New Housing Scheme: पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था, “हम आने वाले सालों में एक नई योजना लेकर आ रहे हैं जिससे उन परिवारों को फायदा होगा जो शहरों में तो रहते हैं लेकिन किराए के घरों, झुग्गी-झोपड़ियों, चॉल और अनधिकृत कॉलोनियों में कुछ महीनों में लागू हो सकती है योजना अगले 5 सालों में होम लोन लेना सस्ता हो सकता है। सरकार होम लोन पर ब्याज सब्सिडी योजना (Home Loan Subsidy Scheme) बनाने पर विचार कर रही है।
केंद्र सरकार अगले पांच सालों में छोटे शहरी आवास के लिए सब्सिडी वाला लोन देने के लिए 60,000 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। साल 2028 तक के लिए प्रस्तावित इस स्कीम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकार के इस फैसले से मिडिल क्लास वाले उन लोगों का सपना साकार हो सकता है जो खुद का घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं।
मोदी सरकार नई हाउसिंग स्कीम
मिडिल क्लास का हर परिवार अपने घर का सपना देखता है। इस सपने को साकार करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार नई हाउसिंग स्कीम लेकर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानेंतो सरकार जल्द ही शहरी गरीबों और मिडिल क्लास के लिए 60,000 करोड़ रुपये की नई ब्याज सब्सि डी शुरू करेगी। व्यय वित्त समिति (ईएफसी) ने इस संबंध में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के प्रस्ताव को पहलेही मंजूरी दे दी है। नई योजना के तहत पात्र घरों का कारपेट एरिया काफी अधिक होने की संभावना है।
कुछ महीनों में लागू हो सकती है योजना
रॉयटर्स के अनुसार, इस साल के आखिरी में होने वाले चुनावों और 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले ये योजना लागू हो सकती है। पिछले महीने, केंद्र ने चुनाव से पहले महंगाई पर लगाम लगाने के लिए घरेलू रसोई गैस की कीमतों में लगभग 18% की कटौती की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए भाषण में पहली बार घर खरीदने वालों के लिए बैंक लोन में राहत देने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं बताई थी।
5 साल तक के लिए योजना
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की यह योजना पांच वर्षों तक चलेगी। इसके जरिए 50 लाख रुपये तक के होम लोन की रकम पर प्रति वर्ष 3-6% की ब्याज छूट देने की योजना है। एक अधिकारी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बताया है कि ईएफसी ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि, आवास और शहरी विकास मंत्रालय, वित्त मंत्रालय नेइस पर अब तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट संभवतः जल्द ही इस पर विचार करेगी।