भोपाल । अफ्रीका के नामीबिया से कूनो में बसाए गए चीतों की खूबियों से भोपाल के नागरिक भी रूबरू होंगे। वन विभाग इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलाएगा। पहले चरण में स्कूलों में छात्र-छात्राओं को चीतों के आकार, उनके स्वरूप और उनकी खूबियां बताई जाएगी। इसके बाद रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व सार्वजनिक स्थलों पर आम नागरिकों को भी यही जानकारी दी जाएगी। इस कवायद का उद्देश्य कुल मिलाकर चीतों से लोगों को भावनात्मक तौर पर जोड़ना है। यह काम अकेले भोपाल मंडल ही नहीं कर रहा है, बल्कि प्रदेश के सभी मंडलों को यह जिम्मेदारी दी गई है। मालूम हो कि सत्तर साल बाद देश में चीते फिर लौट आए हैं। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह नामीबिया से लाए गए 08 चीतों को बाड़े में छोड़ा। आम लोगों में भी कूनो में लाए गए इन चीतों को लेकर काफी जिज्ञासा है। मप्र में चीतों की बसाहट से लोगों में खुशी का माहौल है। पड़ोसी राज्यों को भी चीतों से उम्मीदें बंध गई है। महाराष्ट्र के वन्यप्राणी प्रेमी, सामाजिक संगठन व आम नागरिक काफी खुश है। इन्होंने चीतों को लेकर दूसरे लोगों में अलख जगाना शुरू कर दिया है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सार्वजनिक स्थान और शहर से लेकर गांव तक लोगों को चीतों की खूबियां बताई जा रही है। चीतों के बसने से पहले इनके स्वरूप व व्यवहार को लेकर लोगों को जागरुक किया गया था। इसके लिए चिंटू चीते को सामने रखा था। यह चीते का प्रतीक है, जिसे भोपाल के युवा रोमी भागवानी ने डिजाइन किया है। मप्र वन विभाग ने इसे चीते के शुभंकर के रूप में स्वीकारा है। वन मंत्री डा. कुंवर विजय शाह ने इसका लोकार्पण किया था। रोमी ने मुंबई के स्कूल आफ आर्ट्स से पढ़ाई की है। चिंटू चीते के बाद शनिवार को लोगों का असली चीते से सामना हुआ है। बता दें कि महाराष्ट्र की सीमा मप्र से लगी है। यहां के बाघ व तेंदुए महाराष्ट्र के जिलों में प्रवेश कर चुके हैं। आमतौर पर खुले जंगल में विचरण करने वाले वन्यप्राणी दोनों ही प्रदेश के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे है। वन्यप्राणी विशेषज्ञ रमाकांत दीक्षित का कहना है कि फिलहाल चीतों को बाड़े में रखे जाने की योजना है। भविष्य में इन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाना है। उम्मीद है कि मप्र का जंगल इन्हें पसंद आएगा और इनका कुनबा भी बढ़ेगा और ये दूसरे प्रदेशों तक जाएंगे। वन्यप्राणी विशेषज्ञ डा. फैयाज खुदसर का कहना है कि आबादी बढ़ी तो चीते एक से दूसरे जंगल में प्रवेश करेंगे। वह महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों का जंगल भी हो सकता है। इस बारे में भोपाल सामान्य वन मंडल डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि नागरिकों को चीतों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। शुरुआत छात्रों से कर दी है। शहर के अलावा गांवों में भी लोगों को चीते की खूबियों से परिचित कराएंगे।
घर में केले का पेड़ होना कैसा माना जाता है?
