मां दुर्गा अपने पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री’ के नाम से जानी जाती है। पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका यह ‘शैलपुत्री’ नाम पड़ा था। वृषभ-स्थिता इन माताजी के दाहिने हाथ में त्रिशुल और बाये हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। यही नव दुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं।
अपने पूर्वजन्म में ये प्रजापति कन्या के रूप में उत्पन्न थीं। तब इनका नाम ‘सती’ था। इनका विवाह भगवान शंकर के साथ हुआ था। एक बार प्रजापति दक्ष ने एक बहुत बड़ा यज्ञ किया। इसमें इन्होंने सारे देवता को अपना-अपना यज्ञ-भाग प्राप्त करने के लिये आमंत्रित किया। किन्तु शंकरजी को उन्होंने इस निमत्रित नहीं किया। सती ने जब सुना कि हमारे पिता एक अत्यन्त विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहें हैं, तब वहां जाने के लिये उनका मन विकल हो उठा। अपनी यह इच्छा उन्होंने शंकर जी को बतायी। सारी बातों पर विचार करने के बाद उन्होंने कहा-‘प्रजापति दक्ष किसी कारणवश रूष्ट है। अपे यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमत्रित कया है। उनके यज्ञ-भाग भी उन्हें समर्पित किये हैं। किन्तु हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है। कोई सूचनातक नहीं भेजी है। ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहां जाना किसी भी प्रकार भी श्रेयस्कर नहीं होगा।’ शंकरजी के इस उपदेश से सती का प्रबोध नहीं हुआ। पिता का यज्ञ देखने, वहां जाकर माता और बहनों से मिलने की उनकी व्यग्रता किसी प्रकार भी कम न हो सकी। उनका प्रबल आग्रह देखकर भगवान शंकरजी ने उनको जाने की अनुमति दी।
सती ने पिता के घर पहंचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम के साथ बातचीत नहीं कर रहा है। सारे लोग मुंह फेरे हुए हैं। केवल उनकी माता ने स्नेह से उन्हें गले लगाया। बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव भरे हुए थे। परिजनों के इस व्यवहार से उनके मन को बहुत क्लेश पहुंचा। उन्होंने यह भी देखा कि वहां चतुर्दिक भगवान शंकर जी के पति तिरसकार भाव हुआ है। दक्ष ने उनके प्रति कुछ अपमानजनक वचन भी कहे। यह सब देखकर सती का हृदय क्षोभ, ग्लानि और प्रोध से सन्तप्त हो उठा। उन्होंने सोचा भगवान शंकरजी की बात न मानकर यहां आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है।
वह अपने पति भगवान शंकर के इस अपमान को सह नह सकीं। उन्होंने अपने उस रूप को तक्षण वहीं योगाग्निद्वारा जलाकर भस्म कर दिया। वज्रपात के समान इस दारूण-दु:खद घटना को सुनकर शंकर जी ने व्रुद्ध को अपने शरीर को भस्मकर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वह ‘शैलपुत्री’ नाम से विख्यात हुई। पार्वती, हैमवती भी उन्हीं के नाम हैं उपनिषद की एक कथा के अनुसार इन्हेंने हैमवती स्वरूप से देवताओं गर्व-भंजन किया था।
‘शैलपुत्री’ देवी का विवाह भी शंकर जी से हुआ। पूर्व जन्म की भांति इस जन्म में भी वह शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं। नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री दुर्गा का महत्त्व और शक्तियां अनन्त हैं। नव दुर्गा पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। इस प्रथम दिन की उपासना में योगी अपने मन को ‘मूलाधार’ चप्र में स्थित करते हैं। यहीं से उनकी योगसाधना प्रारम्भ होती है।
