वाशिंगटन। गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों के बीच भूखमरी जान ले रही है। गाजा से आ रही तस्वीरें इंसानियत पर सवाल खड़े कर रही हैं। इसके बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गाजा में मानवीय सहायता की मांग को बढ़ाते हुए कहा कि गाजा में लोगों तक सहायता पहुंचाने की अनुमति दी जानी चाहिए। नागरिक परिवारों से भोजन और पानी को दूर रखने का कोई औचित्य नहीं है।
ओबामा ने पोस्ट में लिखा, हालांकि गाजा में संकट के स्थायी समाधान के लिए सभी बंधकों की वापसी और इजरायल के सैन्य अभियानों की समाप्ति शामिल होनी चाहिए, लेकिन यह आर्टिकल रोके जा सकने वाले भुखमरी से मरने वाले निर्दोष लोगों के उपहास को रोकने के लिए कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
ओबामा का बयान तब आया है जब इजरायल गाजा में अपने सैन्य आक्रमण को लेकर आलोचनाओं के केंद्र में दिख रहा है। गाजा में भूखमरी पर चिंताएं बढ़ रही हैं और इजरायल को 21 महीने के युद्ध में अपने आचरण पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ते दबाव के बीच इजरायली सेना ने 27 जुलाई को गाजा के तीन आबादी वाले इलाकों में हर दिन 10 घंटे के लिए लड़ाई को सीमित रूप से रोकना शुरू कर दिया है। इस बीच गाजा में एयरड्रॉप्स के जरिए खाने के सामान गिराए गए। इजरायली सेना ने बताया कि हर दिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक सामरिक विराम रहेगा (यानी हमला नहीं होगा) यह राहत सिर्फ तीन क्षेत्रों के लिए है गाजा शहर, दीर अल-बलाह और मुवासी। ये तीनों बड़ी आबादी वाले क्षेत्र हैं। जब हमला रुका हुआ होगा, तब इन इलाकों में मानवीय सहायता आएंगे।
गाजा की भूObama raised his voice against Gaza’s starvation, told Israel…”It makes no sense to stop food and water”खमरी पर ओबामा ने उठाई आवाज, इजरायल से कहा….“खाना-पानी रोकने का मतलब नहीं”
अमरनाथ यात्रा में अब तक 3.77 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के दर्शन किये
नई दिल्ली। 3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में अब तक 3.77 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने बताया कि रविवार को श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़ा भवन के श्री अमरेश्वर मंदिर में ‘छड़ी स्थापना’ समारोह संपन्न हुआ। 29 अगस्त को नाग पंचमी के अवसर पर इसी मंदिर में छड़ी पूजन किया जाएगा और 4 अगस्त को छड़ी मुबारक की अंतिम यात्रा पवित्र गुफा की ओर रवाना होगी।
इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को तैनात किया गया है। भगवती नगर यात्री निवास से लेकर गुफा मंदिर तक के पूरे मार्ग और सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है।
पहलगाम मार्ग से यात्रा करने वाले श्रद्धालु 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं, जिसमें चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी शामिल हैं। यह यात्रा आमतौर पर चार दिन में पूरी होती है। दूसरी ओर, बालटाल मार्ग से श्रद्धालुओं को 14 किलोमीटर पैदल चलकर गुफा तक पहुंचना होता है और वे उसी दिन वापस लौट सकते हैं।
सुरक्षा कारणों से इस साल तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई है। अमरनाथ यात्रा 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन का दिन है। अमरनाथ गुफा हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में मानी जाती है, क्योंकि मान्यता है कि यहीं भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता और शाश्वत जीवन का रहस्य बताया था।
पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल युद्ध के मैदान में होनी चाहिए – अभिषेक बनर्जी
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को कहा कि भारत को किसी भी क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए और उस देश के साथ बातचीत केवल युद्ध के मैदान में होनी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दशकों से पाकिस्तान ने आतंक का निर्यात किया है, भारत को लहूलुहान किया है, जिससे भारतीय जीवन और परिवारों को अपूरणीय क्षति हुई है।
उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, भारत को किसी भी क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए। पाकिस्तान के साथ हमारी बातचीत केवल युद्ध के मैदान में होनी चाहिए, और जीतने लायक एकमात्र पुरस्कार पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू और कश्मीर है।
बनर्जी ने कहा, दशकों से पाकिस्तान ने आतंकवाद का निर्यात किया है, भारतीय जीवन और परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाकर हमारे देश को लहूलुहान किया है। और फिर भी, हम समय-समय पर राजनीति को खेल से दूर रखने की मांग सुनते हैं। नहीं! इसे रोकना होगा।
टीएमसी सांसद ने कहा कि जब कोई देश छद्म युद्ध छेड़ता है, तो कोई तटस्थ ज़मीन नहीं बचती। उन्होंने कहा, हमारे शहीदों का खून धोने लायक कोई क्रिकेट पिच नहीं है।
उन्होंने पोस्ट में कहा, हमारा तिरंगा बल्ले और गेंद की वजह से नहीं, बल्कि हमारे सशस्त्र बलों के बेजोड़ साहस और वीरता की वजह से ऊंचा फहराता है। हम अपने क्रिकेटरों का सम्मान करते हैं और मैं इस खेल का गहरा सम्मान करता हूं। लेकिन एक राष्ट्र के रूप में, हम अपने सैनिकों का सम्मान करते हैं। वे जो स्टेडियम में हमारे उत्साहवर्धन के दौरान पहरा देते हैं, वे जो दूसरों के खेलते समय खून बहाते हैं।
बनर्जी ने यह भी कहा, जो देश हमारी सीमाओं पर गोलियां चलाता है, उससे हाथ मिलाना कूटनीति नहीं – यह खूनी विश्वासघात है।
उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य मनोरंजन नहीं, न्याय होना चाहिए। अगर पाकिस्तान से मुकाबला करना है, तो वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हो और पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर ही हमारी एकमात्र ट्रॉफी हो।
राहु-केतु से बचने के लिए नक्षत्र के आधार पर करें 5 उपाय, विवाह की अड़चनें होंगी दूर, संतान सुख भी मिलेगा!
सनातन धर्म में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व है. इसके जरिए मानव जीवन में घटित होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती है. ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, लेकिन इनका प्रभाव मानव जीवन में गहरा होता है. जब कुंडली में ये ग्रह अशुभ स्थान पर होते हैं या राहु-केतु दोष, कालसर्प योग, पितृ दोष आदि बनते हैं, तो जीवन में रुकावटें, मानसिक तनाव, दुर्घटनाएं, कोर्ट केस, रोग, विवाह या संतान की बाधाएं आ सकती हैं. खराब स्थिति में केतु दिमाग को भ्रष्ट कर देता है और लोगों को धोखे का सामना करना पड़ता है, वहीं राहु गलत कार्यों की ओर व्यक्ति को ले जाता है. राहु और केतु के दोष निवारण के लिए आप ज्योतिष उपाय कर सकते हैं.
नक्षत्र के आधार पर राहु-केतु से बचने के उपाय
मंत्रों का जाप: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, राहु और केतु की शांति के लिए आपको इनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. राहु के लिए ॐ रां राहवे नम: या ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः मंत्र का जाप कर सकते हैं. वहीं केतु के लिए ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः या ॐ कें केतवे नम: मंत्र का जाप करें. यह मंत्र जाप एक माला यानि 108 बार करना है. इन मंत्रों का जाप शनिवार को करें.
गणेशजी दूर्वा अर्पित करें: राहु-केतु दोष निवारण के लिए बुधवार को गणेश पूजन और दूर्वा का उपाय करें. हर बुधवार 21 दूर्वा गणेश जी को चढ़ाएं और उस समय ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.
महामृत्युंजय मंत्र का जाप: भगवान शिव से बढ़कर कुछ भी नहीं है. राहु और केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करें. सोमवार को इसकी संख्या बढ़ा सकते हैं.
इन चीजों का दान: राहु-केतु दोष कम करने के लिए दान करना चाहिए. राहु की शांति के लिए काले तिल, सरसों का तेल, कंबल, लोहे के बर्तन, नारियल, नीले वस्त्र आदि का दान करें. वहीं केतु दोष निवारण के लिए कुत्ते को रोटी, सफेद चना, मोती, धूप, चांदी, नीम की लकड़ी आदि का दान करें. इससे लाभ होगा.