हिन्दू धर्म में केले का पेड़ बहुत ही पवित्र माना जाता है। दक्षिण भारत में केले का पेड़ बहुतायत में पाया जाता है। केले का फल, फूल, पत्ते, तना, जड़ और डंडल इन छह चीजों का उपयोग होता है और इनके कई फायदे भी हैं।
उत्तर भारत में खाकरे या पलाश के पत्ते तो दक्षिण भारत में केले के पत्ते पर प्राचीनकाल से ही भोजन परोसकर खाया जाता रहा है और प्रसाद बांटा जाता है। आओ जानते हैं कि इसे घर में लगाने से क्या होगा।
घर में केले का पेड़ लगाने से क्या होगा | What will happen if you plant a banana tree at home:
1. कहते हैं कि केले का पेड़ जिसके भी घर आंगन में लगा तो समझो साक्षात विष्णु और लक्ष्मी का वास रहेगा।
2. केले के पत्तों पर भोजन करने से आयु और आरोग्य में वृद्धि होती है। इसका उपयोग करते रहने से पेट संबंधी सभी रोग समाप्त हो जाते हैं।
3. यह पेड़ जहां भी लगा होता है वहां कभी भी सुख और समृद्धि की कमी नहीं रहती है।
4. केले का पौधा घर में लगाने से बृहस्पति ग्रह का शुभ फल मिलने लगता है।
5. इसके घर में होने से वैवाहिक जीवन की कठिनाइयां दूर होती है। अविवाहित कन्याओं का शीघ्र विवाह हो जाता है।
6. उच्च शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में यह पौधा सहायक सिद्ध होता है, क्योंकि इसमें से लगातार शांतिमय और सकारात्मक ऊर्जा निकलती रहती है।
7. माना जाता है कि समृद्धि के लिए केले के पेड़ में जल अर्पित करना और इसकी पूजा करना शुभ है।
8. यह पेड़ जहां भी लगा होता है वहां घर में संतान हमेशा सुखी और संकटों से दूर रहती हैं।
स्त्री हो या पुरुष, ये 4 काम करने से बाद नहाना जरूर चाहिए
आचार्य चाणक्य के अनुसार अच्छी सेहत ही सबसे बड़ा धन होती है क्योकि सेहत ठीक रहेगी तो आप किसी भी तरह की परेशानी से लड़ने में सक्षम रहेंगे। आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) इससे संबंधित भी कई नीतियां अपनी पुस्तकों में बताई है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, काफी बीमारियां तो केवल नहाने से ही दूर हो जाती हैं। आचार्य ने अपनी नीतियों में 4 ऐसे कामों के बारे में बताया है, जिन्हें करने के बाद नहाना बहुत जरूरी है। आगे जानिए कौन-से हैं वो 4 काम.
तेल मालिश के बाद
चाणक्य नीति के अनुसार, तेल मालिश सेहत के लिए अच्छी होती है, इससे शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं और त्वचा भी चमकदार हो जाती है। तेल मालिश से कई तरह के शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। तेल मालिश के तुरंत बाद नहाना जरूर चाहिए। नहीं तो सेहत पर इसका बुरा असर हो सकता है। नहाने से शरीर का जो मैल तेल मालिश से निकला है, वह तुरंत दूर हो जाता है।
शवयात्रा से लौटकर
हिंदू धर्म में शवदाह से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। उन्हीं में से एक है श्मशान जाने के बाद नहाने का। ऐसा इसिलए किया जाता है क्योंकि शव को जलाने के बाद कई तरह के हानिकारक कीटाणु हमारे बालों में और कपड़ों पर चिपक जाते हैं, यदि इन्हें साफ न किया जाए तो सेहत खराब हो सकती है। अत: शवदाह करके जैसे ही घर आएं, सबसे पहले स्नान जरूर करें।
स्त्री प्रसंग के बाद
स्त्री हो या पुरुष, प्रेम-प्रसंग (काम क्रिया) के बाद दोनों को नहाना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार, रति क्रिया के बाद स्त्री और पुरुष, दोनों ही अपवित्र हो जाते हैं। इस अवस्था में वे कोई दूसरा काम नहीं कर सकते जैसे पूजा-पाठ आदि। आचार्य चाणक्य के अनुसार रति क्रिया के तुरंत बाद नहा लेना चाहिए या फिर सुबह उठते ही। ऐसा करने से मन में पवित्रता का भाव बना रहता है।
बाल कटवाने के बाद
आचार्य चाणक्य के अनुसार, बाल कटवाना या शेविंग करवाने के बाद भी तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। बाल कटवाने के बाद पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं जो कि नहाने के बाद ही शरीर से साफ हो सकते हैं। अत: इस कार्य के बाद तुरंत नहाना चाहिए। ये नियम महिलाओं पर भी लागू होता है।
सुख-शांति और धन लाभ के लिए घर में लगाएं इस सुंदर पक्षी की तस्वीर
उज्जैन. हर घर में तस्वीरें जरूर होती हैं। क्योंकि इससे घर की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं। कुछ लोग ऐसी तस्वीरें घर में लगा लेते हैं जिससे घर में निगेटिविटी बढ़ने लगती है।
ऐसी तस्वीरें भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। वास्तु शास्त्र (Vastu Tips For Money) में एक ऐसे पक्षी के बारे में बताया गया है, जिसकी तस्वीर घर में लगाना बहुत ही शुभ माना गया है। ये पक्षी है हंस। इसकी तस्वीर ऑफिस या दुकान में भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से पॉजिटिविटी बढ़ती है और शुभ फल मिलते हैं। इससे जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली भी आती है। आगे जानिए हंस की तस्वीर का वास्तु शास्त्र में महत्व.
