Thursday, July 31, 2025
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पुरानी बिल्डिंग तोडऩे पर मुफ्त मिलेगा नया फ्लैट

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 -नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने तैयार की री-डेवलपमेंट पॉलिसी
-शहरी क्षेत्रों में 30 से ज्यादा पुराने आवासीय कॉम्पलेक्स को तोड़कर नई इमारत बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा
-आवासीय बिल्डिंग के लिए मौजूदा एफएआर से 0.50 और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए 0.75 एफएआर ज्यादा दिया जाएगा
-ग्राउंड कवरेज भी 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया जाएगा।

भोपाल, मध्य प्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने री-डेवलपमेंट पॉलिसी तैयार कर ली है। इसे अब कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। पॉलिसी को स्वीकृति मिलने पर प्रदेश में लागू किया जाएगा। री-डेवलमेंट पॉलिसी के तहत किसी भी जमीन पर बनी पुरानी या जर्जर बिल्डिंग तोडऩे पर निर्माण में फ्लोर एरिया रेशियो और ग्राउंड कवरेज पर इंसेटिव दिया जाएगा। इसके लिए मास्टर प्लान और भूमि विकास नियमों में बदलाव किया जाएगा। प्रदेश के बढ़े शहरों में हाईराइज बिल्डिंग का चयन बढ़ते जा रहा है। वहीं, पुरानी बिल्डिंग जर्जर हो गई है। री-डेवलमेंट पॉलिसी के तहत लोगों को नया और बढ़ा घर मिलेगा। साथ ही नए निर्माण को पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।  इसमें शहरी क्षेत्रों में 30 से ज्यादा पुराने आवासीय कॉम्पलेक्स को तोड़कर नई इमारत बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसमें वे इमारतें भी शामिल होंगी जिन्हें नगरीय निकायों ने जर्जर घोषित किया है। सरकार के इस प्रावधान से जिन इलाकों में जमीन की कीमत बहुत ज्यादा बढ़ गई है, वहां लोगों को पुराने फ्लैट के स्थान पर नए फ्लैट मुफ्त या फिर मामूली प्रीमियम पर मिल सकते हैं। गौरतलब है कि अभी सिर्फ सरकारी जमीनों के लिए पुनर्निर्माण के लिए रीडेंसिफिकेशन नीति है। अब निजी या विकास प्राधिकरणों और हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित कॉलोनियां भी नई नीति के तहत इस दायरे में आ जाएंगी। इस तरह के प्रावधान महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली आदि राज्यों में है।

ऐसे होगा री-डिवलपमेंट
नई पॉलिसी के तहत पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर बिल्डर नई बिल्डिंग बनाएगा। इसके लिए रहवासी समिति की अनुमति जरूरी होगी। बिल्डर   पुरानी बिल्डिंग से ऊंची इमारत और ज्यादा फ्लैट बनाएगा। जिनको बेचकर निर्माण की लागत निकालेगा और कमर्शियल स्पेश से अपना मुनाफा कमाएगा।  

यह मिलेगी छूट
पॉलिसी के तहत रहवासी बिल्डिंग के लिए 0.50 और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए 0.75 ज्यादा एफएआर दिया जाएगा। ग्राउंड कवरेज भी 30 से बढ़ाकर 40 फीसदी किया जाएगा। यानी 10 हजार वर्गफीट के प्लॉट पर 4 हजार वर्गफीट में निर्माण कर सकेगा। नई नीति के तहत किसी भी बहुमंजिला इमारत के रीडेवलपमेंट के लिए सबसे पहले वहां रहने वाले रहवासियों की समिति की अनुमति लेनी होगी। यह समिति अपार्टमेंट एक्ट के तहत गठित होगी। यही समिति बिल्डर से पुरानी इमारत तोडऩे और फिर उसी जगह पर नई इमारत बनाने के लिए अनुबंध करेगी।

