पीएम नरेंद्र मोदी इन दिनों संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर हैैं। आज वह यहां पर पश्चिम एशिया के सबसे बड़े मंदिर का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी के खचाखच भरे जायद स्टेडियम में भारतीय लोगों को संबोधित किया। अन्य देशों की तरह यहां भी अहलान मोद (हैलो मोदी) कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यहां पर भारतीयों को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में उनकी सरकार के 10 सालों के कामकाज का लेखा जोखा और उपलब्धियों को बताया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत की आवाज अब दुनिया भर के हर बड़े मंच पर सुनाई देने लगी है। दुनिया में जहां भी कोई संकट हो तो भारत की पहुंच सबसे पहले वहां होती है। भारत में भी एक मजबूत राष्ट्र के रूप में भारत अपने नागरिकों के साथ खड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अबू धाबी में भव्य दिव्य मंदिर के लोकार्पण का ऐतिहासिक समय आ गया है। भारत यूएई की दोस्ती जितनी जमीन पर मजबूत है, उतना ही परचम अंतरिक्ष में भी लहरा रहा है।
यूएई के राष्ट्रपति की दरियादिली का किस्सा सुनाया पीएम मोदी ने
प्रधानमंत्री ने जायद स्टेडिय में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुये वहां के राष्ट्रपति की दरियादिली का किस्सा सुनाते हुए कहा कि जब 2015 में मैैंने आप सबकी ओर से अबू धाबी में मंदिर निर्माण का प्रस्ताव राष्ट्रपति नाहयान के सम्मुख रखा तो उन्होंने एक पल भी देरी किये बिना मुझसे इस बारे में हां कह दिया था। मोदी ने कहा किउस वक्त राष्ट्रपति नाहयान ने मुझसे कहा था कि जिस जमीन पर आप लकीर खींच देंगे वो मैैं दे दूंगा।
यूएई में अब रुपे सेवा शुरू
संयुक्त अरब अमीरात में अब भारतीय रुपे कार्ड सेवा शुरू हो गई है। मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति जायद अल नाहयान और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सेवा की शुरूआत की। राष्ट्रपति नाहयान ने इस सेवा का शुभारंभ करते हुये अपने नाम से उभरा हुआ एक कार्ड स्वाइप किया। इस अवसर पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि हम मेरे यूपीआई रूपे कार्ड और आपके जयवान कार्ड की पेशकश के साथ एक नए फिनटेक युग की शुरूआत करने जा रहे है इससे दोनों देशों के लोगों को बिना बाधा सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी। घरेलू डेबिट/क्रेडि कार्डों को आपस में जोडऩे वाले एक और समझौते पर रुपे (भारत) के साथ जयवान (यूएई) के बीच हस्ताक्षर हुए। इससे यूएई में रुपे की स्वीकृति बढ़ाने में मदद मिलेगी।