Saturday, April 19, 2025
HomeदेशSC ने वित्त अधिनियम 2017 के क्रियान्वयन पर जताई नाराजगी

SC ने वित्त अधिनियम 2017 के क्रियान्वयन पर जताई नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने कल बुधवार को एक सुनवाई के दौरान कहा कि जब कोई कानून होता है, तो उसे लागू किया जाना चाहिए. साथ ही, उसने वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों के असंतोषजनक कार्यान्वयन पर चिंता जताई जिसमें नकद लेन-देन की सीमा 2 लाख रुपये तक सीमित कर दी गई थी. कोर्ट ने साफ कर दिया कि 2 लाख से ऊपर के लेन-देन का मामला सामने आने के बाद आयकर विभाग एक्शन ले सकता है और वह छापा भी मार सकता है.

इस संबंध कई निर्देश जारी करते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा कि जब भी ऐसा कोई केस आता है, तो अदालतों को अधिकार क्षेत्र वाले आयकर प्राधिकरण को इसकी सूचना देनी चाहिए, ताकि कानून में उचित प्रक्रिया का पालन करके उचित कदम उठाया जा सके. इससे पहले सरकार ने वित्त अधिनियम 2017 के जरिए 1 अप्रैल, 2017 से 2 लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया.

यह IT Act की धारा 269ST का उल्लंघन- SC
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच एक संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि एडवांस पेमेंट के रूप में 10 अप्रैल, 2018 को 75 लाख रुपये कैश के जरिए दिए गए थे.

शीर्ष अदालत ने कहा कि यह केस न केवल लेन-देन के बारे में संदेह पैदा करता है, बल्कि कानून का उल्लंघन भी दर्शाता है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जब भी कोई केस दायर किया जाता है, जिसमें दावा किया जाए कि किसी लेन-देन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान कैश के रूप में किया गया है, तो अदालतों को लेन-देन और आयकर अधिनियम की धारा 269ST के उल्लंघन की पुष्टि करने के लिए अधिकार क्षेत्र वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए.

बड़े लेन-देन की जानकारी IT प्राधिकरण को दी जाए- SC
देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा, “हालांकि संशोधन 1 अप्रैल, 2017 से प्रभावी हो गया है, लेकिन हम वर्तमान केस से यह पाते हैं कि इसमें कोई खास बदलाव नहीं आया है. जब कोई कानून होता है, तो उसे लागू करना होता है.” कोर्ट ने आगे कहा, “ज्यादातर मौकों पर देखा गया है कि ऐसे लेन-देन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है या आयकर अधिकारियों के संज्ञान में नहीं लाया जाता है.”

बेंच ने कहा, “यह स्थापित स्थिति है कि वास्तव में अज्ञानता क्षम्य है, हालांकि कानून में अज्ञानता क्षम्य नहीं होती है.” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 269 एसटी 2 लाख रुपये से अधिक के लेन-देन को डिजिटल बनाकर काले धन पर अंकुश लगाने के लिए पेश की गई थी और अधिनियम की धारा 271 डीए के तहत समान राशि का जुर्माना लगाने का विचार किया गया था.” कोर्ट ने आगे कहा, “केंद्र सरकार ने नकद लेन-देन को सीमित करने और डिजिटल इकोनॉमी की ओर आगे बढ़ना उचित समझा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालने वाली काली अर्थव्यवस्था पर अंकुश लगाया जा सके. वित्त विधेयक, 2017 को पेश करने के दौरान बजट भाषण का संदर्भ देना उपयोगी होगा…”

शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि जब भी कोर्ट या अन्य किसी माध्यम के जरिए ऐसी कोई सूचना मिलती है, तो क्षेत्राधिकार आयकर प्राधिकरण कानून में उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उचित कदम उठाएगा. कोर्ट के अनुसार, “जब भी रजिस्ट्रेशन के लिए पेश किए गए दस्तावेज में किसी अचल संपत्ति के ट्रांसफर के लिए कैश में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि का भुगतान किए जाने का दावा किया जाता है, तो क्षेत्राधिकार सब रजिस्टार को क्षेत्राधिकार आयकर प्राधिकरण को इसकी सूचना देनी चाहिए, जो कोई भी कार्रवाई करने से पहले कानून में उचित प्रक्रिया का पालन करेगा.

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group