UP News: बंधवा से चिल्लापुल तक सड़क चौड़ीकरण में बाधा बनें ललौली कस्बे के अतिक्रमण पर मंगलवार को पीडब्ल्यूडी विभाग सख्त हो गया। अतिक्रमण के दायरे में चिन्हित यहां के 137 दुकान व मकान के मालिकों को 30 दिन पहले नोटिस देकर स्वत: से अतिक्रमण तोड़ने की चेतावनी दी गई थी। कुछ लोगों ने स्वत: से अतिक्रमण तोड़ना शुरू कर दिया था, लेकिन कुछ लोग अब भी अतिक्रमण नहीं हटा रहे थे। अफसरों ने यहां पांच बुलडोजर लगाकर आठ घंटे अभियान चलाया और दायरे में आने वाले 25 मकानों व दुकानों के अतिक्रमण वाले हिस्से को तोड़ दिया, कुल 52 लोगों के अस्थाई अतिक्रमण को भी हटाया।
अतिक्रमण के दायरे में ललौली कस्बे के सदर बाजार वाली मस्जिद का दस फीट हिस्सा भी आ रहा है, लेकिन यह फिलहाल नहीं तोड़ी गई। मस्जिद कमेटी के आग्रह पर मस्जिद स्वत: से तोड़ने के लिए 30 दिन का समय और प्रदान किया गया।
बता दें ललौली वर्ग विशेष की बाहुल्यता वाली ग्राम सभा है, यहां अतिक्रमण अभियान चलाने से पहले विभाग ने पुलिस व राजस्व टीम का भी पुख्ता इंतजाम किया था। किसी बवाल की आशंका पर यहां गाजीपुर, राधानगर, असोथर व ललौली थाने का फोर्स तैनात करने के साथ ही एक प्लांटून पीएसी की टुकड़ी बुलाई गयी। हालांकि अभियान शुरू होने के बाद अतिक्रमणकारियों का विरोध नहीं हुआ। अतिक्रमण अभियान के दौरान पीडब्ल्यूडी के एई अनिल कुमार गुप्ता, जेई अरुण कुशवाहा, ललौली थानाध्यक्ष बच्चेलाल समेत भारी पुलिस बल तैनात रहा।
6.59 करोड़ से चौड़ीकरण व तीन करोड़ से नाला
बंधवा से चिल्ला पुल तक की दूरी सात किलोमीटर है, यह सड़क हर वर्ष ओवरलोडिंग के कारण टूट रही है। वाहन निकलने में भारी दिक्कते हैं। विभाग ने इस सड़क के चौड़ीकरण के साथ नये सिरे से बनाने के लिए एस्टीमेट पास किया। 6.59 करोड़ से सड़क चौड़ीकरण होना है, जबकि तीन करोड़ की लागत से आबादी क्षेत्र में नाले का निर्माण किया जाना है। आबादी क्षेत्र में अतिक्रमण होने के कारण सड़क निर्माण का काम नहीं हो पा रहा था।
40 फीट का मानक सड़क में लागू
पीडब्ल्यूडी विभाग ने सड़क और नाला निर्माण के लिए सड़क का जो मानक तय किया है, उसमें सड़क के मध्य भाग से सड़क के दोनों तरफ 40-40 फीट जमीन खाली कराई जानी है। आबादी क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो हर जगह पर सड़क खाली है। आबादी क्षेत्र में अधिकांश घरों व दुकानों में पांच से दस फीट का अतिक्रमण है। किसी का कमरा तो किसी का बरामदा तोड़फोड में जा रहा है। अनेक लोगों के टिनशेड भी जा रहे हैं।