नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ के बावजूद स्थिति सामान्य नहीं हुई है। रविवार को भी स्टेशन में यात्रियों की भारी भीड़ रही और अव्यवस्था का माहौल ऐसा कि कुछ लोग इमरजेंसी विंडो से ट्रेन में प्रवेश करते देखे गए। दिल्ली से बिहार जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में रविवार को यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली। हालात ऐसे थे कि जब दरवाजे से चढ़ने की जगह नहीं मिली, तो यात्री आपातकालीन खिड़की से ट्रेन में घुसते नजर आए। भीड़ का दबाव, धक्का-मुक्की और अव्यवस्था तस्वीरों और चश्मदीदों के अनुसार, ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचते ही यात्री तेजी से चढ़ने के लिए दौड़ पड़े। रिजर्वेशन टिकट से अधिक अनारक्षित और वेटिंग टिकट धारकों की भारी भीड़ मौजूद थी, जिससे ट्रेन में चढ़ने के दौरान अफरा-तफरी मच गई। स्लीपर कोच की आपातकालीन खिड़की से यात्री न केवल खुद को अंदर घुसाने की कोशिश कर रहे थे, बल्कि अपने सामान को भी पहले ट्रेन में फेंक रहे थे। इस दौरान धक्का-मुक्की और हंगामे की स्थिति बनी रही। गौरतलब है कि शनिवार रात प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की जान चली गई थी।
रेलवे प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। यात्रियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण लोगों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ रही है। अब देखना होगा कि रेलवे प्रशासन इस अव्यवस्था से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है और यात्रियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करता है।
सीढ़ियों से उतरा रेला और दबते गए लोग
दिल्ली के कापसहेड़ा के रहने वाले एक श स ने कहा कि भगदड़ की शुरुआत सीढ़ियों से हुई थी। प्लैटफॉर्म पर भीड़ जरूर थी लेकिन हलचल कम थी। ट्रेन के प्लैटफॉर्म परिवर्तन के बाद लोगों का इधर से उधर आना जाना शुरू हो गया। वहीं सीढ़ियों के ऊपर से एक रेला आया और उसकी चपेट में आकर लोग गिरने लगे। गिरने वाले लोग दबते चले गए। और लाशें बिछती गईं। यह पूरा वाकया बताने वाले श स की मां भी भगदड़ में गिर गईं। उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि वह परिवार के साथ छपरा जा रहे थे। महाकुंभ जाने की ललक और अथाह भीड़ की वजह से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर करीब डेढ़ दर्जन लोगों की जान चली गई। इसमें कई बच्चे भी शामिल हैं।
दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ः मृतकों के परिजनों को 10 लाख देगी सरकार
महाकुंभ जाने के लिए उमड़ी भीड़ के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। हादसे में करीब 18 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हुए हैं। हादसे को लेकर सरकार ने मुआवजे का ऐलान कर दिया है। हादसे में अपने परिजनों को खोने वालों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे। घायलों को ढाई लाख जबकि मामूली घायलों को एक लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। मुआवजे की राशि वितरित की जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ पूरी घटना को लेकर रेलवे प्रशासन ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रात करीब 10 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 के पास अप्रत्याशित भीड़ की स्थिति पैदा हो गई। अचानक हुई भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ यात्री बेहोश हो गए। इससे भगदड़ जैसी स्थिति की अफवाह फैल गई। इससे अफरा-तफरी मच गई। बाद में भीड़ को कम करके स्थिति को नियंत्रित किया गया। उत्तर रेलवे ने अप्रत्याशित अचानक हुई भीड़ को निकालने के लिए तुरंत 4 विशेष ट्रेनें चलाईं। अब भीड़ कम हो गई है। इस बीच, बेहोश और घायल यात्रियों को आरपीएफ और दिल्ली पुलिस द्वारा नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया है। दुर्भाग्यपूर्ण घटना की रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ में मरने वाले अधिकांश बिहार के लोग, 18 की हुई पहचान
शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई तो दर्जनों लोग घायल हो गए। घटना में जान गंवाने वाले अधिकतर लोग बिहार के हैं। 7 साल के बच्चे से लेकर 79 साल के बुजुर्गों तक ने घटना में अपनी जान गंवाई है। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया गया है। मृतकों में 12 महिलाएं शामिल हैं तो 4 बच्चों को भी जान चली गई। भगदड़ में मारे गए बच्चों की उम्र 7 साल से लेकर 15 साल तक की है। 18 मृतकों में से 9 की पहचान बिहार निवासी के रूप में हुई है। बक्सर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और पटना के कई लोगों ने हादसे में अपनी जान गंवा दी।
इनकी गई जान
आहा पत्नी पति रविंदे नाथ, निवासी बक्सर, उम्र- 79 साल, पिंकी पत्नी पति उपेंद्र शर्मा, निवासी संगम विहार दिल्ली, उम्र- 41 साल, शीला पत्नी पति उमेश गिरी, निवासी सरिता विहार दिल्ली, उम्र 50 साल, व्योम पुत्र धर्मवारी, निवासी बवाना दिल्ली, उम्र- 25 साल, पूनम देवी पत्नी मेघा नाथ, निवासी सारन बिहार, उम्र- 40 साल, ललिता देवी पत्नी संतोश, निवासी- पटना बिहार, उम्र- 35 साल, सुरुचि पुत्री मनोज शाह निवासी मुजफ्फरपुर बिहार, उम्र- 11 साल, कृष्णा देवी पत्नी विजय शाह, निवासी- समस्तीपुर बिहार, उम्र- 40 साल, विजय शाह पुत्र राम स्वरूप शाह निवासी- समस्तीपुर बिहार, उम्र- 15 साल, नीरज पुत्र इंद्रजीत पासवान, निवासी वैशाली बिहार, उम्र- 12 साल, शांति देवी पत्नी राज कुमार मांझी, निवासी- नवादा बिहार, उम्र 40 साल, पूजा कुमार पुत्री राज कुमार मांझी, नवादा बिहार, उम्र- 8 साल, संगीता मलिक पत्नी मोहित मलिक, निवासी- भिवानी हरियाणा, उम्र 34 साल, पूनम पत्नी वीरेंद्र सिंह, निवासी महावीर एनक्लेव उम्र 34 साल, ममता झा पत्नी विपिन झा, निवासी- नांगलोई दिल्ली, उम्र 40 साल, रिया सिंह पुत्री ओपिल सिंह, निवासी- सागरपुर दिल्ली, उम्र 7 साल, बेबी कुमारी पुत्री प्रभु शाह, निवासी- बिजवासन दिल्ली, उम्र- 24 साल, मनोज पुत्र पंजदेव कुशवाहा, निवासी नांगलोई दिल्ली, उम्र 47 साल।
बिहार जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी भी थी लेट
शनिवार रात महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। प्लेटफॉर्म 14, 15 के बीच पुल पर भीड़ के अनियंत्रित हो जाने से सीढ़ियों पर खड़े लोग हादसे का शिकार हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस देरी से चल रही थीं और इन ट्रेन के यात्री भी प्लेटफार्म नंबर 12, 13 और 14 पर मौजूद थे। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस प्रयागराज होते हुए बिहार जाती है। बड़ी संख्या में लोग स्वतंत्रता सेनानी में बैठना चाहते थे। कई गाड़ियों के लेट होने के बीच जब एक स्पेशल ट्रेन की घोषणा हुई तो अधिक से अधिक लोग उसकी तरफ बढ़ना चाहते थे, जिससे यह हादसा हुआ।