क्या है एफएआर
एफएआर का मतलब यह है कि किसी प्लॉट पर सरकार द्वारा तय किया गया कुल निर्मित क्षेत्र। यानी किसी एरिया में 1.25 का एफएआर है तो वहां कुल जमीन के सवा गुना ज्यादा निर्माण कर सकता है। जैसे 10 हजार वर्गफीट के प्लॉट पर 12500 वर्गफीट। अब यदि इस पर 0.50 का अतिरिक्त एफएआर और मिल जाए तो अब कुल निर्माण 1.75 गुना या 17500 वर्गफीट हो सकता है। अभी ग्राउंड कवरेज यानी 30 प्रतिशत है यानी 10000 वर्गफीट के प्लॉट पर सिर्फ 3000 वर्गफीट एरिया में ही निर्माण किया जा सकता है। बाकी 7000 वर्गफीट एरिया खाली छोडऩा होता है। अब यह एरिया भी बढ़कर 4000 वर्गफीट हो जाएगा।

ऐसे मिलेगा रीडेवलपमेंट का फायदा
अभी यदि किसी पुरानी इमारत को तोड़ा जाए और फिर उतना ही नया निर्माण किया जाए तो पूरी लागत रहवासियों पर आती है। जबकि अतिरिक्त निर्माण की छूट मिलने से अब बिल्डर उसी जमीन पर बिल्डिंग की ऊंचाई बढ़ाकर ज्यादा फ्लैट्स बना सकता है। इन्हीं अतिरिक्त फ्लैट्स को बेचकर निर्माण लागत कवर की जा सकती है। साथ ही उसका कुछ हिस्सा कमर्शियल इस्तेमाल में करने से मुनाफा कमाया जा सकता है।

इसलिए जरूरी
भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में बहुमंजिला इमारतों का चलन बढ़ रहा है। अक्सर पुरानी या जर्जर इमारतों को तोडऩे पर विवाद होते रहते हैं। अब नई नीति से रहवासियों को बगैर खर्च के नए फ्लैट मिलेंगे तो आसानी से जर्जर इमारतों को तोड़ा जा सकेगा। नए निर्माण होने से सीवेज लाइन, वाटर सप्लाई लाइन आदि भी नए हो जाएंगे, जिससे मेंटेनेंस खर्च कम होगा। कई पुरानी इमारतों में लिफ्ट और पार्किंग जैसी कई सुविधाएं नहीं है। नए निर्माण में बेहतर लैंडस्केपिंग, पोडियम पार्किंग, लिफ्ट जैसी कई सुविधाएं भी मिल सकेंगी। भोपाल में अंजली कॉम्पलेक्स, शालीमार गार्डन, जनता क्वार्टर्स, सुरेंद्र प्लेस समेत करीब 50 अपार्टमेंट्स में 30 साल से ज्यादा पुराने हैं। इन पर यह नीति लागू होगी।

निर्मला सीतारमण ने कहा – MSME का बकाया 45 दिन के अंदर चुकाएं

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मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी क्षेत्र की कंपनियों से सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों का बकाया 45 दिन में चुकाने को कहा है। यह भी माना कि केंद्र सरकार के विभाग व उपक्रम भी एमएसएमई का बकाया समय पर नहीं दे रहे हैं।सीतारमण ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा, केंद्र, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर भी एमएसएमई का बकाया है। निजी क्षेत्र और उद्योग को 45 दिन के भीतर भुगतान का संकल्प लेना चाहिए। कंपनी पंजीयक में अकाउंट बुक दाखिल करनी चाहिए।उन्होंने कहा, सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए कदम उठाएगी। सुनिश्चित करेगी कि उसके विभाग व सार्वजनिक उपक्रम छोटे व्यवसायों को 90 दिन में भुगतान करें। ट्रेड्स मंच और समाधान पोर्टल जैसी योजनाएं छोटे व्यवसायों को समय पर भुगतान दिलाने में मददगार हैं।

 

