यात्रियों को रिफंड के अलावा मिलेगा मुआवजे में 10 हजार का ट्रैवल वाउचर
नई दिल्ली। इंडिगो की फ्लाइट्स कैंसिल होने की वजह से यात्रियों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। दिसंबर के पहले हफ्ते में सबसे ज्यादा यात्रियों को परेशानी हुईं, क्योंकि इस दौरान सैकड़ों इंडिगो की फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं। जिससे यात्रियों को आर्थिक तौर पर भी भारी नुकसान हुआ। जिसके बाद एयरलाइन के खिलाफ डीजीसीए ने सख्त कदम उठाया है। अब इंडिगो ने 3, 4 और 5 दिसंबर को बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने की वजह से यात्रियों को राहत देने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा है कि प्रभावित यात्रियों को सरकार के नियमों के अनुसार 5,000 रुपये से 10,000 रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा।
इसके साथ ही एयरलाइन ने सबसे ज्यादा प्रभावित यात्रियों के लिए 10,000 रुपये तक के अतिरिक्त ट्रैवल वाउचर जारी करने की भी घोषणा की है। यह फैसला उन यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण राहत माना जा रहा है, जिनकी यात्रा योजनाएं अचानक बदल गईं और जिन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। इस ट्रैवल वाउचर की खास बात यह है कि इसे अगले 12 महीनों तक कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यात्री भारत में इंडिगो की किसी भी घरेलू उड़ान या फिर अंतरराष्ट्रीय रूट के लिए इन वाउचर का उपयोग कर सकते हैं। इंडिगो ने बताया कि 10 हजार रुपये का ट्रैवल वाउचर उन यात्रियों दी जाएंगी, जिनकी यात्राएं एक से ज्यादा बार बदलनी पड़ीं, यानी जिनकी उड़ानें बार-बार रीशेड्यूल हुईं, या जिन्हें एयरपोर्ट पर लंबा इंतजार करना पड़ा। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपने रजिस्टर्ड ईमेल और मोबाइल नंबर पर भेजे गए मैसेज को चेक करें, ताकि उन्हें मुआवजा और वाउचर क्लेम करने की प्रक्रिया में आसानी हो।
इंडिगो ने यात्रियों से मांगी माफी
कंपनी के अनुसार, मुआवजा राशि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत दी जाएगी। जिन यात्रियों की उड़ानें एयरलाइन की वजह से रद्द हुईं, वे नियमों के मुताबिक इस मुआवजे के हकदार हैं। इंडिगो ने स्पष्ट किया कि मुआवजा राशि फ्लाइट की दूरी, टिकट श्रेणी और यात्री को हुई असुविधा के आधार पर दी जाएगी। इसका उद्देश्य यात्रियों को हुए आर्थिक नुकसान और अनावश्यक परेशानी को कम करना है। इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि रद्द उड़ानों के कारण जिन यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी, उनके लिए कंपनी खेद व्यक्त करती है और यह सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य में ऐसे हालात दोबारा न हो।
फ्लाइट उडऩे में 15 मिनट की देरी की जांच होगी
इंडिगो के फ्लाइट ऑपरेशंस में आई दिक्कतों के बाद तकनीकी खामियों की निगरानी का पूरा ढांचा तत्काल प्रभाव से बदल दिया गया है। उड़ानों में लगातार देरी, कैंसिलेशन और हालिया सुरक्षा घटनाओं ने डीजीसीए को डिफेक्ट रिपोर्टिंग सिस्टम को जड़ से सख्त करने के लिए मजबूर किया है। 12 पेज के नए आदेश के मुताबिक अब किसी भी निर्धारित उड़ान में तकनीकी कारण से 15 मिनट या उससे ज्यादा की देरी होती है तो उसकी जांच अनिवार्य होगी। कंपनी को बताना होगा कि देरी क्यों हुई? उसे कैसे ठीक किया गया? दोबारा न होने के लिए क्या उपाय किए? ये ऐसे प्रावधान हैं, जो पहले लागू नहीं थे। कंपनी को किसी भी ‘मेजर डिफेक्ट’ की तुरंत सूचना डीजीसीए को फोन पर देनी होगी। 72 घंटे में विस्तार से रिपोर्ट भेजनी होगी। डिफेक्ट तीन बार दोहराए जाने पर उसे ‘रिपीटेटिव डिफेक्ट’ माना जाएगा और उस पर अलग से विशेष जांच शुरू होगी। डीजीसीए ने यह सख्ती इसलिए की क्योंकि अब तक डिफेक्ट रिपोर्टिंग व्यवस्था कमजोर थी। अभी तक 15 मिनट की देरी की जांच जैसी व्यवस्था नहीं थी और रिपीट डिफेक्ट की परिभाषा भी नहीं थी।
इंडिगो संकट सामने आने के बाद नियम सख्त बने
डीजीसीए की तरफ से नए प्रावधान इंडिगो संकट के सामने आने के बाद आए हैं। दरअसल इंडिगो में क्रू मेंबर्स की कर्मी के चलते पिछले 8 दिनों में 5000 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हुईं थीं। इंडिगो चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता संकट के 9 दिन बाद बुधवार को लोगों के सामने आए। उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर यात्रियों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि हम हर पहलू की जांच करेंगे। इसमें बाहरी तकनीकी विशेषज्ञ भी रहेंगे, जो गड़बड़ी की असली वजह पता करेंगे।
11 एयरपोर्ट पर इंडिगो के ऑपरेशन का ऑन-साइट इंस्पेक्शन भी होगा
डीजीसीए ने बताया कि 2-3 दिन में सीनियर अधिकारी 11 घरेलू एयरपोर्ट पर ऑन-साइट इंस्पेक्शन करेंगे। अधिकारी इंडिगो के ऑपरेशन के अलग-अलग पहलुओं की जांच करेंगे। इन 11 एयरपोर्ट में नागपुर, जयपुर, भोपाल, सूरत, तिरुपति, विजयवाड़ा, शिरडी, कोचीन, लखनऊ, अमृतसर और देहरादून शामिल हैं। ये अधिकारियों दौरे के 24 घंटे के अंदर नई दिल्ली में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन में फ्लाइट सेफ्टी डिपार्टमेंट के ऑपरेशंस डायरेक्टर को रिपोर्ट देंगे।









