श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए जम्मू संभाग के सभी शासकीय और निजी स्कूलों को सोमवार, 18 अगस्त को बंद रखने का आदेश दिया है. यह निर्णय खराब मौसम और संभावित जोखिम को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
शिक्षा निदेशक कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, "खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए 18.8.2025 को जम्मू डिवीजन के सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे."
बादल फटने से 68 लोगों की मौत, 122 घायल
पिछले चार दिनों में तीन अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं. इनमें सबसे भीषण घटना 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिसोटी गांव में हुई, जो मचैल माता मंदिर जाने वाले मार्ग पर अंतिम मोटरेबल गांव है. यहां 61 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 116 अन्य घायल हुए हैं. इसके अलावा, 82 लोग अब भी लापता हैं, जिनमें 81 श्रद्धालु और एक CISF जवान शामिल हैं.
17 अगस्त को कठुआ जिले के जोध घाटी और जंगलोट गांवों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिनमें 7 लोगों की मौत और 5 अन्य घायल हो गए.
मौसम विभाग की चेतावनी, 10 जिलों में अलर्टमौसम विभाग ने 17 से 19 अगस्त तक के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में भारी बारिश, गरज के साथ बौछारें, बादल फटना, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की आशंका है.
जिन जिलों को अलर्ट पर रखा गया है, वे हैं, जम्मू, रेासी, उधमपुर, राजौरी, पुंछ, सांबा, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, रामबन और कश्मीर के कुछ हिस्से. आपातकालीन टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं और लापता लोगों की तलाश जारी है.
जनजीवन प्रभावित, प्रशासन सतर्क
प्राकृतिक आपदा के चलते कई गांवों में सड़क संपर्क टूट गया है. स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं. भारी बारिश से नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ गया है जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है.
जम्मू-कश्मीर में मौसम की मार से स्थिति गंभीर बनी हुई है. बादल फटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे प्रशासन और जनता दोनों के लिए चुनौती खड़ी हो गई है.