Death anniversary: भारत के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवीं पुण्यतिथि के मौके पर बीजेपी ने कार्यक्रम रखा है, जिसमें पूर्व बीजेपी नेता को याद किया जाएगा। इस मौके पर बीजेपी के तमाम बड़े नेता पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत तमाम बड़े बीजेपी नेता वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पालक बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य ने भी उनकी पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। खास बात ये है कि बीजेपी की तरफ से पहली बार पुण्यतिथि कार्यक्रम में एनडीए के घटक दलों को न्योता दिया गया है।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays floral tribute at 'Sadaiv Atal' memorial on former PM Atal Bihari Vajpayee's death anniversary. pic.twitter.com/sKhGiQAY2s
— ANI (@ANI) August 16, 2023
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “मैं भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मिलकर विलक्षण प्रतिभा वाले अटल जी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभ हुआ। उन्होंने हमारे देश की प्रगति को बढ़ावा देने और कई क्षेत्रों में इसे 21वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
एनडीए के घटक दल भी पहुंचे
बीजेपी की तरफ से न्योता मिलने के बाद एनडीए के तमाम बड़े नेता भी इस पुण्यतिथि कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं। एनडीए के घटक दल के नेता जीतन राम मांझी, सुदेश महतो, थंबी दुरई, शिवसेना से राहुल शेवाले, प्रफुल्ल पटेल, अगाथा संगमा, अनुप्रिया पटेल भी इस कार्यक्रम में पहुंचे। इनके अलावा भी कुछ और एनडीए के नेता कार्यक्रम में पहुंच सकते हैं।
16 अगस्त को हुआ था निधन
1924 में ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी दशकों तक भाजपा का चेहरा रहे और वह पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। वाजपेयी ने 16 मई 1996 से एक जून 1996 तक और फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री मोराजी देसाई के मंत्रिमंडल में भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया था। 2018 में 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया था। 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न प्राप्तकर्ता अटल जी को सम्मानित करने के लिए घोषणा की थी कि हर साल 25 दिसंबर को उनके जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।