पॉजिटिविटी बढ़ाती है हंस की तस्वीर
हिंदू धर्म ग्रंथों में हंस को एक बेहद ही पवित्र पक्षी माना गया है। ये देवी सरस्वती का वाहन है। भगवान विष्णु ने भी एक बार हंस के रूप में अवतार लिया था, इसका वर्णन श्रीमद्भागवत में मिलता है। इसलिए हंस की तस्वीर घर, ऑफिस या दुकान में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
धन लाभ के लिए यहां लगाएं हंस की तस्वीर
हंस का चित्र घर या कार्यस्थल पर लगाने से मन में सकारात्मक विचार आते हैं और लोग प्रसन्न रहते हैं। अगर आप धन, सुख-समृद्धि की चाह रखते हैं तो आपको घर के हॉल में एक सफेद हंस की बड़ी तस्वीर लगाना चाहिए, क्योंकि एक हंस धन का प्रतीक माना गया है। माना जाता हैं कि हंस की तस्वीर लगाने से धन की देवी माता लक्ष्मी जी वहां रहने वालों पर प्रसन्न होती हैं।
बच्चों की स्टडी टेबल पर भी रख सकते हैं इसे
बच्चों की स्टडी टेबल पर हंस की तस्वीर जरूर रखनी चाहिए, इससे बच्चों का पढ़ाई-लिखाई में लगता है, ऐसी मान्यता है। चूंकि हंस देवी सरस्वती का वाहन है तो इसका प्रभाव बच्चों पर जरूर पड़ता है। अगर आप चाहते हैं कि पति-पत्नी के बीच हमेशा सम्मान, प्रेम बना रहे तो इसके लिए आपको बेडरूम में दो हंसों के जोड़े की तस्वीर लगानी चाहिए।
सम्मान करो संपूर्णता से
तुम किसी का सम्मान उसकी ईमानदारी, बुद्धिमत्ता, प्रेम और कार्य कुशलता जैसे सद्गुणों के लिए करते हो परंतु समय के साथ-साथ इन गुणों में परिवर्तन आता है। जिसके कारण तुम उनका सम्मान नहीं कर पाते। तुम केवल सद्गुणों का, महानता का सम्मान करते हो। मैं संपूर्णता से हर एक का सम्मान करता हूं। इसीलिए किसी भी व्यक्ति के लिए मेरा सम्मान कम नहीं होता। सम्मान पाने के लिए किसी को महान होने की आवश्यकता नहीं। जीवन का सम्मान महान बनाता है। दूसरों से सम्मान की अपेक्षा मत करो। यह कमजोर बनाता है। आत्मा का सम्मान करो। तब कोई तुम्हारे आत्म सम्मान को ले नहीं सकता। जब कोई तुम्हें सम्मान देता है, तो इसलिए नहीं कि तुममे कुछ विशेष गुण हैं। यह उनकी महानता और उदारता के कारण है। यदि तुम कहते हो, ईश्वर महान है, यह तुम्हें महान बनाता है। ईश्वर तो महान हैं ही- तुम्हारे कहने से ईश्वर को कोई फर्क नहीं पड़ता। जब तुम किसी को सम्मान देते हो, यह तुम्हारी विशालता दर्शाता है। यदि तुम सबका सम्मान करते हो तो उतना अधिक तुम्हारा मोल है। वह ज्ञानी है, जो सबका सम्मान करता है। सम्मान देना उन्नत चेतना का गुण है। आत्मा के प्रति सम्मान निष्ठा है और निष्ठा है उन्मुक्त होना। जिस प्रकार तुम मुझे सम्मान देते हो, उसी तरह सबको सम्मान दो। परंतु जो अपेक्षा तुम सबसे करते हो, वह सबसे मत करो। प्राय: तुम इसका उल्टा करते हो। तुम सबको वह आदर नहीं देते, जो मुझको देते हो पर आशा करते हो कि वे तुम्हें खुशी दें, तुमसे उत्तम व्यवहार करें। जब उनका व्यवहार तुम्हारी अपेक्षानुसार नहीं होता, तब तुम निराश होते हो और उनको दोषी ठहराते हो, उनकी निन्दा करते हो। निन्दा करने से, अभिशाप देने से, तुम्हारी आध्यात्मिक शक्ति क्षीण होती है। आशीर्वाद तुम्हारी आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाता है। सहनशीलता, धैर्य और विवेक से कुशलतापूर्वक आगे बढ़ो। यदि तुम्हारे आसपास मूर्ख हैं, तो समझो, वे तुम्हें और बुद्धिमान बनाएंगे। तुम कितने केंद्रित हो, यह तुम्हारे आसपास रहने वाले मूर्खों की संख्या से मालूम पड़ता है। मूर्खों को हटाने का प्रयास मत करो। यदि तुम केंद्रित नहीं हो, तो तुममे उनको बर्दाश्त करने का धैर्य नहीं होगा। जब तुम पूर्ण रूप से आत्मस्थित हो, तब पाते हो कि मूर्ख से भी ज्ञान मिल सकता है। वे तुम्हारे ही प्रतिबिम्ब हैं। मूर्ख तुम्हें हताश भी कर सकते हैं, या ज्ञान भी दे सकते हैं, चुनाव तुम्हारा है।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (19 सितम्बर 2022)