मां दुर्गा अपने पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री’ के नाम से जानी जाती है
ध्वनि तंरगों से रोगें का उपचार
यह बात जान कर आप सभी को आश्चर्य होगा की ध्वनि तंरगें से भी रोगों के उपाच होते है। यह विश्व जीवों से भरा है। ध्वनि तंरगों की टकराहट से सुक्ष्म जीव मर जाते है, रात्री में सूर्य की पराबैगनी किरणां के अभाव में सूक्ष्म जीव उत्पन्न होते है जो ध्वनि तरगों की टकराहट से मर जाते है। ध्वनि तरगों से जीवों के मरने की खोज सर्वप्रथम बर्लिन विश्वविधालय में 1928 में हुई थी। शिकागों के डॉ.ब्राइन ने ध्वनि तरगों से जीवों के नष्ट होने की बात सिद्ध की है। आधुनिक वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया कि शंख और घण्टा की ध्वनि लहरों से 27 घन फुट प्रति सेकिंड वायु शक्ति वेग से 1200फुट दूरी के बैक्टीरिया नष्ट हो जाते है।
पूर्व में मंदिरों का निमार्ण गुम्वजाकार होता था दरवाजे छोटे होते थे अन्दर की ध्वनि बाहर नही निकलती थी, बाहर की ध्वनि अन्दर प्रवेश नही करती थी। मन्दिर में एक ईष्ट देव की प्रतिमा, एक दीपक, एक घण्टा, शंख होता था। यहां कोई भी रोगी श्रद्धा से जाता घण्टा या शंख ध्वनि कर दीप जलता बैठ कर श्रद्धा से प्रार्थना भक्ति करता, मौन ध्यान करता। रोंगों के ठीक होने की कामना करता वह ठीक हो जाता था। इसका बैज्ञानिक कारण घण्टा -शंख ध्वनि भक्ति प्रार्थना की ध्वनि तंरगें बाहर न जाकर गुम्वजाकार शिखर से टकराकर शरीर से टकराती जिससे शरीर के रोगाणु नष्ट हो जाते रोग ठीक हो जाते। आज भी पुराने मंदिरों में यह होता है। इसलिये सीमित मात्रा में बोलना ठीक है। ध्वनि ज्यादा मात्रा में प्रदूषण का रूप ले लेती है, जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से हानिकारक होती है। मौन रहने में ही सुख एवं सुख मय जीवन है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (26 सितम्बर 2022)
- मेष राशि – अच्छे कार्य का लाभ प्राप्त होगा, जमीन-जायजाद से लाभ होगा, रुके कार्य परिश्रम से बनेंगे।
- वृष राशि – आर्थिक स्थिति साधारण रहेगी, आकस्मिक हानि तथा खेद के साथ रहना पड़ेगा, तनाव से बचें।
- मिथुन राशि – पारिवारिक सुखमय आनंद की प्राप्ति होगी, धार्मिक पुण्य कार्यों में प्रवृत रहेंगे, शुभ कार्य होंगे।
- कर्क राशि – देश में सम्मान बढ़ेगा, इच्छित कार्य की प्राप्ति होगी, राजनेता तथा संतान योग बनेंगे, समय का लाभ लें।
- सिंह राशि – मानसिक कष्ट होगा, शत्रु आपके कार्य में बाधा डालेंगे, आलस्य-प्रमाद की स्थिति बनेगी, कार्य पर ध्यान दें।
- कन्या राशि – शारीरिक कष्टों से छुटकारा मिलेगा, पद-प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा किन्तु मानसिक अवरोध होगा।
- तुला राशि – परीक्षा-प्रतियोगिता के लिये दूर की यात्रा होगी, कार्य सफलता पूर्वक होंगे, रुके कार्य ध्यान देने से बनेंगे।
- वृश्चिक राशि – यश-प्रतिष्ठा में सुधार होगा, व्यक्तिव में निखार आयेगा तथा उद्योग-धंधा बढ़ेगा, परिश्रम से लाभ होगा।
- धनु राशि – समस्याओं का समाधान होगा, आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, उच्च पद-प्रतिष्ठा बढ़ेगी ध्यान अवश्य दें।
- मकर राशि – मानसिक कष्ट से हानि होगी, परिवार में अनबन होगी, कार्य में धन खर्च अधिक होगा, सावधानी रहें।
- कुंभ राशि – पत्नी से संबंध ठीक नहीं रहेंगे, धंधे में अनबन व परेशानी का सामना करना पड़ेगा, कार्य का चिन्तन होगा।
- मीन राशि – स्थिति में सुधार तथा स्वास्थ्य की खराबी होगी तथा धन व्यय अधिक होगा, धन व्यय पर नियंत्रण रखें।
