ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सम्मानित किया रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने

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नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने (By Defense Minister Rajnath Singh) ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा (Olympic medalist Neeraj Chopda) को मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सम्मानित किया (Was Conferred the rank of Honorary Lieutenant Colonel) । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में नीरज को यह सम्मान औपचारिक रूप से प्रदान किया।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा दृढ़ संकल्प, देशभक्ति और उत्कृष्टता की भारतीय भावना का प्रतीक हैं। उन्होंने अपने अनुशासन और समर्पण से न केवल खेल जगत में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बनने का काम किया है। रक्षा मंत्री ने नीरज चोपड़ा की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि नीरज ने मैदान में जो अनुशासन और निष्ठा दिखाई, वही भावना उन्हें सेना के आदर्शों से जोड़ती है। वह आने वाली पीढ़ियों के लिए सच्चे प्रेरणास्रोत हैं। नीरज चोपड़ा को वर्ष 2016 में भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में शामिल किया गया था। हरियाणा के पानीपत जिले के खांदरा गांव में 24 दिसंबर 1997 को जन्मे नीरज ने अपने प्रदर्शन से न केवल भारत को, बल्कि भारतीय सेना को भी गौरवान्वित किया है।

उन्होंने 2020 के टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए ट्रैक एंड फील्ड में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उन्होंने 2024 के पेरिस ओलंपिक में रजत पदक और 2023 की वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। इसके अलावा, नीरज ने एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और डायमंड लीग में भी कई स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने हाल ही में 90.23 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो (2025) कर भारतीय एथलेटिक्स इतिहास में नया मील का पत्थर स्थापित किया।

नीरज की उत्कृष्ट उपलब्धियों और राष्ट्र सेवा के प्रति उनके योगदान के सम्मान में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 16 अप्रैल 2025 को टेरिटोरियल आर्मी में मानद कमीशन प्रदान किया था। नीरज को पहले भी कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें पद्म श्री, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, परम विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं। कार्यक्रम में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना व टेरिटोरियल आर्मी के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।