नाग देवता की पूजा: राहु और केतु के कारण कुंडली में कालसर्प दोष बनता है. इस वजह से नाग देवता की पूजा करें. सोमवार और नाग पंचमी पर काले तिल, दूध, कुश और अक्षत चढ़ाएं. इसके अलावा आप सांप न मारे, उसे तंग न करें. ये कार्य राहु-केतु को नाराज़ कर सकता है
अगर बच्चा किताबें नहीं खोलता, तो घर के इस कोने में लगाएं ये खास फोटो, जानिए सही दिशा और सही विजुअल ट्रिक
कई पेरेंट्स ये कहते नहीं थकते कि उनके बच्चे पढ़ाई में ध्यान नहीं दे रहे हैं. कोई कहता है बच्चा किताब खोलता ही नहीं, तो कोई शिकायत करता है कि नंबर अच्छे नहीं आ रहे हैं. मगर क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चों का पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता? इसका जवाब सिर्फ बच्चों में नहीं, घर के माहौल में भी छिपा हो सकता है, अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बिना ज़्यादा टोके खुद पढ़ाई करे और उसमें दिलचस्पी भी ले, तो आपको सिर्फ एक छोटी सी उपाय करना है, इस ट्रिक में न तो कोई ट्यूशन की ज़रूरत है, न डांटने की सिर्फ एक फोटो, और आपके बच्चे का फोकस बदल सकता है
लाइब्रेरी की एक फोटो, पढ़ाई में कमाल कर देगी
अब आप सोच रहे होंगे कि एक फोटो कैसे किसी बच्चे की पढ़ाई की आदत को बदल सकती है? चलिए आसान भाषा में समझते हैं.
आपको करना ये है कि सबसे पहले अपने फोन या लैपटॉप पर Google पर जाएं और वहां “Library” लिखकर इमेज सर्च करें. अब जो फोटो सबसे ज़्यादा अच्छी लगे – जिसमें चारों तरफ किताबें हों, पढ़ने का माहौल हो उसे डाउनलोड कर लें.
इसके बाद उस फोटो का एक अच्छा सा कलर प्रिंट आउट निकलवाएं. अब बात आती है कि उस फोटो को घर में कहां लगाया जाए, क्योंकि ये सबसे ज़रूरी स्टेप है.
क्यों ज़रूरी है वेस्ट-साउथ-वेस्ट डायरेक्शन?
वास्तु के अनुसार पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी वेस्ट-साउथ-वेस्ट पढ़ाई और ज्ञान से जुड़ी दिशा मानी जाती है. यही वो कोना होता है, जहां अगर आप सही चीज़ें लगाएं, तो बच्चा पढ़ाई की तरफ खुद-ब-खुद आकर्षित होता है.
अब आपने जो लाइब्रेरी की फोटो प्रिंट करवाई है, उसे जाकर घर के वेस्ट-साउथ-वेस्ट वाले हिस्से में लगा दीजिए. अगर वहां जगह है तो आप बच्चे की स्टडी टेबल भी उसी कोने में शिफ्ट कर सकते हैं.
ये बदलाव ना सिर्फ माहौल को पढ़ाई वाला बनाएगा, बल्कि बच्चे के मन में खुद-ब-खुद पढ़ने का मन भी पैदा करेगा.
सिर्फ फोटो नहीं, ये है मनोवैज्ञानिक ट्रिक
ये ट्रिक सिर्फ वास्तु या मान्यताओं पर आधारित नहीं है. इसके पीछे एक गहरी मनोवैज्ञानिक वजह भी है. जब बच्चा रोज़ एक ऐसी फोटो देखता है जिसमें किताबें भरी पड़ी हैं, लोग पढ़ रहे हैं, तो उसका दिमाग उस माहौल को धीरे-धीरे अपनाने लगता है, ये एक तरह का विजुअल मोटिवेशन होता है, जो अंदर ही अंदर बच्चे के मन को पढ़ाई के लिए तैयार करता है.
डांट की जगह समझदारी अपनाइए
बच्चों को हर बार डांटना या ज़बरदस्ती पढ़ाना काम नहीं आता हैं. कभी-कभी ज़रूरत होती है बस माहौल बदलने की, सोच बदलने की एक सही दिशा में लगाया गया एक छोटा सा विजुअल बच्चे की सोच को सकारात्मक बना सकता है.