गैरकानूनी रूप से हो रहा जीएम सोयाबीन का आयात

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भोपाल। जीन संवर्धित (जीएम) सोयाबीन के बीजों को देश में अवैध रूप से लाने की कोशिश हो रही है। दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) ने प्रतिबंधित जीएम सोयाबीन के आयात की शिकायत केंद्रीय कृषि मंत्रालय से की है। सोपा ने न केवल जीएम सोयाबीन के आयात का आरोप लगाया है, बल्कि शिकायत के साथ शिपमेंट और कंटेनर की जानकारी भी भेजी है। सोपा ने आशंका जताई है कि देश में जीएम सोयाबीन को अवैध तरीके से दाखिल करवा दिया गया तो यह कृषि क्षेत्र, किसानों और जैव विविधता के लिए आपदा साबित हो सकती है। सोपा ने शिकायती पत्र के साथ सोयाबीन लादकर भारत आ रहे जहाज की जानकारी भेजी है। मंत्रालय में प्लांट प्रोटेक्शन और क्वारंटाइन विभाग का जिम्मा संभाल रहे संयुक्त सचिव प्रमोद कुमार को लिखित शिकायत की गई है। सोपा के अनुसार, देश में एमवी रूबी नाम के जहाज के जरिये 17 हजार 741 टन जीएम सोयाबीन की खेप मंगवाई जा रही है। यह खेप मुंबई बंदरगाह पहुंच रही है। सोपा ने आयात करने वाली कंपनी का नाम भी केंद्रीय सचिव तक भेजा है। सोपा के अनुसार, जीएम सोयाबीन का आयात पूरी तरह प्रतिबंधित है। देश की कृषि और जैव विविधता के लिए जीएम बीज बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। इसी के चलते सरकार ने जीएम सोयाबीन के आयात को प्रतिबंधित कर रखा है। सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक के अनुसार, 5 दिसंबर 1989 में जीएम या जैव इंजीनियर्ड बीजों के आयात पर सरकार प्रतिबंध का कानून लागू कर चुकी है। कानून से बचने के लिए आयातक कंपनी ने दस्तावेजों में हेरफेर कर सोयाबीन के मूल देश को भी बदल दिया है।

दक्षिण अमेरिका की उपज, नाम अफ्रीका का
सोपा के अनुसार, जीएम सोयाबीन को देश में दाखिल करवाने के लिए इस खेप का उद्गम (ओरिजन) भी बदल दिया गया है। आयात के दस्तावेजों पर जानकारी दी गई है कि अफ्रीकी देश मोजाम्बिक से सोयाबीन आयात हो रहा है, जबकि असल में यह सोयाबीन दक्षिण अमेरिकी देशों से लाया जा रहा है। सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने नईदुनिया से बात करते हुए कहा कि अफ्रीकी देशों में सोयाबीन का उत्पादन नाममात्र का होता है। ऐसे में जब अफ्रीका से सोयाबीन आयात होता है तो वह कुछ कंटेनर और 100-200 टन से ज्यादा नहीं होता। ताजा खेप 17 हजार 741 टन का पूरा जहाज सोयाबीन से भरा है, जो अफ्रीका से संभव नहीं है। दक्षिण अमेरिकी देश में जीएम सोयाबीन पैदा होती है। उस क्षेत्र के देश ब्राजील और अर्जेंटीना विश्व के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक हैं।

टैक्स-ड्यूटी की भी चोरी
सोपा के अनुसार, सिर्फ नान जीएम सोयाबीन के आयात की अनुमति देश में है। दरअसल, अफ्रीकी देशों से व्यापार करार के तहत वहां से सोयाबीन आयात करने पर शून्य प्रतिशत ड्यूटी लागू होती है, लेकिन विश्व के किसी अन्य भाग से सोयाबीन आयात हो तो उस पर 45 प्रतिशत ड्यूटी चुकानी होगी। ऐसे में ताजा मामले में वैसल (जहाज) को अफ्रीका से डायवर्ट करवाकर इस सोयाबीन का ओरिजन बदलने से उसे न केवल नान जीएम घोषित कर दिया गया, बल्कि टैक्स चोरी भी की गई। दरअसल, अफ्रीकी देशों में जीएम सोयाबीन नहीं उगाई जाती।

सोयाबीन की खेप की करें जांच
सोपा के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीएन पाठक का कहना है कि जीएम सोयाबीन भारत पहुंची तो देश की कृषि और जैव विविधता के लिए आपदा साबित होगा। किसी तरह के अवांछित खरपतवार, बीज या सूक्ष्म परजीवी देश में दाखिल हो सकते हैं। कभी इसी तरह विदेश से गाजरघास देश में पहुंची थी। हमने शिकायत की है। अब विदेश व्यापार महानिदेशालय के साथ ही एफएसएसएआई और कस्टम की जिम्मेदारी है कि वे सोयाबीन की खेप की जांच करें।

