल लाया गया है. जल को अर्पण करने के लिए 20 से अधिक देशों के मित्र सहयोगी और राजदूत अयोध्या आएंगे और निर्माणाधीन रामलला के परिसर के चारों तरफ 155 देश के लाए गए जल को समर्पित करेंगे. 155 देशों से एकत्रित किए गए जल पर एक फिल्म भी बनाई गई है जो 23 अप्रैल को प्रदर्शित की जाएगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 155 देशों से पावन जल लाया गया है, ये बहुत ही ऐतिहासिक है। मैं विजय जोली और उनके सहयोगियों को इस कार्य के लिए बहुत धन्यवाद देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।
प्रत्येक देश से लाए गए जल को एक तांबे के लोटे में सील पैक किया गया है जिसे हरिद्वार की हरकी पौड़ी पर पैक कराया गया. इतना ही नहीं 23 अप्रैल को अयोध्या में मणिराम दास छावनी में भव्य आयोजन किया जाएगा. वैदिक ब्राह्मणों की मौजूदगी में पूजन अर्चन का भी आयोजन होगा जिसमें देश के कई बड़े महान संत समाज के लोग भी सम्मिलित होंगे.
दिल्ली स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष और पूर्व दिल्ली के विधायक डॉ विजय जौली ने बताया कि वर्ष 2020 के अगस्त में इस बात का प्रण लिया था कि विश्व भर के नदियों और समुद्रों का जल हम भारत में एकत्रित करेंगे और उस जल से राम मंदिर प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक संपन्न करेंगे .