कभी धूप-कभी वर्षा, फिलहाल ऐसा ही रहेगा राजधानी का मौसम
भोपाल । कभी धूप, कभी वर्षा… कुछ इसी तरह रहने वाला है राजधानी का मौसम। वर्षा का दौर राजधानी में रुक-रुक कर जारी रहने के आसार है। भोपाल के कुछ इलाकों में छुट-पुट वर्षा मौसम सुहाना करेगी, तो दूसरी तरफ लोग धूप व गर्मी से परेशान होंगे।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश में कुछ नमी आ रही है। इससे ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कही छिटपुट वर्षा होने के आसार हैं। शेष जिलों में धीरे-धीरे मौसम अब साफ होने लगेगा। इससे दिन के तापमान में बढ़ोतरी भी होगी। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. ममता यादव बताती हैं कि वर्तमान में उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर उत्तर छत्तीसगढ़ तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। एक पश्चिमी विक्षोभ ट्रफ के रूप में पाकिस्तान और उसके आसपास बना हुआ है। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश के तट पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। अलग-अलग स्थानों पर बनी इन चार प्रणालियों के असर से मप्र में कुछ नमी आ रही है। विशेषकर राजस्थान से लगे ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में मिल रही नमी से वहां छिटपुट वर्षा की संभावना अभी बनी हुई है। प्रदेश के शेष संभागों के जिलों में बादल छंटने लगे हैं। धूप निकलने के कारण अब दिन के तापमान में भी बढ़ोतरी होने लगेगी। हालांकि वातावरण में नमी मौजूद रहने के कारण तापमान बढऩे की स्थिति में कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा होने की भी संभावना बनी रहेगी। डा. ममता बताती हैं कि आंध्रा कोस्ट पर बने चक्रवात के कम दबाव के क्षेत्र में बदलकर आगे बढऩे की स्थिति में तीन-चार दिन बाद पूर्वी मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है।
184 स्कूलों की मान्यता खत्म
भोपाल । मध्यप्रदेश के कई स्कूलों की मान्यता समाप्त कर दी गई है। लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के अनेक हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों की मान्यता समाप्त की है। मान्यता समाप्त हो जाने से इन स्कूलों में पढऩे वाले हजारों विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। जानकारी के अनुसार लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के 184 हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों की मान्यता समाप्त कर दी है। इसमें भोपाल के 12 स्कूल भी शामिल हैं। प्रदेश के 1064 स्कूलों में कमियां निकालकर मान्यता समाप्त कर दी थी। अपील के बाद कुछ स्कूलों की मान्यता जारी कर दी गई थी लेकिन 184 स्कूल में मापदंड के अनुसार व्यवस्था नहीं थी। अब डीपीआई ने इन स्कूलों की मान्यता समाप्त कर दी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि संयुक्त संचालकों ने प्रदेश के 1064 स्कूलों में कमियां निकालकर मान्यता समाप्त कर दी थी। इसमें भोपाल के 56 स्कूल भी शामिल थे। इसके बाद डीपीआई में अपील लगाई गई थी। अपील के मामलों की सुनवाई का काम 23 अप्रेल से 31 मई तक किया गया। अपील के बाद कुछ स्कूलों की मान्यता जारी कर दी गई थी लेकिन जांच के बाद 184 स्कूल ऐसे पाए गए जिनमें मापदंड के अनुसार व्यवस्था नहीं थी। डीपीआई ने अब इन स्कूलों की मान्यता समाप्त कर दी है।
18 जिलों के 46 नगरीय निकायों में प्रचार थमा
