व्हीलचेयर पर बैठा व्यक्ति अब आसानी से एक बटन दबाकर खडा हो सकेगा, आंख से आंख मिलाकर बात कर सकेगा, हाथ बढाकर किताब ले सकेगा और काउंटर पर खडा होकर एक कप कॉफी का आनंद ले सकेगा। यह सब संभव होगा स्वदेशी तकनीक से निर्मित कस्टमाइजेबल इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर से। आईआईटी मद्रास ने दुनियाभर की संभावनाएं सच करने के लिए इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर का आविष्कार किया है। नियोस्टैंड एक कॉम्पैक्ट स्टैंडिंग व्हीलचेयर है। इसके मोटराइज्ड स्टैंडिंग मैकेनिज्म के लिए नेविगेशन आसान बनाया गया है। व्हीलचेयर पर बैठा व्यक्ति एक बटन दबाकर आसानी से खुद खड़ा हो सकता है। इससे उनके लिए एक साथ कई संभावना सच हो सकती हैं चाहे वह आंख से आंख मिलाकर बात करना हो हाथ बढ़ा कर किताब लेना हो या फिर काउंटर पर खड़ा होकर एक कप कॉफी का आनंद लेना हो। भारत के पहले मैनुअलस्टैंडिंग व्हीलचेयर एराइज और व्हीलचेयर के लिए देश के पहले मोटराइज्ड ऐड-ऑन नियोबोल्ट का विकास भी उनके मार्गदर्शन में ही किया गया। इस उपकरण का सफलतापूर्वक व्यवसायीकरण किया गया और आईआईटी मद्रास में इनक्यूबेट किया गया स्टार्ट-अप नियोमोशन के माध्यम से यह बाजार में पहुंच रहा है।
नियोस्टैंड की खूबियां
नियोस्टैंड पूरी तरह यूजर का ध्यान रखते हुए डिजाइन किया गया है।यह व्हीलचेयर का अभूतपूर्व अनुभव देने वाला है।वे लंबे समय तक बैठ सकते हैं और जब चाहें आराम से खड़े हो सकते हैं। इससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा भी बहुत कम हो जाएगा। यह कॉम्पैक्ट है इसलिए कम जगह में भी आसानी से चलेगा। इससे कहीं भी पहंचना आसान होगा। आराम से बैठने और आसानी से खड़े होने के बीच रुकने का भी विकल्प होगा। इस इनोवेशन से यूजर की जिन्दगी आसान होगी और सामाजिक मेल-जोल बढ़ जाएगा।
सपने से कम नहीं व्हीलचेयर
पूरी दुनिया के अधिकतर व्हीलचेयर यूजर के लिए आसानी से खड़ा होना किसी सपने से कम नहीं है। लेकिन खड़ा होना कई कारणों से जरूरी है मसलन बेहतर रक्त संचार और बेहतर पाचन । खड़ा नहीं होने से प्रेशर सोर जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं और दैनिक काम-काज भी कठिन हो जाता है। आज ऐसे लोग अक्सर बाहरी मदद पर निर्भर करते हैं और कुछ तो ऑर्थोसेस का उपयोग करते हैं । उनके लिए चुनौती और बढ़ जाती है जो गंभीर रूप से अपंग हैं और जिनके शरीर के ऊपरी भाग में ताकत नहीं है। खड़े होने की आवश्यकता और इसमें लाचारी व्हीलचेयर उपयोग करने वालों की यह चुनौती दूर करने का आईआईटी मद्रास की टीम ने बीड़ा उठाया। टीम ने उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने और स्वस्थ रहने के लिए एक अधिक कारगर उपकरण देने की ठान ली। व्हीलचेयर में खड़े होने का फंक्शन देना यूजर के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। साथ ही उनके लिए अपना काम-काज करना आसान होगा और मनोबल भी बढ़ेगा। ई-व्हीलचेयर से खुद एक दायरे में घूम सकते हैं और अपना दैनिक काम-काज कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अब एक बटन दबाकर खुद खड़े भी हो सकते हैं। इससे क्वाड्रिप्लेजिया पीड़ितों को बहुत मदद मिलेगी।