देश में पहली बार रोबोटिक सर्जरी (Robotic Surgery) के जरिये लार ग्रंथि के ट्यूमर को हटाने में डॉक्टरों को सफलता मिली है. चेन्नई के अपोलो अस्पताल में 49 वर्षीय एक महिला के गले में बिना चिर-फाड़ के इस ऑपरेशन को को सफलता पूर्वक किया गया. अपोलो अस्पताल ने एक बयान में कहा कि इतने बड़े ट्यूमर को गले से हटाना यह अपने आप में पहली सर्जरी है. यह सर्जरी अपोलो अस्पताल में रोबोटिक ईएनटी हेड एंड नेक ऑन्कोलॉजी के क्लिनिकल लीड डॉ. वेंकट कार्तिकेयन की ओर से की गई थी, जो अब तक इस तरह की 125 सर्जरी कर चुके हैं.
6 , 58 CM का था ट्यूमर
सर्जरी को सफलतापूर्वक करने वाले डॉ. वेंकट कार्तिकेयन ने इस बार में बताते हुए कहा कि विजयलक्ष्मी नाम की महिला अपोलो अस्पताल में अपनी गर्दन के दाहिनी ओर एक बड़े ट्यूमर के साथ आई थी. उन्होंने बताया कि यह देश में पहली बार RAHI अप्रोच वाली रोबोटिक सर्जरी है. उन्होंने कहा कि महिला की लार ग्रंथि पर 8 सेमी के आकार का एक ट्यूमर हटाने के लिए सर्जरी की गई. जिसमें खासतौर से गर्दन पर कोई निशान नहीं पड़ा.
क्या होती है रोबोटिक सर्जरी?
डॉ. कार्तिकेयन ने बताया कि रोबोटिक हेड-एंड-नेक सर्जरी ईएनटी के क्षेत्र में एक उभरती विशेषता है. इसे गले के कैंसर के लिए ट्रांस ओरल रोबोटिक सर्जरी (टीओआरएस) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इसके साथ ही गर्दन पर बिना कोई निशान छोड़े ट्यूमर हटाने के लिए रेट्रोऑरिक्युलर हेयरलाइन चीरा (आरएएचआई) लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि इस तरह की सर्जरी से गर्दन पर चीरे का निशान नजर नहीं आता है. इससे बेहतर कॉस्मेसिस और उच्च तरीके से एंडोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा मिलती है.
नहीं पड़ता चीरे का निशान
रोबोटिक सर्जरी को युवक और युवतियों के लिए एक सही ट्रीटमेंट माना जाता है. दरअसल, सामान्य सर्जरी करने पर ऑपरेशन के दौरान लगे चीरे का निशान बना रहता है. वहीं, रोबोटिक सर्जरी में हेयरलाइन चीरा लगाया जाता है, जो आसानी से नजर नहीं आता है. यह ट्रीटमेंट सिर और गर्दन के कैंसर रोगियों के लिए किसी वरदान की तरह कहा जाता है. इसके जरिये थायरॉयड, पैराथायरायड ग्रंथियों, पैराफेरीन्जियल स्पेस ट्यूमर, लार ग्रंथि को हटाने जैसे ऑपरेशन आसानी से किए जाते हैं
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