गौतम अदाणी सीमेंट कारोबार सौंपेंगे करण अदाणी को

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नई दिल्ली | सीमेंट के कारोबार में अपने बेटे करण अदाणी को उतारने के अलावा गौतम अदाणी इस बिजनेस में वरिष्ठ प्रोफेशनल्स को भी उतारने का प्लान बना रहे हैं।बता दें कि अदाणी ग्रुप ने अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिटेड के अधिग्रहण को पूरा कर लिया है।गौतम अदाणी ने 10.5 अरब डॉलर में दो दिग्गज कंपनियों का अधिग्रहण कर उसका संचालन अपने बड़े बेटे करण अदाणी को सौंपने का फैसला किया है। ये दोनों कंपनियां सीमेंट निर्माण से जुड़ी हैं। बता दें कि करण अदाणी फिलहाल अदाणी ग्रुप का पोर्ट का कारोबार देखेते हैं। वे अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के सीईओ हैं।  

मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सीमेंट के कारोबार में अपने बेटे को उतारने के अलावा गौतम अदाणी इस बिजनेस में वरिष्ठ प्रोफेशनल्स को भी उतारने का प्लान बना रहे हैं।बता दें कि अदाणी ग्रुप ने अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिटेड के अधिग्रहण को पूरा कर लिया है। सीमेंट कारोबार की दो दिग्गज कंपनियों का अधिग्रहण करने के बाद अदाणी ग्रुप सीमेंट निर्माण के मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी होगी। पहले नंबर पर आदित्य बिड़ला ग्रुप की अल्ट्राटेक सीमेंट है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अदाणी ग्रुप इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स फर्म बनाने के लिए समूह के बंदगाहों और सीमेंट व्यवसायों के बीच तालमेल बनाने की योजना पर काम कर रहा है और इसके लिए करण अदाणी को अंबुला सीमेंट के गैर-कार्यकारी निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी

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देश के फाॅरेन करेंसी असेट में फिर कमी दर्ज की गई है। लगातार छठे हफ्ते में इसमें गिरवट दर्ज की गई है। इसके कारण देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार भी नीचे फिसला है। नौ सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.23 अरब डॉलर की कमी आई है। इस पहले बीते दो अगस्त 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 7.94 अरब डाॅलर की कमी आई थी। यह कम होकर 553.105 अरब डॉलर रह गया था।आरबीआई की ओर से जारी सूचना के अनुसार नौ सितंबर 2022 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 2.234 अरब डॉलर घटकर 550.871 अरब डॉलर रह गया है।  इससे पहले बीते दो सितंबर को यह कम होकर 553.105 अरब डॉलर रह गया था। पांच अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते के बाद इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गई है। उससे पहले 29 जुलाई को समाप्त हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 2.4 अरब डॉलर बढ़कर 573.875 अरब डॉलर हो गया था। उसके बाद लगातार चार हफ्तों से इसमें गिरावट जारी है।

प्रधानमंत्री जारी करेंगे नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी

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नई दिल्ली । पीएम मोदी आज राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के तहत एक समग्र कार्ययोजना जारी करेंगे।यह कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होगा।इस कार्यक्रम की अधिक जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि एक लॉजिस्टिक राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता महसूस की गई है, क्योंकि भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक लागत अधिक है।पीएमओ ने अपने बयान में कहा कि घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में भारतीय सामानों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए भारत में लॉजिस्टिक की लागत को कम करना अनिवार्य है। कम लॉजिस्टिक लागत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता में कटौती में सुधार करती है, मूल्य संवर्धन और उद्यम को प्रोत्साहित भी करती है। साथ ही पीएमओ ने कहा कि सरकार ने 2014 से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग दोनों में सुधार पर काफी जोर दिया है।बता दें कि देशभर में 10 हजार से अधिक उत्पादों के लॉजिस्टिक कारोबार का आकार 160 अरब डॉलर है। इस क्षेत्र में 2.2 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि इस क्षेत्र की हालत बेहतर होने से अप्रत्यक्ष लॉजिस्टिक लागत में 10 प्रतिशत की कमी आएगी जिससे निर्यात में 5 से 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, हमारी बहनों का उत्साह बढ़ाने के लिए आए हैं पीएम मोदी