घर के बाहर गोबर से सांप क्यों बनाते हैं?, जानें इससे जुड़े रहस्य, मान्यताएं और फायदे
हर साल श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार बड़े श्रद्धा और विश्वास से मनाया जाता है. इस दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं और उन्हें दूध अर्पित करते हैं, लेकिन एक खास परंपरा जो बहुत लोगों को चौंकाती है, वो है – घर के बाहर गोबर से नाग की आकृति बनाना. गांव हो या शहर, ये परंपरा आज भी कई जगह निभाई जाती है. ऐसा क्यों किया जाता है? इस सांप की आकृति का क्या मतलब होता है? क्या सिर्फ मान्यता है या इसके पीछे कोई गहरी सोच भी है? आइए जानते हैं इस प्राचीन परंपरा का पूरा रहस्य. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं
नाग पंचमी तिथि और समय
दिनांक: मंगलवार, 29 जुलाई 2025. आरंभ तिथि 28 जुलाई 2025 को 19:54, इसकी समाप्ति: 29 जुलाई 2025 को 21:16, पर होगी.
-पूजा का समय:
29 जुलाई 2025 को सुबह 05:41 से 08:23. 2 घंटे 43 मिनट का होगा.
इस दिन नाग देवता की पूजा करके लोग जीवन में सुख, शांति और बरकत की कामना करते हैं.
घर के बाहर गोबर से सांप क्यों बनाया जाता है?
नाग पंचमी के दिन सुबह-सुबह लोग घरों के दरवाजे के दोनों ओर गाय के गोबर से नाग की आकृति बनाते हैं. यह परंपरा बहुत पुरानी है और इसे आज भी ग्रामीण इलाकों में खास तौर पर निभाया जाता है. इसके पीछे कुछ मान्यताएं हैं:
1. गोबर को शुद्ध और पवित्र माना जाता है.
2. नाग देवता को अन्न, जल और धन का प्रतीक माना गया है.
3. गोबर से नाग बनाकर पूजा करने से वर्षा अच्छी होती है, फसलें लहलहाती हैं.
4. ऐसा माना जाता है कि इससे घर में कभी सांप का डर नहीं रहता और परिवार सुरक्षित रहता है.
भगवान शिव से जुड़ाव
नाग देवता को भगवान शिव के गले का आभूषण माना जाता है. गोबर से नाग बनाकर जब लोग शिव और पार्वती की पूजा करते हैं, तो इसे एक प्रकार से पूरे परिवार की भलाई की कामना के रूप में देखा जाता है. इससे घर में:
1. सुख-शांति आती है.
2. बीमारी और नेगेटिव एनर्जी दूर रहती है.
3. बच्चों की सेहत और पढ़ाई में सुधार होता है.
4. आर्थिक स्थिति बेहतर होती है.
सांप की आकृति और उसका आध्यात्मिक असर
कुछ मान्यताओं के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर बनी यह नाग आकृति न सिर्फ सांपों से बचाव करती है, बल्कि घर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा देती है. कहा जाता है कि:
1. इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है.
2. बुरी नजर से बचाव होता है.
3. वास्तु दोष दूर होते हैं.
इस नाग पंचमी पर आप भी इस परंपरा को निभाएं और परिवार की खुशहाली के लिए नाग देवता से आशीर्वाद पाएं.
नाग पंचमी पर रोटी बनाना राहु को देता है आमंत्रण, जानें इस दिन क्यों नहीं गर्म करते तवा?
सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 29 जुलाई को है. नाग पंचमी हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष के अनुसार अत्यंत पवित्र और गूढ़ रहस्य वाला पर्व है. नाग पंचमी राहु और केतु से संबंधित नाग दोष, कालसर्प दोष, आदि के निवारण के लिए अत्यंत शुभ दिन है. ज्योतिष शास्त्र में नाग पंचमी के दिन का महत्व बताते हुए कुछ विशेष नियम के बारे में भी बताए गए हैं. इन नियमों का सही से पालन नहीं किया जाए तो कई तरह के दोष लग सकते हैं, जैसे नाग पंचमी के दिन रोटी बनाना . आइए जानते हैं नाग पंचमी के दिन रोटी क्यों नहीं बनानी चाहिए…
राहु का प्रतीक है तवा
नाग पंचमी पर रोटी नहीं बनाने की परंपरा एक धार्मिक मान्यता से जुड़ी हुई है. हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और रोटी बनाना वर्जित माना जाता है क्योंकि इस दिन तवे का या किसी भी लोहे की चीज का इस्तेमाल करना अशुभ माना गया है. रोटी बनाने वाला तवा सांप के फन का प्रतिरूप होता है और तवा राहु का भी प्रतीक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इसलिए नाग पंचमी के दिन रोटी बनाना अशुभ बताया गया है.
