बिलासपुर । हिमाचल प्रदेश में सता परिवर्तन के बाद बिलासपुर में जिला परिषद की सत्ता बदलने वाली है। जिला परिषद की सरदारी को लेकर राजनैतिक जंग तेज हो गई है। यहां पर भाजपा समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष मुस्कान और उपाध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने इस्तीफा दे दिया। इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था मुस्कान और प्रेम ठाकुर ने अपने-अपने त्याग पत्र उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक को सौंप दिए। गौरतलब है कि यह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृहजिला है और इसके बाद अब भाजपा को यहां पर झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि बिलासपुर जिला परिषद में भाजपा समर्थित आठ और कांग्रेस समर्थित छह पार्षद हैं। हालांकि, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा और कांग्रेस समर्थित 11 पार्षदों ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए थे। उपायुक्त सादिक ने कहा कि जिला परिषद अध्यक्ष मुस्कान एवं उपाध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। अब जैसे ही पंचायती राज विभाग इनके त्याग पत्र मंजूर करेगा, तब उसके बाद दोनों पदों पर चुनाव करवाए जाएंगे। जिला परिषद के 14 सदस्यों में से 11 सदस्य मदन धीमान, आईडी शर्मा, विमला देवी, बेली राम टैगोर, शालू रनौत, प्रोमिला बसु, राजकुमार, शैलजा शर्मा, गौरव शर्मा, मान सिंह और पूजा रानी ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी।
मुस्कान ने जनवरी 2021 में निर्दलीय चुनाव जीता था और बाद में भाजपा के समर्थन पर उन्हें जिला परिषद का उपाध्यक्ष बनाया गया था। तब प्रदेश में जयराम की सरकार थी। एक रात में सारे समीकरण बदल गए थे। मुस्कान ने अध्यक्ष बनने से पहले तत्कालीन सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकात की थी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृहजिले में भाजपा को झटका
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