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श्योपुर    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने के बाद हेलिकॉप्टर से करहाल (श्योपुर) पहुंचे। वे यहां महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शामिल हुए। यहां प्रधानमंत्री 'प्रधानमंत्री कौशल विकास' योजना के तहत चार कौशल केंद्रों का उद्घाटन करेंगे। ये योजनाएं विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए काम करेंगी ग्वालियर-चंबल संभाग में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी 1 लाख महिलाओं के इस सम्मेलन में शामिल होने का दावा है। हर कोई आदिवासी रंग में रंगा नजर आ रहा है। आदिवासी वेशभूषा और आदिवासी नृत्य करते हुए लोग कार्यक्रम में पहुंचे।केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने श्योपुर आने पर प्रधानमंत्री मोदी का आभार मानते हुए कहा- ये श्योपुर जिला बहुत ही छोटा है। लेकिन, प्राकृतिक संपदा से पूरी तरह परिपूर्ण है। इस जिले में दो विधानसभा हैं। इस क्षेत्र में जंगल हैं। शिव भगवान के कई मंदिर हैं, इसी कारण इसे श्योपुर नाम दिया गया है। आज गांव के गरीब किसनों से मिलने के लिए, हमारी बहनों का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हैं। श्योपुर में अभयारण्य बनाने के लिए लोग विस्थापित हो गए, इंतजार करते रहे क्षेत्र आगे बढ़ेगा। लेकिन, ये इंतजार ही रहा। 2014 में पीएम मोदी ने पद संभाला। इसके बाद उनसे अनुरोध किया। पीएम मोदी ने कहा- हम श्योपुर चलेंगे तो खाली हाथ नहीं चलेंगे। जब पहुंचेंगे तो चीते के साथ ही इस अभयारण्य का शुभारंभ करेंगे।

मंच पर सिर्फ PM मोदी का फोटो

करहाल के मॉडल स्कूल ग्राउंड में आयोजित सम्मेलन के लिए पांच डोम बनाए गए हैं। मुख्य बड़े डोम के अलावा चार छोटे डोम हैं। यहां बने मंच में एक फ्लैक्स लगाया गया है, जिसमें सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो है।

प्रधानमंत्री का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम

दोपहर 2.15 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
दोपहर 2.20 बजे दोपहर को ग्वालियर से रवाना होंगे।

PM मोदी ने कूनो में छोड़े चीते

भारत का 70 साल का इंतजार शनिवार को खत्म हुआ। नामीबिया से आए 8 चीतों ने भारत की सरजमीं पर पहला कदम रखा। कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारैंटाइन बाड़े में छोड़ा। रिकॉर्डेड भाषण में PM मोदी ने चीते भेजने के लिए नामीबिया का आभार माना। 

डीजल और एटीएफ का निर्यात हुआ सस्ता

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन, एविएशन टरबाइन फ्यूल एवं डीजल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स और निर्यात शुल्क में बड़ी कमी का ऐलान किया। यह ऐसे समय पर किया गया है, जब कच्चे तेल की कीमत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी गिरावट देखी गई है।केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स 13,300 रुपये प्रति टन से घटाकर 10,500 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। इसके साथ डीजल के निर्यात पर टैक्स 13.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 8.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।एटीएफ के निर्यात पर टैक्स 9 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। नई दरें 17 सितंबर से लागू कर दी गई है।अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में पिछले दिनों बड़ी गिरावट देखी गई है। इसके कारण सितंबर में कच्चे तेल की खरीद का औसत भाव 92.53 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है, जोकि अगस्त में 97.4 डॉलर प्रति बैरल था। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में अगस्त के बाद ही कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिसके कारण कच्चे तेल का भाव पर 92 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बना हुआ है।

