Cashless Treatment Scheme: देश में रोजाना करीबन 6 हजार लोगों की मौत रोड हादसे में हो जाती है। वहीं देशभर में रोड हादसे लगातार बढ़ते जा रहे है। इस बीच अब सरकार ने पीड़ितों को इलाज के लिए एक नई योजना बनाई है जिसके तहत लोगों की जान बचाई जा सकती है। साथ ही पैसे भी उनके कम लगेंगे। आपको बताते है सरकार की इस नई योजना के बारे में। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अगले तीन से चार महीनों के भीतर देश भर में सभी घायल दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस चिकित्सा उपचार शुरू करने की योजना बना रहा है। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के सचिव अनुराग जैन ने तीन दिवसीय ”ग्लोबल रोड”’ कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी दी।
दरअसल केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के सचिव अनुराग जैन ने बताया कि दुर्घटना में घायलों को मुफ्त और कैशलेस चिकित्सा उपचार संशोधित मोटर वाहन अधिनियम 2019 (एमवीए 2019) का हिस्सा है, कुछ राज्यों ने इसे लागू किया है। अब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ सड़क मंत्रालय इसे पूरी तरह से लागू करेगा। उन्होंने कहा कि एमवी संशोधन अधिनियम द्वारा परिभाषित सड़क दुर्घटना पीड़ितों को इस तरह का कैशलेस उपचार दिया जाएगा।
कैशलेस होगा पीड़ितो का इलाज
दरअसल केंद्र सरकार ने देशभर में कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था को शुरू करने की योजना बनाई है। वहीं सरकार ने तीन-चीर महीनों में इसकी शुरूआत की भी बात कही है। ये योजना नई संशोधिक मोटर व्हीकल एक्ट 2019 का हिस्सा होगी। हालांकि कुछ राज्य पहले से ही कैशलेस उपचार की योजना लागू किए है। दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय ‘ग्लोबल रोड सेफ्टी इनिशिएटिव’ में इसकी घोषणा की गई है।
देशभर में शुरू होगी कैशलेस उपचार
इसका सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) ने MoRTH के साथ साझेदारी में किया था। इसको लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम द्वारा परिभाषित गोल्डन ऑवर सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस उपचार भी दिया जाएगा। भारत में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है।
सड़क सुरक्षा में सुधार किया जाएगा
उन्होंने आगे कहा, साल 2030 तक दुर्घटनाओं में 50 फीसदी की कमी लाने के लिए मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा की एक बहुआयामी (5ई) रणनीति तैयार की है.” दरअसल, इस ‘5ई’ से उनका तात्पर्य शिक्षा, इंजीनियरिंग (वाहनों के लिए), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल से है। इसमें इंजीनियरिंग के तहत सड़क सुरक्षा में सुधार किया जाएगा। अनुराग जैन ने बताया कि बैठक से आने वाली सिफारिशों को मार्च 2024 से जिनेवा में सड़क यातायात सुरक्षा सत्र के लिए आगामी ग्लोबल फोरम में पेश और चर्चा की जाएगी।