जयपुर: रावण का एक भाई था जिसका नाम कुंभकरण वो छः महीने सोता था। ये बात हमने तो रामायण में कई बार सुना है। लेकिन क्या आप जानते है कि राजस्थान के नागौर के परबतसर तहसील में एक छोटा सा गांव भादवा है। जिसमें एक ऐसा व्यक्ति है जो साल में 300 दिन तक सोता है।
नागौर के भादवा गांव में एक पुरखाराम नाम का व्यक्ति है। जो साल में 300 दिन तक सोता है। 42 साल के पुरखाराम वर्ष के 365 दिन में 300 दिन तक सोते है। सोते में ही वो खाना-पीना और नहाना भी कर लेते हैं। दरअसल डॉक्टरों के अनुसार पुरखाराम पिछले कई सालों से ‘एक्सिस हायपरसोम्निया’ बीमारी से ग्रसित है, ये एक साइकोलॉजिकल बीमारी है। ये बहुत ही रेयर बीमारी हैं इस बीमारी के कारण ही ये शख्स 25 दिनों तक नहीं जागते। पुरखाराम को हाइपरसोम्निया बीमारी का शिकार है। इस बीमारी के कारण उन्हें नींद बहुत ज्यादा आती है कि नींद आने पर यह भी पता नहीं चलता कि कितने दिन लगातार सो रहे हैं। जब यह शख्स इस बीमारी से ग्रसित हुआ तो लगातर 25 दिन तक सोता रहता था। नींद में ही घरवालों के द्वारा रोटी खिलाई जाती है और दैनिक नित्याक्रम के कार्य करवाए जाते हैं। लेकिन अब पिछले छः महीनों से पुरखाराम की स्वास्थय में सुधार हुआ है।
नींद आने से पहले उसे मालूम पड़ जाता है-
पुरखाराम ने बताया कि उसको लंबी नींद की बीमारी के बारे में पहले ही मालूम पड़ जाता है। एक दिन पहले ही सिर दर्द होने लगता है। सोने के बाद उन्हें उठाना नामुमकिन हो जाता है। परिजन उन्हें नींद में ही खाना खिलाते हैं। अभी तक पुरखाराम की नींद का कोई इलाज नहीं मिला है।
पुरखाराम कहते हैं कि वह ज्यादातर समय थके रहते हैं और उनकी उत्पादकता शून्य रहती है। दवा लेने और अत्यधिक सोने के बावजूद भी उन्हें सिरदर्द होता है। हालांकि, पुरखाराम की पत्नी लिच्छी देवी और उनकी मां कंवरी देवी को उम्मीद है कि वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे और पहले की तरह सामान्य जीवन जीने लगेंगे।