- मेष राशि – इष्ट मित्रों से लाभ होगा, भोग-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी, रुके कार्य बनेंगे।
- वृष राशि – अपनों से तनाव, प्रत्येक कार्य में बाधा होगी, लाभकारी योजना हाथ से निकल जायेंगी।
- मिथुन राशि – धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, कार्यवृत्ति में सुधार होगा, कार्य बनेंगे।
- कर्क राशि – कार्य योजना फलीभूत हो, दैनिक सफलता के कार्य संभव होवेंगें।
- सिंह राशि – इष्ट मित्रों से सुखवर्धक हो, मनोबल उत्साहवर्धक बना ही रहेगा, कार्यगति में सुधार होगा।
- कन्या राशि – आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा, दैनिक व्यवसाय में सुधार होगा, चिन्ता मुक्त होवेंगे।
- तुला राशि – आर्थिक योजना सफल होंगी, समय पर सोचे कार्य बनेंगे तथा किसी के धोखे से बचेंगे।
- वृश्चिक राशि – दूसरों के कार्य में भटकना पड़ेगा, समय को बचाकर चलने से लाभ ही होगा।
- धनु राशि – दैनिक कार्यगति में सुधार होगा, कार्ययोजना फलीभूत होगी, कार्य का ध्यान रखें।
- मकर राशि – किसी का कार्य बनने से संतोष होगा, चिन्ता निवृत्ति होगी, व्यवसायिक स्थिति में सुधार होगा।
- कुंभ राशि – स्त्री शरीर कष्ट, मानसिक बेचैनी रहेगी, उद्विघ्नता व विद्या बाधा, कार्य बाधा बनेगी।
- मीन राशि – भाग्य का सितारा प्रबल हो, बिगड़े कार्य बनेंगे, मित्र सहयोगियों से लाभ होवेंगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने अमर बलिदानी राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह की स्मृति में किया पौध-रोपण
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय समाज के गौरव, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अमर बलिदानी राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह जी के बलिदान दिवस पर उनकी स्मृति में पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्यामला हिल्स भोपाल के स्मार्ट सिटी उद्यान में गुलमोहर, गूलर और बादाम के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ कलाव्योम फाउंडेशन के श्री अशोक श्रीमाल, श्री खुजेमा मोटरवाला, श्री दीपक श्रीवास्तव और डॉ. शिवम पाटीदार पौध-रोपण में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान को फाउंडेशन के सदस्यों ने श्रीमद्भगवद्गीता भेंट की। कलाव्योम फाउंडेशन कला-संस्कृति, कौशल विकास और पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत है। फाउंडेशन स्थानीय उभरती प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के साथ उनके लिए नई संभावनाएँ तलाशने और उभरती प्रतिभाओं को आर्थिक आधार प्रदान करने के लिए कार्य करती है।
पौधों का महत्व
आज लगाए गए गुलमोहर की सुव्यवस्थित पत्तियों के बीच बड़े-बड़े गुच्छों में खिले फूल इस वृक्ष को अलग ही आकर्षण प्रदान करते हैं। यह वृक्ष औषधीय गुणों से भी समृद्ध है। गूलर के फल अंजीर की तरह होते हैं, यह भी आयुर्वेद की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बादाम एक मेवा है। तकनीकी दृष्टि से यह बादाम के पेड़ के फल का बीज है। बादाम के पेड़ में गुलाबी और श्वेत रंग के सुंगधित फूल लगते हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी मदन लाल ढींगरा की जयंती पर किया नमन
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अमर शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री मदन लाल ढींगरा की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