इसलिए नहीं बनाई जाती नाग पंचमी पर रोटी
नाग पंचमी के रोटी बनाने से जीवन में राहु का प्रभाव बढ़ जाता है. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने पर राहु केतु से संबंधित नाग दोष, कालसर्प दोष से राहत मिलती है. लेकिन इस दिन अगर आप रोटी बनाते हैं तो नाग देवता आपसे नाराज भी हो सकते हैं, ऐसा करने से परिवार में कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं और पर्सनल व प्रफेशनल लाइफ में कोई ना कोई परेशानी बनी रहती है. हालांकि नाग पंचमी के दिन हलवा पूरी खाना बहुत अच्छा माना जाता है.
नाग पंचमी और राहु का संबंध
राहु एक छाया ग्रह है, जिसका संबंध भूत, पिशाच, भ्रम और सर्प दोष से है. ज्योतिषीय दृष्टि से, नाग (सर्प) राहु के प्रतीक हैं. अतः नाग पंचमी का दिन राहु की शांति और प्रसन्नता के लिए अत्यंत उपयुक्त माना गया है. तवे पर रोटी बनाना, विशेषकर इस दिन, राहु तत्व को सक्रिय करता है, जिससे राहु उग्र हो सकता है. तवे पर रोटी बनाने में अग्नि, लोहा और अन्न ये तीनों राहु के प्रिय माध्यम हैं. राहु वैसे ही अकारण क्रोध और भ्रम फैलाने वाला ग्रह है. अगर इस दिन अन्न, अग्नि और उसका रंग (काला) एक साथ देते हैं, तो यह राहु को आमंत्रण देने जैसा होता है.
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन ( 29 जुलाई 2025)
- मेष राशि :- इष्ट मित्रों से धोखे की संभावना, सतर्कता से कार्य करें, विशेष लाभ होगा।
- वृष राशि :- समय हर्ष-उल्लास से बीतेगा, धन लाभ, अधिकारी वर्ग से समर्थन प्राप्त होगा।
- मिथुन राशि :- सफलता के साधन जुटायेंगे, तनाव पूर्ण स्थिति से बचिये, कार्यगति मंद होगी।
- कर्क राशि :- स्थिति में सुधार, स्त्री वर्ग से हर्ष होगा, व्यवसायिक क्षमता अनुकूल अवश्य होगी।
- सिंह राशि :- आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा, स्थिति में सुधार होगा तथा रुके कार्य बनेंगे।
- कन्या राशि :- धन का व्यर्थ व्यय होगा, दूसरों के कार्यों में हस्ताक्षेप करने से तनाव अवश्य होगा।
- तुला राशि :- कार्यगति अनुकूल होगी, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, मित्र सहयोग करेंगे।
- वृश्चिक राशि :- सामाजिक कार्यों में प्रतिष्ठा-प्रभुत्व वृद्धि एवं कार्य कुशलता से संतोष होगा।
- धनु राशि :- कार्य कुशलता से हर्ष, कार्य योजना फलीभूत होगी तथा नये कार्य अवश्य बनेंगे।
- मकर राशि :- अधिकारियों के समर्थन से बचें, तनाव, क्लेश तथा अशांति अवश्य ही बनेगी।
- कुंभ राशि :- उद्विघ्नता-असमंजस का वातावरण मन को क्लेशयुक्त रखेगा, समय का ध्यान अवश्य रखें।
- मीन राशि :- बिगड़े कार्य बनेंगे, योजनायें फलीभूत होंगी, सफलता के साधन अवश्य जुटायें।
वित्त मंत्री चौधरी ने किया पुसौर में उप पंजीयक कार्यालय का शुभारंभ
रायपुर : पुसौरवासियों को अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए रायगढ़ जिला मुख्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने आज जनपद पंचायत पुसौर परिसर में नवीन उप पंजीयक कार्यालय का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह कार्यालय शासन की जन-केन्द्रित सेवाओं की प्रतिबद्धता और त्वरित, पारदर्शी व्यवस्था का प्रतीक बनेगा।
चौधरी ने कहा कि यह केवल एक भवन का उद्घाटन नहीं, बल्कि ग्रामीण जनता को सुलभ, सस्ती और तेज़ रजिस्ट्री सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय स्तर पर सुविधा मिलने से समय, ऊर्जा और धन की बचत होगी। यह कार्यालय क्षेत्रवासियों को 65 प्रकार की रजिस्ट्री सेवाएं प्रदान करेगा, जिनमें विक्रय विलेख, दानपत्र, बंटवारा, हक त्याग, वसीयत और केसीसी बंधक जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं। इस कार्यालय में एक उप पंजीयक, दो ऑपरेटर और एक एमटीएस की नियुक्ति की गई है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने प्रदेश सरकार की जनहितकारी योजनाओं की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों को दो साल का बोनस दिया गया, 