पांढुर्ना से सौंसर जा रही बस खाई में पलटी, एक दर्जन से ज्‍यादा यात्री घायल

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छिंदवाड़ा ।   सौंसर-पांढुर्ना मार्ग पर एक बस दुर्घटना का शिकार हो गई। इस हादसे में 13 यात्रियों के घायल होने की खबर है। इनमें से तीन को गंभीर चोट आई है, जिन्हें उपचार के लिए नागपुर रेफर किया गया है। तेज रफ्तार बस मोहगांव के समीप सड़क से उतरते हुए नीचे गड्ढे में जा घुसी तथा पेड़ से टकरा गई थी। घटना स्थल से मोहगांव थाना नजदीक होने से तत्काल मोहगांव पुलिस टीम तथा 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची। सभी घायलों को एंबुलेंस के जरिए सौंसर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया था। मोहगांव थाना में पदस्थ एसआइ हल्के सिंह अहिरवार ने बताया कि सुबह लगभग 9 बजे सौंसर से पांढुर्ना मार्ग पर नीलकमल बस यात्री लेकर सौंसर की ओर आ रही थी। मोहगांव के आगे अचानक स्टेयरिंग फेल होने से बस सड़क से नीचे उतर गई तथा पेड़ से टकराते हुए पलट गई। इससे बस में सवार 13 यात्री घायल हो गए जिन्हें सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। तीन यात्रियों को गंभीर चोट आई है जिन्हें उपचार के लिए नागपुर रेफर किया गया है। दो स्कूली बच्चे भी इस दुर्घटना में घायल हुए है। मोहगांव पुलिस ने घायलों का प्राथमिक उपचार कराया तथा उनके बयान दर्ज किए। वहीं पुलिस ने बस हादसे के बाद जांच शुरू कर दी है।

बस की फिटनेस पर सवाल

प्रमुख मार्गों को छोड़कर अन्य रास्तों पर चलने वाले यात्री वाहनों की फिटनेस पर सवाल खड़े होते रहे है। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जो बस हादसे का शिकार हुई है, वह अनफिट थी। जिसकी संभवत: कभी भी परिवहन विभाग द्वारा जांच नहीं की गई। सौंसर से मोहगांव होते हुए पांढुर्ना जाने वाले मार्ग पर कंडम वाहन संचालित होते है। जब भी परिवहन विभाग की जांच की जाती है तो इन बसों को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है। धीरे-धीरे ये पुन: सड़कों पर दौड़ने लगती हैं। इस बस हादसे के बाद अब परिवहन विभाग भी बस की जांच करने पहुंचेगा, जिसके बाद बस संचालक पर कार्रवाई की जा सकती है।

नवरात्र में खरीदारी करने के लिए इस बार बनेंगे तीन दिन में तीन सर्वार्थ सिद्घि योग

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शारदेय नवरात्र पर्व इस बार 26 सितंबर से शुरू होगा। समापन पांच अक्टूबर को हवन-पूजन और कन्या भोज के साथ होगा। नवरात्र में देवी दुर्गा की पूजा और साधना होगी। इसके अलावा देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। हिंदू धर्म में देवी दुर्गा, जो माता पार्वती का ही स्वरूप हैं, उन्हें महाशक्ति के रूप में पूजा जाता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा ने बताया कि नवरात्र के दिनों में देवी दुर्गा हिमालय से पृथ्वी लोक में आती हैं और अपने भक्तों के घरों में नौ दिनों के लिए विराजमान होती हैं। नवरात्र के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना होती है। मां दुर्गा के भक्त इन नौ दिनों में उपवास रखते हुए मां शक्ति की साधना करते हैं।

26 को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर को सुबह तीन बजकर 23 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 27 सितंबर को सुबह तीन बजकर आठ मिनट पर खत्म होगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह छह बजकर 11 मिनट से सात बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर छह मिनट से 12 बजकर 54 मिनट पर पूजन किया जा सकता है।

मातारानी का इस बार आगमन हाथी पर होगा
ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के अनुसार नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। इस दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए लोग बहुत तरह से उनकी पूजा उपासना करेंगे। इस बात से सभी वाकिफ हैं कि माता की सवारी शेर है, लेकिन नवरात्र में उनके वाहन उनके आगमन के दिनों के अनुसार बदलते रहते हैं। इस बार वाराणसी पंचांग और मिथिला पंचांग के अनुसार माता का आगमन हाथी पर होगा। इसे शुभ माना जा रहा है।

नवरात्र पर बढ़ेगा व्यापार
श्राद्घ समाप्त होते ही नवरात्र के प्रारंभ से बाजारो में रौनक बढ़ेगी। जो लोग श्राद्घ में खरीदी नही कर सके, वे बाजारों की तरफ रुख करेंगे। इन दिनों प्रोपेर्टी की बिक्री बढ़ेगी। इस समय को ज्वेलरी, फर्नीचर खरिदने के लिए उपयुक्त समय माना गया है। शारदेय नवरात्र में खरीदारी के लिए तीन सर्वार्थसिद्घि योग बनेंगे। ये योग 29 सितंबर गुरुवार, 30 सितंबर शुक्रवार और दो अक्टूबर रविवार को बन रहे हैं।

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