Unnao Rape Case : एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले में मुख्य आरोपी और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा निचली अदालत की सजा को सस्पेंड करना न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा पर रोक लगाते हुए कुलदीप सेंगर को जमानत दे दी थी। इसके बाद पीड़ित पक्ष और सामाजिक संगठनों में नाराजगी देखी गई। खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले दोनों वकील इस केस के प्रत्यक्ष पक्षकार नहीं रहे हैं, हालांकि मामले के मूल पक्षकार भी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के संकेत दे चुके हैं।
इस बीच, पीड़िता ने साफ शब्दों में कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ पीछे हटने वाली नहीं है। पीड़िता का कहना है कि जब तक कुलदीप सेंगर की जमानत रद्द नहीं होती, तब तक वह चुप नहीं बैठेगी। उसने न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट से उसे न्याय की उम्मीद है।
Unnao Rape Case को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि पीड़िता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहती है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर मामला सही तरीके से पेश किया गया होता, तो हाईकोर्ट से ऐसा फैसला नहीं आता। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर न्याय प्रणाली, संवेदनशीलता और पीड़ितों के अधिकारों को लेकर बहस छेड़ दी है।









