भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अब तक सरकार द्वारा किर्गिस्तान में फंसे छात्रों को लेकर कोई एक्शन नहीं लेने पर चिंता जताई है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि किर्गिस्तान में फंसे छात्रों को लेकर सरकार क्या कर रही है। पाकिस्तान सरकार ने अपने यहां के छात्रों के लिए फ्री ऑफ कॉस्ट फ्लाइट भेजी और उन्हें स्वदेश वापस बुलाया, लेकिन भारत सरकार अपने छात्रों को वापस लाने के लिए क्या कर रही है, कृपया बताएं। पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि किर्गीस्तान से मध्य प्रदेश को 1200 बच्चे फंसे हैं! मप्र सरकार ने उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकालने का भरोस दिया है लेकिन, राजनीतिक वादे की तरह उन्हें वापस लाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। स्टूडेंट्स का कहना है, पाकिस्तान अपने छात्रों को यहां से निकाल चुका है, परंतु भारत सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है! केवल बयान और मीडिया हैडलाइंस में सरकार सक्रिय है। हकीकत में मदद जैसा कुछ नहीं है। जो बच्चे फ्लैट में रह रहे हैं, वे बाहर ही निकल नहीं पा रहे हैं। खाने-पीने का सामान खत्म हो गया है। उन्हें भूखे ही रहना पड़ रहा है, क्योंकि बाहर निकलते ही मारपीट हो रही है। लोकल लोग लड़कियों से भी मारपीट कर रहे हैं।
बच्चों ने जताई नाराजगी, मुख्यमंत्री ने साधी चुप्पी
जीतू पटवारी के अनुसार, बच्चों का कहना है पहले इंडियन स्टूडेंट्स का वापसी टिकट करीब 15-20 हजार रुपए में हो जाती थी, लेकिन जब से हालात बिगड़े हैं, 50 हजार रुपए में फ्लाइट का टिकट हो रहा है। यह सभी के लिए संभव नहीं है। बच्चों ने नाराजगी जताते हुए मीडिया से यह भी कहा है कि किर्गिस्तान से अपने स्टूडेंट्स को निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार ने फ्री ऑफ कास्ट फ्लाइट भेजी है, लेकिन भारत की सरकार अभी तक बेफिक्र नजर आ रही है। ऐसे में किर्गिस्तान में फंसे छात्र निराश हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि मोहन यादव जी मैंने पहले भी उदाहरण देकर अनुरोध किया था, इसके बाद बीजेपी सरकार मीडिया और बयानों में तो नजर आई, लेकिन बच्चों की बातों से हकीकत फिर सामने है। डबल इंजन कहां है, क्या कर रहा है? मुझे जानकारी मिली है कि बिश्केक में फ्लैट में रहने वाले बच्चों को कुछ मकान मालिक बाहर निकाल रहे हैं। सभी यह उम्मीद कर रहे हैं कि संकट के गंभीर दौर में मध्यप्रदेश के साथ केंद्र सरकार भी प्राथमिकता से पहल करेगी और बच्चों की सुरक्षित वापसी के प्रयास करेगी। पीड़ित परिवार जानना चाहते हैं कि चुनावी रैलियों में झूठ परोस रहे प्रधानमंत्री को हमारे भूखे बच्चों की चिंता क्यों नहीं है? मुख्यमंत्री क्यों खामोश हैं? और यह खामोशी कहीं हमारे छात्रों के लिए भारी न पड