‘ऑपरेशन सिंदूर’ वाले राफेल में उड़ान! राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उस जेट में भरी उड़ान जिसने पाक को किया था धुआं-धुआं

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अंबाला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल विमान में उड़ान भरी. अंबाला एयरबेस, जहां से “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान राफेल समेत कई फाइटर जेट्स ने उड़ान भरकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था. जब राष्ट्रपति ने उड़ान भरी, उस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. भारत का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का कमांडर भी होता है. राफेल में सवारी करने से पहले राष्ट्रपति ने ‘जी-सूट’ पहना था. हाथ में हेलमेट, धूप का चश्मा लगाकर विमान के पायलटों के साथ फोटो खिंचवाई. जब अंबाला एयरपोर्ट से उड़ान भरीं तो हाथ हिलाकर अभिवादन किया. राफेल की सवारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कर चुके हैं.

2020 में वायुसेना में शामिल हुआ राफेल

राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में सितंबर 2020 में शामिल हुआ. यह फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा बनाया गया है. दरअसल, अंबाला एयरबेस राफेल स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ का मुख्य केंद्र है. इसलिए ऐसे स्टेशनों को प्राथमिकता दी जाती है. इन विमानों ने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले कर अपनी ताकत का प्रमाण दिया था. उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि राष्ट्रपति दिल्ली बुधवार सुबह हवाई मार्ग के माध्यम से अंबाला एयरफोर्स स्टेशन छावनी पहुंचीं. उनकी सुरक्षा के लिहाज से एयरफोर्स स्टेशन के आसपास के इलाके में ड्रोन को उड़ाने पर पाबंदी लगाई गई है. इसके अलावा एयरफोर्स स्टेशन के अंदर किसी को भी मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं दी गई है. स्टेशन के अंदर प्रवेश भी केवल उन्हीं को मिलेगा, जो अधिकृत व्यक्ति होंगे.

26 नए राफेल मरीन जेट को मंजूरी

राष्ट्रपति ने उड़ान उस ऐसे समय में भरीं, जब भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन जेट्स की डील को मंजूरी मिल चुकी है. फाइटर जेट का यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी मिलने के बाद हुआ. 26 फाइटर में 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर जेट शामिल होंगे.