नई दिल्ली| कांग्रेस सांसद शशि थरूर को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के निधन को लेकर किए गए ट्वीट में उन्हें शांति के लिए असली ताकत बताने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा लगातार हमला कर रही है। भाजपा के वार का पलटवार करते हुए थरूर ने एक ट्वीट किया और लिखा, अगर मुशर्रफ भारत के लिए अभिशाप थे, तो 2003 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उसके साथ युद्ध विराम पर बातचीत क्यों की और 2004 में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर क्यों किए? क्या उन्हें तब एक विश्वसनीय शांति साथी के रूप में नहीं देखा गया था?
थरूर ने रविवार को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के निधन पर शोक व्यक्त किया था।
थरूर ने कहा था कि मुशर्रफ, जो कभी भारत के कट्टर दुश्मन थे, 2002 से 2007 के दौरान शांति के लिए असली ताकत बन गए थे।
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा, मैं उन दिनों संयुक्त राष्ट्र में हर साल उनसे मिला और उन्हें अपनी रणनीतिक सोच में स्मार्ट, आकर्षक और स्पष्ट पाया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।
थरूर ने ट्विटर पर पोस्ट किया: पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुर्लभ बीमारी से निधन हो गया। कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे मुशर्रफ 2002-2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे। मैं उन दिनों संयुक्त राष्ट्र में हर साल उनसे मिला और उन्हें अपनी रणनीतिक सोच में स्मार्ट, आकर्षक और स्पष्ट पाया।
79 साल की उम्र में मुशर्रफ का रविवार को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।