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डेढ़ साल में 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से केवल पुसौर ब्लॉक में 127 करोड़ की राशि से 9000 आवासों के लिए स्वीकृति मिली है। उन्होंने आश्वस्त किया कि आवास प्लस सर्वे के माध्यम से सभी पात्र लोगों को आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। महतारी वंदन योजना की सफलता का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि हर महीने 70 लाख महिलाओं को बिना विलंब राशि हस्तांतरित की जा रही है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा पुसौर में सड़कों, पुल-पुलियों, अस्पताल और नर्सिंग कॉलेज की स्थापना जैसे विकास कार्यों की भी रूपरेखा साझा की गई। उन्होंने बताया कि 80 लाख रुपये की लागत से नवीन उप पंजीयक कार्यालय भवन का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा।
कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि पुसौर के नजदीक 88 पंचायतें हैं, जिनके लोग अब स्थानीय स्तर पर रजिस्ट्री करा सकेंगे। संपत्ति क्रय-विक्रय, उत्तराधिकार, वसीयत व अन्य दस्तावेजों की प्रक्रिया पहले की तुलना में अधिक सरल और पारदर्शी हो गई है। सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप राज्य सरकार ने रजिस्ट्री कार्यों में 10 क्रांतिकारी सुधार किए हैं, जिनमें आधार सत्यापन, ऑनलाइन भुगतान, डिजीलॉकर सेवा, घर बैठे दस्तावेज निर्माण और स्वतः नामांतरण जैसी सुविधाएं शामिल हैं। कार्यक्रम में महापौर जीवर्धन चौहान, जनपद अध्यक्ष हेमलता चौहान, नगर पंचायत अध्यक्ष मानी सतपथी सभापति डिग्री लाल साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
दिव्यांगता परमात्मा का परम अंश और इनकी सेवा परमात्मा की सेवा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सामाजिक समानता और समरसता लोक कल्याणकारी राज्य का प्राथमिक दायित्व है। समाज के सभी वर्गों, विशेषकर दिव्यांगजनों और कमजोर वर्गों के हितों की पूर्ति एवं उनका संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकार दिव्यांगजनों को संबल देकर उन्हें समर्थ और सशक्त बनाने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिव्यांगजन परमात्मा का परम अंश है और इनकी सेवा परमात्मा की सेवा है। दिव्यांगजनों को लाभ दिलाने के लिए शिविर लगाएं। इन शिविरों में नए दिव्यांगजनों को भी चिन्हित किया जाए और उन्हें उनकी जरूरत के मुताबिक सहयोग, मार्गदर्शन तथा सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंचे, इसके लिए योजना कियान्वयन की सतत् निगरानी भी सुनिश्चित की जाये।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिव्यांगजनों के विकास एवं कल्याण के लिए अब तक हुए प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। हम सबका यह कर्तव्य है कि इस पुनीत कार्य में सभी सक्रिय होकर भागीदारी करें। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों एवं कुष्ठ पीड़ितों के कल्याण के लिए अन्य प्रदेशों में प्रचलित मॉडल का भी अनुसरण करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि कल्याणियों के विवाह के लिए संचालित मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह प्रोत्साहन योजना का अधिक से अधिक प्रचार किया जाए जिससे जरूरतमंद कल्याणी इसका लाभ ले सकें। इस कार्य के लिए एक पोर्टल तैयार कर लिया गया है।
बैठक में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव वित्त मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण सोनाली वायंगणकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
नवनिर्मित पेड ओल्ड एज होम का लोकार्पण बहुत जल्द
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेड ओल्ड एज होम आज के दौर में वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत बनते जा रहे हैं। नए परिवेश में बच्चे पढ़ने या नौकरी के लिए विदेश/बाहर चले जाते हैं। आगरा और जयपुर जैसे शहरों में पेड ओल्ड एज होम अच्छी तरह से संचालित हैं। इस तरह के वृद्धाश्रमों के लिए भारतीय परिवेश और संस्कृति से जुड़ा कोई हिन्दी नाम तय कर इन्हें प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की देख-रेख सेवा का काम है इस काम से अशासकीय संगठनों और धार्मिक व परमार्थ संस्थाओं को भी जोड़ें।
