नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइन पर संकट का एक नया दौर मंडरा रहा है। दिसंबर महीने की शुरुआत में ही 5000 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल होने और हजारों यात्रियों के एयरपोर्ट पर फंसे रहने के बाद अब कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया एयरलाइन पर एंटीट्रस्ट जांच शुरू करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह जांच यह पता लगाने के लिए हो सकती है कि क्या इंडिगो ने बाजार में अपने वर्चस्व का गलत इस्तेमाल किया और यात्रियों के लिए सेवाओं में बाधा डाली या उन पर अनुचित शर्तें थोपीं।
इंडिगो देश के घरेलू एयरलाइन मार्केट का करीब 65फीसदी हिस्सा कंट्रोल करती है। एयरलाइन को पायलटों के लिए लागू नए आराम नियमों को सही ढंग से लागू न कर पाने के कारण भारी क्रू शॉर्टेज का सामना करना पड़ा। कंपनी को 2422 कैप्टन्स की जरूरत थी लेकिन उसके पास केवल 2357 थे जिस वजह से दिसंबर के पहले हफ्तों में 5000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द हुईं। डीजीसीए ने सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ इसिड्रे पोरक्वेरास को शो-कॉज नोटिस भेजकर 24 घंटे में जवाब मांगा था। हालांकि इंडिगो ने अपने बड़े नेटवर्क का हवाला देते हुए जवाब देने के लिए 15 दिन का समय मांगा है।
सूत्रों ने बताया कि सीसीआई इस मामले पर नज़र रख रही है और जल्द ही यह तय करेगी कि जांच शुरू की जाए या नहीं। अगर शुरुआती जांच में पाया जाता है कि कंपनी धारा 4 का उल्लंघन कर रही है तो पूरी तरह से जांच शुरू करने का आदेश दिया जा सकता है। यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो एंटीट्रस्ट जांच के घेरे में आई है। 2015 और 2016 में भी दो मामले दर्ज हुए थे जिनमें से एक यात्रियों पर अनुचित शर्तें लगाने और दूसरा एयर इंडिया की शिकायत से संबंधित था लेकिन सीसीआई ने दोनों को खारिज कर दिया था।









