मुंबई: मुंबई (Mumbai) में रहने वाले 72 साल के एक नामी बिजनेसमैन (Businessman) के साथ जो हुआ, वो वाकई हैरान कर देने वाला मामला है. इस शख्स (Person) को ऑनलाइन ठगों (Online Fraudsters) ने ऐसी चाल में फंसाया कि वह दो महीने तक डर और धोखे की जाल में फंसा रहा. खुद को ईडी (Enforcement Directorate) और सीबीआई (CBI) अधिकारी बताने वाले ठगों ने उसे डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) में रखकर 58 करोड़ रुपये ठग लिए.
यह मामला अगस्त से अक्टूबर 2025 के बीच का है. एक दिन बिजनेसमैन को एक वीडियो कॉल आई. कॉल करने वालों ने कहा कि वे ईडी और सीबीआई से बोल रहे हैं और उनके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज हुआ है. अगर वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो तुरंत गिरफ्तारी हो सकती है. बिजनेसमैन और उनकी पत्नी घबरा गए. कॉल पर बैठे ठगों ने कहा कि उन्हें फिलहाल डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है. यानी उन्हें फोन पर लगातार नजर रखी जाएगी, और वे किसी से संपर्क नहीं कर सकते.
कॉल करने वालों ने पूरी चालाकी से भरोसा दिलाया कि अगर वे निर्दोष हैं तो कुछ रकम ‘जांच’ के लिए जमा कर दें, ताकि एजेंसियां उनका नाम क्लियर कर सकें. डर और भ्रम में आए इस बुज़ुर्ग बिजनेसमैन ने अपने खाते से RTGS के जरिए 58 करोड़ रुपये अलग-अलग 18 बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए, वो भी लगभग दो महीनों के भीतर. हर बार ठग यह कहते रहे कि जांच पूरी होने पर पैसे वापस कर दिए जाएंगे. लेकिन अक्टूबर की शुरुआत में जब कॉल्स अचानक बंद हो गईं, तब जाकर बिजनेसमैन को समझ आया कि वह एक बड़ी ठगी का शिकार हो चुका है.
शिकायत मिलते ही महाराष्ट्र साइबर विभाग ने जांच शुरू की. बैंक खातों की डिटेल ट्रेस की गई और तुरंत कई खातों में फ्रीज करने की कार्रवाई की गई. जांच में पता चला कि ठगी में शामिल तीन आरोपी मुंबई के ही हैं. अब्दुल खुल्ली (47), अर्जुन कदवसरा (55) और जेतराम (35). अब तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल मामले की जांच जारी है.