राष्ट्रीय शिक्षा नीति : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूली शिक्षा में बड़े बदलाव किए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 5+3+3+4 ढांचे पर होगा. दरअसल ये 3 साल से 18 साल की उम्र तक शिक्षा का फोर स्टेज (5+3+3+4) स्ट्रक्चर है. नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करते हुए सरकार ने स्कूली शिक्षा के पूरे ढांचे को बदलने की बात कही थी. जिसमें कहा गया था कि बच्चों को रटंत विद्या से अलग प्रयोगात्मक ज्ञान के जरिये सिखाया जाएगा. इसमें एक चर्चा हुई थी 5+3+3+4 ढांचे की. दरअसल ये 3 साल से 18 साल की उम्र तक शिक्षा का फोर स्टेज (5+3+3+4) स्ट्रक्चर है.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि पाठ्यक्रम लचीलेपन पर आधारित होगा, ताकि शिक्षार्थियों को अपने सीखने की गति और कार्यक्रमों को चुनने का अवसर हो। इस तरह जीवन में अपनी प्रतिभा और रुचि के अनुसार वे अपने रास्ते चुन सकेंगे। कला और विज्ञान, पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों, व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं आदि के बीच में कोई भेद नहीं होगा। निशंक ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि इससे सभी प्रकार के ज्ञान की महत्ता को सुनिश्चित किया जा सके, और सीखने के अलग-अलग क्षेत्रों के बीच के हानिकारक पदानुक्रमों और इनके बीच के परस्पर वर्गीकरण या खाई को समाप्त किया जा सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अवधारणा अब जल्द ही जमीनी स्वरूप में नजर आएगी. इसके लिए सरकार की ओर से नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के लिए बनी कस्तूरीरंगन कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार किया है. अब इसमें प्राप्त सुझावों के अनुरूप कुछ सुधार के बाद स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा. स्कूलों के लिए तैयार इस नई व्यवस्था से बहुत कुछ बदलने वाला है. आइए जानते हैं कि हमारे बच्चे 3 से 18 साल की उम्र तक कैसे पढ़ेंगे.
क्या है 5+3+3+4 ढांचा, जिसमें ढलेगी स्कूली शिक्षा
एनईपी 2020 में सिफारिश की गई है कि स्कूली शिक्षा की कल्पना एकदम नये सिरे से की जानी चाहिए. इसे 5+3+3+4 के चार चरणों के डिजाइन में बांटा. जिसमें 3-18 साल की उम्र को कवर किया जाता है. इसमें 5+3+3+4 के फाइव का मतलब फाउंडेशनल इयर शामिल हैं. 5 यानी फाउंडेशन स्टेज दो भागों में बंटती है. पहला आंगनवाड़ी या प्री-स्कूल के 3 साल + प्राथमिक स्कूल में 2 साल. इस तरह 5+3+3+4 के 5 का मतलब आपको समझ आ गया होगा.
इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे। फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद में 3 साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12)। इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं।