बिहार के बांका जिले में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम धरती के नीचे दबे सोने के अपार भंडार की खोज में पहुंच गई है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम के चेहरे की चमक बता रही है कि उक्त स्थल पर पर्याप्त मात्रा में सोने का भंडार छुपा है।सोमवार को जिले के कटोरिया प्रखंड स्थित जयपुर गांव में टीम ने सिंगल ड्रील मशीन के जरिए लगभग सौ फीट ड्रिल किया। मंगलवार की सुबह से ही हेवी वाटर प्रेशर मशीन को कनेक्ट कर अन्वेषण कार्य शुरू किया गया है।अन्वेषण कार्य में लगे भूवैज्ञानिक अन्वेषण में निकले सामग्री को लैब टेस्ट के लिए संग्रह कर रहे है।
इस स्थल पर पिछले चार महीने से केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम के पांच सदस्य टीम लगातार अध्ययन कर रहे थे। चंदे पट्टी गांव निवासी 90 वर्षीय अलाउद्दीन ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने में मानव बल के सहारे उक्त स्थल पर लगभग बीस फीट खुदाई की गई थी। खोदाई में सोने जैसे चमकीले पत्थर के टुकड़ों को अंग्रेज अपने साथ ले गए थे।वहीं, गांव के 70 वर्षीय जनार्दन मंडल की मानें तो शायद उस वक्त अंग्रेजों के पास अत्याधुनिक मशीन नहीं रही होगी, जिस वजह से उनके काल में खनन का कार्य नहीं हो सका होगा।
गांव के समाजसेवी युवा मु फैज ने बताया कि चार माह पूर्व दिल्ली एवं पटना से छ्ह सदस्यीय टीम चंदे पट्टी गांव आए थे। उन्होंने अंग्रेजों के द्वारा खुदाई की गई स्थल पर पहुंचकर जांच की थी और सोने जैसे चमकीले पत्थरों को दूरबीन और अत्याधुनिक लेंस की मदद से जांच कर संग्रह कर रहे थे।इसके बाद से ही अलग-अलग भू-सर्वेक्षण टीम लगातार उक्त स्थल पर आकर नमूना संग्रह करते रहे है। दिल्ली से पहुंचे एक भू-गर्भ वैज्ञानिक ने बताया था कि इस वीरान बंजर भूमि की तकदीर बदलने वाली है। उन्होंने बताया था कि अन्य पत्थरों से इस जगह के पत्थर में अलग प्रकार की चमक है। जमीन के अंदर सोना होने की अपार संभावनाएं हैं।