उज्जैन। महाकाल मंदिर में श्रावन माह को लेकर अभी से तैयारियों को लेकर बैठक का दौर शुरू हो चुका है। श्रावण माह में श्रृदधालुओं की भीड को देखते हुए दर्शन व्यवस्था में भी बदलाव होगा। इसीलिए महाकाल मंदिर समिति श्रावण-भादौ में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी, श्रावण महोत्सव व दर्शन व्यवस्था को लेकर तैयारियों में जुट गई है। चार जून के बाद इसे बेहतर ढंग से अंजाम दिया जाएगा। महापर्व शुरू होने में दो माह का समय शेष है। चार जून को चुनाव आचार संहिता समाप्त के बाद प्रबंध समिति की बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा। श्रावण मास भगवान शिव को सबसे प्रिय मास माना जाता है। श्रावन को भगवान शिव का माह माना जाता है। इसीलिए महाकाल में श्रावण में आम दिनों की अपेक्षा बडी संख्या में भक्तगण विभिन्न राज्यों और प्रदेश के दूसरे शहरों से पहुंचते हैं। साथ ही विदेशी मेहमानों की भी कोई कमी नहीं रहती। इस बार प्रतिदिन तीन लाख भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचेंगे। इसी के अनुसार दर्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। नवनिर्मित टनल के शेष हिस्से को नवश्रृंगारित करने का काम भी जारी है। इसके अलावा श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी व श्रावण महोत्सव के आयोजन को लेकर भी तैयारी की जा रही है।
श्रावण में होता है पूजन परंपरा में विशेष बदलाव
श्रावण मास में प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलते हैं। शेष दिनों में मध्य रात्रि तीन बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती शुरू होती है। श्रावण मास में महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में विशेष बदलाव होता है। भगवान महाकाल भक्तों के लिए सामान्य दिनों की अपेक्षा करीब डेढ़ घंटा पहले जागते हैं। सामान्य दिनों में मंदिर के पट तड़के चार बजे खुलते हैं। श्रावण मास में देशभर से कावड़ यात्री भी भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। कावड़ यात्रियों के प्रवेश व निर्गम को लेकर भी विशेष इंतजाम किए जाते हैं।
कब निकलेगी महाकाल की सवारी
इस बार श्रावण माह में महाकाल की पहली सवारी 22 जुलाई को निकलेगी। वहीं दूसरी सवारी 29 जुलाई, तीसरी सवारी 5 अगस्त, चौथी सवारी 12 अगस्त, पांचवी सवारी 19 अगस्त, छठी सवारी 26 अगस्त, शाही सवारी 02 सितंबर को निकलेगी। महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा 21 जुलाई से 1 सितंबर तक प्रत्येक रविवार को श्रावण महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसमें देश के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार गीत, संगीत व नृत्य की प्रस्तुति देंगे। स्थानीय कलाकारों को भी मंच साझा करने का अवसर प्राप्त होगा। मंदिर समिति श्रावण महोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए कलाकारों के आवेदन आमंत्रित करेगी।