मंत्री कुशवाह ने बताया कि भोपाल के पत्रकार कॉलोनी क्षेत्र में कुल 23.96 करोड़ रुपए की लागत से एक शासकीय पेड ओल्ड एज होम का निर्माण कराया गया है। इस नवनिर्मित भवन का लोकार्पण बहुत जल्द मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कर कमलों से ही कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नवनिर्मित पेड ओल्ड एज होम में सेवाएं देने के लिए इच्छुक संस्था के चयन के लिए कार्रवाई की जा रही है। इसका संचालन यहां निवासरत वरिष्ठजनों से समुचित शुल्क लेकर किया जाएगा। इस वृद्धाश्रम के कमरों का किराया सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के बैंकखाते में जमा कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी तरह के अन्य पेड ओल्ड एज होम्स के निर्माण के लिए निजी संस्थाएं भी निवेश के लिए आगे आ रही हैं। इन निजी संस्थाओं द्वारा निर्माण के लिए शासन से भूमि की मांग की जा रही है।
विशिष्ट पहचान पत्र और पेंशन भुगतान में उल्लेखनीय प्रगति
मंत्री कुशवाह ने बताया कि प्रदेश में अबतक 9.57 लाख से अधिक दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड (विशिष्ट पहचान पत्र) बनाए जा चुके हैं। इन पहचान पत्रों के आधार पर दिव्यांगजन शासकीय योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 56 लाख से अधिक पेंशन हितग्राहियों को हर माह 339 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सिंगल क्लिक के जरिए उनके बैंकखातों में हस्तांतरित की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए विशेष भर्ती अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके तहत 2500 से अधिक दिव्यांगजनों को शासकीय सेवा में रोजगार प्रदान किया गया है। मंत्री कुशवाह ने बताया कि नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत बीते 10 सालों में कुल 11294 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ जनों के उपचार के लिए प्रदेश के सभी जिलों में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित किया गया है इन केन्द्रों में फिजियोथेरेपिस्ट के साथ ही अन्य प्रकार की थैरेपेटिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
निःशुल्क दिव्यांग हेल्पलाइन 1800-233-4397 शुरु
बैठक में प्रमुख सचिव वायंगणकर ने बताया कि प्रदेश में श्रवण बाधित दिव्यांगजनों की सहायता के लिए लाइव इंटरप्रेटर सेवाएं प्रारंभ की गई हैं। इसके लिए "डेफ कैन एसोसिएशन" संगठन के साथ एमओयू किया गया है। "आरूषि" संस्था के सहयोग से निःशुल्क दिव्यांग हेल्पलाइन 1800-233-4397 की शुरुआत भी की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि दिव्यांगजनों की खेल प्रतिभाओं को अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इनकी प्रतिस्पर्धा गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए विशेष योजना तैयार की जा रही है। प्रदेश के कुछ चयनित जिलों में वृद्धाश्रम और नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना की जा रही है। वृद्धजनों को घर पर ही देखरेख का प्रशिक्षण देने के लिए इस विषय में महारत रखने वाली संस्थाओं का चयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 'मिशन कर्मयोगी' के अंतर्गत आईगोट पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है। विभाग के अधीन सभी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं की सतत् निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित किया गया है और इसके तहत अब तक 135 संस्थाओं का निरीक्षण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 42 जिलों में ई-ऑफिस प्रणाली से विभागीय कार्य संपादित किये जा रहे हैं।