अमर शहीद श्री मदन लाल ढींगरा का जन्म 18 सितंबर 1883 को पंजाब प्रांत में हुआ था। उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश लिया। लंदन में श्री ढींगरा प्रख्यात राष्ट्रवादी श्री विनायक दामोदर सावरकर तथा श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा के संपर्क में आए। वहाँ के सभी देशभक्त, श्री खुदीराम बोस, श्री कन्हाई लाल दत्त, श्री सत्येंद्र पाल और श्री काशीराम जैसे क्रांतिकारियों को मृत्युदंड दिए जाने से बहुत क्रोधित थे। परिणाम स्वरूप इंडियन नेशनल एसोसिएशन के वार्षिक उत्सव में श्री मदन लाल ढींगरा ने सर विलियम हट कर्जन वायली पर गोलियाँ दाग दी। जुलाई 1909 को केस की सुनवाई के बाद 17 अगस्त 1909 को ब्रिटिश सरकार द्वारा श्री मदन लाल ढींगरा को फांसी दे दी गई।
युवती को बंधक बनाकर किया सामूहिक दुष्कर्म
रीवा जिले के नईगढ़ी थाना क्षेत्र से एक खौफनाक वारदात सामने आई है। दरअसल, रीवा के नईगढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत बहुती जलप्रपात स्थित अष्ठ भुजी माता मंदिर का है। यहां शनिवार को एक युवती अपने दोस्त के साथ मंदिर घूमने आई थी। मंदिर में दर्शन करने के बाद वह पास बैठकर आपस में बात कर रहे थे। तभी छह युवक भी वहां पहुंच गए।
इस दौरान वे युवती और उसके दोस्त को बेवजह डराने धमकाने लगे। बाद में आरोपी युवती के दोस्त के सामने ही उसे घसीटते हुए जलप्रपात की ओर ले गए। जहां बारी- बारी से सभी युवकों ने युवती के साथ दुष्कर्म किया। इस वारदात के बाद दरिंदो ने किशोरी के साथ मारपीट की और तकरीबन एक घंटे तक बंधक बनाए रखा। मोबाइल सहित उसकी पायल लेकर फरार हो गए।
फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। सभी आरोपी नईगढ़ी थाना क्षेत्र के निवासी हैं। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, बाकी अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने विशेष पल्स पोलियों अभियान का किया शुभारंभ
भोपाल : लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने रविवार को कैलाश नाथ काटजू अस्पताल परिसर में विशेष पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ बच्चों को पोलियो की खुराक पिला कर किया ।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि बीमारियों से बचाव के लिए बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण करवाना हम सभी का कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो का यह चरण बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी जरा सी लापरवाही बीमारी को वापस ला सकती है। हम सभी अपने आसपास के जन्म से 5 साल तक के हर बच्चे को पोलियो खुराक ज़रूर पिलवाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे इस विशेष पल्स पोलियो अभियान के लिए प्रदेश के 16 ज़िले चिन्हित किए गए हैं। इनमें भिण्ड, भोपाल, छिन्दवाड़ा, दतिया, ग्वालियर, इंदौर, कटनी, खरगोन, मंदसौर नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, सतना, टीकमगढ़, विदिशा एवं श्योपुर जिला शामिल है। अभियान के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सारी तैयारियाँ पहले से ही पूरी कर ली गई हैं। ईट भट्टों पर काम करने वाले मजदूर परिवार के बच्चों, दूरस्थ वन ग्रामों और घूमंतू आबादी के बच्चों को "दो बूँद ज़िंदगी" की पिलाने के लिए विशेष सूक्ष्म कार्य-योजना बनाई गई है।
आगामी तीन दिनों तक चलने वाले इस अभियान में 5 वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो खुराक पिलाई जानी है। संचालक टीकाकरण एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।