भोपाल । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में एक साल का समय बचा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही चुनाव की तैयारी में जुट गए है। इसके पहले 18 जिलों में 46 नगरीय निकाय में निर्वाचन हो रहे हैं। यह स्थानीय चुनाव अगले साल होने वाले विधानसभ चुनाव से पहले अहम है। इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ समेत दोनों पार्टी के बड़े नेताओं न भी प्रचार के अंतिम दिन अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इन 46 नगरीय निकायों में रविवार को प्रचार थम गया। 27 सितंबर को मतदान होगा।
इन नगरीय निकाय में आदिवासी बाहुल क्षेत्र की नगर पालिका और नगर परिषद ज्यादा है। ऐसे में साफ है कि स्थानीय निकाय चुनाव के परिणाम का असर आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के बीच पहुंचे ।
प्रदेश के 2018 में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 47 में से 31 पर जीत दर्ज की थी। आदिवासी वोटर के कांग्रेस की तरफ जाने से भाजपा की सत्ता चली गई थी। यही कारण है कि अब दोनों ही पार्टियों ने आदिवासी वोटरों को साधने में जुट गई है। बीजेपी अब पिछली बार की तरह कोई गलती नहीं दोहराना चाहती है। प्रदेश की 16 नगर निगम में भाजपा का कब्जा था। लेकिन भाजपा को 7 में हार का सामना करना पड़ा। इसमें पांच पर कांग्रेस, कटनी में निर्दलीय और सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की। इसका बीजेपी के लिए नेगिटिव संदेश गया। यही कारण है कि बीजेपी ज्यादा से ज्यादा नगर पालिका और नगर परिषद जीतने में जुटी हुई है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि पार्टी किसी चुनाव को छोटा या बड़ा मानकर नहीं लड़ती है। निगम परिषद से लेकर लोकसभा चुनाव तक सभी की तैयारी एक समान करती है। इसके पहले नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव में 87 प्रतिशत जगह भाजपा ने जीत दर्ज की। हालांकि नगर निगम में कुछ जगह पर महापौर पद के लिए भाजपा को आशा के अनुरूप परिणाम नहीं मिले। फिर भी 16 नगर निगमों में छिंदवाड़ा और मुरैना को छोड़ दे तो सिंगरौली, कटनी, ग्वालियर समेत सभी जगह सबसे ज्यादा भाजपा के पार्षदों ने जीत दर्ज की है। जनता सरकार की जनहित की नीतियों पर वोट करेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि चुनाव का जिम्मा विधायक, पूर्व विधायकों और जिला संगठन को सौंपा है। प्रदेश में नेमावर, सिवनी, खरगोन, नीमच, विदिशा में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे है, वो भाजपा की आदिवासी विरोधी सोच को उजागर करता है। वहीं, आदिवासी समाज कमलनाथ जी में अपना अभिभवाक और संरक्षण देखता है। आदिवासी हमारे लिए वोट बैंक नहीं परिवार का हिस्सा है। जनता महंगाई, बेरोजगारी और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों और भाजपा के भ्रष्टाचार से त्रस्त है। इस चुनाव के परिणाम भी कांग्रेस के पक्ष में आएंगे।
ठीक से चल नहीं पा रही थी सारा अली खान, एक्ट्रेस की हरकत देख शॉक्ड रह गए नेटिजेंस
मुंबई । बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान लड़खड़ाती हुए नजर आ रही हैं।सारा अपनी दोस्त शर्मिन सहगल के साथ मुंबई में एक रेस्टोरेंट के बाहर स्पॉट की गईं।सारा को देखते ही कैमरे के फ्लैश चमकने लगे।सारा ठीक से चल नहीं पा रही थीं और उनकी दोस्त शर्मिन उन्हें बार-बार सहारा देते हुए नजर आ रही हैं।
