इंडिगो संकट के बीच डीजीसीए का एक्शन, चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को किया सस्पेंड

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नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइन में जारी संकट के बीच लगातार एक्शन हो रहा है। शुक्रवार को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयरलाइन की सुरक्षा और ऑपरेशनल नियमों की देखरेख के लिए जिम्मेदार चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है।
डीजीसीए की चार सदस्यों वाली कमेटी शुक्रवार को भी इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स से मिलेगी। पीटर से पिछले हफ्ते बड़े पैमाने पर फ्लाइट्स कैंसिल होने को लेकर पूछताछ की जाएगी। भारत में लो-कॉस्ट कैरियर कॉन्सेप्ट के पायोनियर कैप्टन गोपीनाथ ने कहा है कि इंडिगो संकट शायद इसलिए बढ़ा क्योंकि एयरलाइन संचालकों में घमंड और ओवर कॉन्फिडेंस आ गया था। इसलिए एयरलाइन हालात नहीं समझ पाई।
एक नवंबर से लागू हुए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों के दूसरे फेज को लागू करने में सही प्लानिंग की कमी ही 2 दिसंबर से शुरू हुए संकट का कारण है। नए नियमों के साथ, एयरलाइन के पास अपनी फ्लाइट्स ऑपरेट करने के लिए पर्याप्त संख्या में पायलट नहीं थे।
जब बॉटम लाइन, रेवेन्यू और प्रॉफिट में ग्रोथ और स्टॉक मार्केट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, तो ऐसा होता है कि वे पायलट और दूसरे स्टाफ की बात सुनना बंद कर देते हैं। इंडिगो ने टिकट बेचने से पहले फ्लाइट्स की संख्या कम कर दी होती, तो सब कुछ ठीक होता।
डीजीसीए को पूरी तरह से एक इंडिपेंडेंट रेगुलेटर होना चाहिए और इसमें कोई भाई-भतीजावाद और कोई पॉलिटिकल असर नहीं होना चाहिए। कैप्टन आर गोपीनाथ 2003 में एयर डेक्कन लेकर आए थे। उन्होंने ही भारत में कम लागत वाली एयरलाइन (एलसीसी) मॉडल की शुरुआत की थी। एयर डेक्कन ने एटीआर टर्बोप्रॉप विमानों के साथ ऑपरेशन शुरू किया था। 
एयरलाइन के घाटे में जाने के बाद निवेशकों के दबाव में 2008 में उन्हें एयर डेक्कन को विजय माल्या को बेचना पड़ा। माल्या ने इसे किंगफिशर नाम दिया। भारत में बजट हवाई यात्रा के जनक गोपीनाथ ने एयर डेक्कन को बर्बाद करने के लिए इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को दोषी ठहराया है।
बता दें गुरुवार को दिल्ली और बैंगलोर एयरपोर्ट पर 200+ फ्लाइट कैंसिल हुईं। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एयरलाइन को जो आम तौर पर करीब 2,300 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है, अपने विंटर शेड्यूल को 10 परसेंट कम करने का भी निर्देश दिया है।