रेलवे बोर्ड ने दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली 'कवच' लगाने की समय सीमा मार्च से बढ़ाकर दिसंबर 2025 कर दी है।
कार्य मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा
बोर्ड द्वारा साझा किए गए बजट दस्तावेज के अनुसार, नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली-कोलकाता के तीन हजार किलोमीटर मार्ग पर कवच संस्करण 4.0 के लिए पटरी के किनारे उपकरण लगाने की प्रक्रिया दिसंबर, 2025 तक पूरी हो जाएगी। रेल मंत्रालय ने पिछले साल सात अगस्त को कहा था कि इस मार्ग को कवच से लैस करने का कार्य मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा।
बजट दस्तावेज के अनुसार, भारतीय रेलवे ने 2020 में स्वदेशी रूप से विकसित कवच को राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में अपनाया है। जुलाई 2024 में कवच संस्करण 4.0 के लिए स्वदेशी विकास विनिर्देश को मंजूरी दी गई थी। 10 हजार इंजन पर कवच लगाने का काम शुरू हो चुका है।
कवच एक जटिल प्रौद्योगिकी
रेलवे के अनुसार, कवच एक जटिल प्रौद्योगिकी है, जिसमें कई घटक शामिल हैं। जैसे कि पूरे रेलखंड पर लगाए जाने वाले आरएफआइडी टैग, पूरे सेक्शन में दूरसंचार टावर, पटरी के साथ आप्टिकल फाइबर केबल और प्रत्येक लोकोमोटिव पर लोको कवच।
कवच को लगाने का काम मिशन के आधार पर चल रहा है
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि कवच को लगाने का काम भारतीय रेलवे नेटवर्क पर मिशन के आधार पर चल रहा है। कवच के नवीनतम संस्करण यानी 4.0 को जुलाई 2024 में अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा अनुमोदित किया गया था।
वंदे भारत से जुड़ेंगे कई और जिले
2009-2014 में यूपीए सरकार के कार्यकाल से यह 18 गुना अधिक है। इससे नए स्टेशन, नए ट्रैक, ट्रैकों के मल्टी ट्रैकिंग आदि बनेंगे। उत्तर मध्य रेलवे समेत यूपी में बीते 10 वर्ष के दौरान 5,200 किलोमीटर ट्रैक बिछाए गए हैं। एक प्रदेश में इतने लंबे ट्रैकों की संख्या यूरोप के स्विट्जरलैंड अथवा बेल्जियम के कुल रेल नेटवर्क से ज्यादा है। इस वर्ष पूरे यूपी में 1,04,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। कई अमृत स्टेशन बनेंगे, नए रेलवे ट्रैक बिछेंगे। अभी 14 वंदे भारत के जरिए यूपी के 20 जिलों को जोड़ा गया है। आगे यह संख्या और बढ़ेगी।
अमृत भारत ट्रेनों का होगा निर्माण
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा था कि बजट में रेलवे को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखा गया है। इसके लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 17,500 सामान्य कोच, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।