सारा अली खान का कुछ दिन पहले का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक्ट्रेस अपनी दोस्त शर्मिन के साथ रेस्टोरेंट के अंदर प्रवेश करती हैं तो वहां खड़े सिक्योरिटी गार्ड को छूते हुए आगे बढ़ जाती हैं।ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा और लोग जमकर एक्ट्रेस को ट्रोल करने लगे।एक यूजर ने वीडियो ट्विटर पर शेयर कर कहा कि ‘लोग पूछते हैं कि क्यों बॉलीवुड को बायकॉट किया जा रहा है, ये है इसकी वजह।
ड्रगवुड हमारी जेनरेशन को बर्बाद कर रही है’।इस वीडियो पर लोग अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।किसी ने कहा कि ‘बेचारे सिक्योरिटी गार्ड के साथ गलत हुआ, अगर यही हरकत कोई आदमी किसी महिला के साथ करता तो उस पर मोलेस्टेशन का आरोप लग जाता’।यही नहीं तमाम लोग गार्ड के समर्थन में वकालत करते हुए पुरुषों की रक्षा करने वाले कानून की जरूरत के बारे में भी बात कर रहे हैं।वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि सारा ने कुछ गलत नहीं किया।
दर्शकों को फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ के दूसरे पार्ट का इंतजार
मुंबई । दर्शक फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' का पहला पार्ट देखने के बाद अब इसके दूसरे पार्ट का ब्रेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं फिल्म के दूसरे पार्ट को लेकर बताया जा रहा है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण लीड रोल में देखी जाएंगी।अब इस फिल्म के डायरेक्टर अयान मुखर्जी ने चुप्पी तोड़ते हुए जवाब दिया है।इसके साथ ही उन्होंने पहले पार्ट में दीपिका के कैमियो को भी खारिज कर दिया है। बता दें कि अयान मुखर्जी ने ‘ब्रह्मास्त्र’ के दूसरे पार्ट के लिए दीपिका पादुकोण को अप्रोच किया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, दूसरे पार्ट में दीपिका लीड रोल में दिखी जाएंगी।उन्हें टीम ने दूसरे पार्ट में अमृता के रोल के लिए अप्रोच किया गया है।बता दें कि पहले पार्ट में नन्हें से शिवा (रणबीर कपूर) को गोद में लिए एक औरत की झलक दिखती है जो अमृता है।सबका मानना है कि ये झलक दीपिका पादुकोण की है।गौरतलब है कि अमृता, शिवा की मां हैं।अब इस पर अयान का कहना है कि घने अंधेरे में एक परछाई दिख रही वो परछाई तो किसी की भी हो सकती है।अयान मुखर्जीने ‘ब्रह्मास्त्र’ के पहले पार्ट और दीपिका के कैमियो पर रिएक्शन दिया और कहा, ‘जिस पार्ट को लेकर लोग सवाल कर रहे हैं इसमें दीपिका पादुकोण हैं।वह सीन एक डार्क है और उसमें किरदार का चेहरा साफ नहीं दिखाया गया है।
मुझे लगता है कि आपने इसकी कल्पना की है क्योंकि वह तस्वीर इतनी डार्क थी कि उसमें एक्टर का चेहरा नहीं दिख रहा था।’ यहां अयान के कहने का मतलब है दीपिका पादुकोण ना ही ब्रह्मास्त्र पार्ट 1 का हिस्सा थीं और ना ही 2 का हिस्सा हैं। मालूम हो कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट वन: शिवा’ लगातार खबरों में बनी हुई है। 9 सितंबर को रिलीज हुई इस फिल्म ने दुनियाभर में धूम मचा दी है।बॉक्स ऑफिस पर इसकी रौनक देखते ही बन रही है।
राधिका के लिए सहज है सैफ अली खान के साथ काम करना
मुंबई । बालीवुड अभिनेत्री राधिका आप्टे का कहना है कि वह अभिनेता सैफ अली खान के साथ काम करने में बहुत सहज हैं।राधिका ने कहा, "मैंने 'विक्रम वेधा' को चुना क्योंकि मुझे वास्तव में इस विषय का आनंद मिला, मैंने मूल को देखा, दक्षिण वाला। साथ ही निर्देशक बहुत अद्भुत हैं, और जिस कास्ट के लिए मुझे उनके साथ काम करने का मौका चाहिए था।
