Naxal Surrender Odisha : के तहत ओडिशा सरकार को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी और निर्णायक सफलता मिली है। मलकानगिरी जिले में मंगलवार को कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों ने ओडिशा के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया के समक्ष सरेंडर किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियां नक्सल संगठन के लिए एक बड़ा झटका मान रही हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले अधिकांश नक्सली केरलापाल एरिया कमेटी से जुड़े हुए थे। इनमें दोरनापाल LOS के कई कमांडर स्तर के नक्सली भी शामिल हैं, जो लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बने हुए थे। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इन नक्सलियों का सरेंडर नक्सल नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में अहम कदम है।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी सौंपा है। इनमें 1 AK-47, 2 INSAS राइफल, 1 SLR सहित कुल 9 हथियार, बड़ी मात्रा में कारतूस और अन्य नक्सली सामग्री शामिल है। आत्मसमर्पण करने वालों में केरलापाल, जगरगुंडा एरिया कमेटी और प्लाटून-26 से जुड़े 19 नक्सली हैं, जबकि आंध्रप्रदेश–ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी के 3 नक्सली भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि मलकानगिरी जिला छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से सटा हुआ है और लंबे समय से नक्सल गतिविधियों का गढ़ माना जाता रहा है। यह ओडिशा में इस साल का पहला सामूहिक नक्सली आत्मसमर्पण है, जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है।
ओडिशा के कुल 9 जिले—मलकानगिरी, कोरापुट, कालाहांडी, कंधमाल, बालांगीर, नबरंगपुर, नुआपड़ा, रायगढ़ा और बौध—नक्सल प्रभावित माने जाते हैं। इनमें से 6 जिले छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे हैं। Naxal Surrender Odisha को क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।