सैफ के साथ काम करना बहुत अच्छा है, उनके साथ यह मेरा तीसरा प्रोजेक्ट है।"मैं उनके साथ काम करने में बहुत सहज महसूस करती हूं, और मैं वास्तव में उन्हें एक व्यक्ति के रूप में पसंद करती हूं, वह बहुत मजाकिया है और जब भी मैं उनसे मिलती हूं तो दिलचस्प बातचीत होती है।" इसके बाद उन्होंने ऋतिक रोशन के साथ काम करने की बात कही। "और मैं पहली बार ऋतिक से मिली और मेरे पास उनके साथ एक ²श्य था और यह वास्तव में बहुत प्यारा था, हां। मुझे वह पसंद है जो निर्देशक फिल्म में कहने की कोशिश कर रहे हैं, मुझे उनकी शैली पसंद है और हमारा सहयोग वास्तव में एक बहुत प्यारा अनुभव था।"'विक्रम वेधा' पुष्कर-गायत्री द्वारा लिखित और निर्देशित एक एक्शन-थ्रिलर है। 'विक्रम वेधा' की कहानी ट्विस्ट और टर्न से भरी है, क्योंकि एक सख्त पुलिस वाला विक्रम (सैफ अली खान) एक खूंखार गैंगस्टर वेधा (ऋतिक रोशन) को ट्रैक करने और उसका पीछा करने के लिए निकलता है।
'विक्रम वेधा' गुलशन कुमार, टी-सीरीज और रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा फ्राइडे फिल्मवर्क्स एंड जियो स्टूडियोज और एक वाईनॉट स्टूडियोज प्रोडक्शन के सहयोग से प्रस्तुत किया गया है। यह फिल्म पुष्कर और गायत्री द्वारा निर्देशित और भूषण कुमार और एस।शशिकांत और रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित है। विक्रम वेधा 30 सितंबर को वैश्विक स्तर पर बड़े पर्दे पर दस्तक देगी। बता दें कि राधिका आप्टे सैफ के साथ 'सेक्रेड गेम्स' और 'बाजार' में पहले भी काम कर चुकी हैं।
‘पठान’ की डबिंग में व्यस्त हैं दीपिका
मुंबई । बालीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण शाहरुख खान की ‘पठान’ की डबिंग से जुड़े काम में व्यस्त हैं।उन्होंने फिल्म में अहम रोल निभाया है।एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पर फिल्म स्क्रिप्ट की एक तस्वीर साझा की और ज्यादा खुलासा किए बिना कैप्शन में ‘पठान’ का जिक्र किया। बता दें कि अयान मुखर्जी की ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट वन: शिवा’ में थोड़े वक्त के लिए नजर आई थीं।
दीपिका पादुकोण के कई प्रशंसकों ने उनकी पोस्ट पर कई कमेंट्स किए हैं।उनमें से एक यूजर ने लिखा, ‘बॉलीवुड का सूखा खत्म होगा’, जबकि दूसरे यूजर ने लिखा, ‘पठान को लेकर काफी रोमांचित हूं।’ एक अन्य प्रशंसक ने लिखा, ‘और इंतजार नहीं होता!’ सिद्धार्थ आनंद द्वारा निर्देशित ‘पठान’ में जॉन अब्राहम भी मुख्य भूमिका में होंगे।फिल्म के निर्माताओं ने अगस्त में एक्टर्स के फर्स्ट लुक पोस्टर साझा किए थे, जिसे उनकी को-एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने भी अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किया था।शाहरुख खान ने जून में ‘पठान’ से अपना मोशन पोस्टर सोशल मीडिया पर साझा किया था, जिसमें फिल्म की रिलीज की तारीख का भी खुलासा किया था।
शाहरुख खान मोशन पोस्टर में काफी दमदार नजर आ रहे हैं।उन्होंने कैप्शन में लिखा था, ’30 साल और गिनती नहीं, क्योंकि आपका प्यार और खुशी अनंत है।25 जनवरी 2023 को यशराज फिल्म्स के साथ ‘पठान’ का जश्न मनाए।’ बता दें कि यह फिल्म हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगु भाषाओं में भी रिलीज होगी।दीपिका ने कुछ हफ्ते पहले भी फिल्म से अपना फर्स्ट लुक शेयर किया था।‘पठान’ के अलावा दीपिका, ऋतिक रोशन की ‘फाइटर’ में भी नजर आएंगी।