पूरे दिन जाने-अनजाने हमसे ऐसे कई कार्य हो जाते हैं, जिनके प्रभाव के बारे में बाद में पता चलता है। शास्त्रों में बताया गया है कि सही समय पर सही कार्य करने से ना सिर्फ भगवान की कृपा मिलती है बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होती है। वहीं कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें भूलकर भी सुबह और शाम के समय नहीं करना चाहिए। इन्हें करने से पैसा और तरक्की दोनों का नाश होता है। यहां जानिए, सुबह शाम कौन से कार्य नहीं करने चाहिए…
नाराज हो जाती हैं मां लक्ष्मी
तुलसी के पत्तों को भूलकर भी शाम के समय नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। पूजा के लिए सुबह ही पत्ते तोड़कर रख लें। शाम के समय तुलसी के पत्ते तोड़ने से आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगती है।
दरिद्रता का होता है वास
शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय घर की साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए। भूलकर भी घर का कूड़ा शाम को बाहर नहीं फेकना चाहिए। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाएगी। साथ ही घर में दरिद्रता का वास होने से आप पर कर्ज बढ़ सकता है।
भगवान की नहीं होती कृपा
शाम के समय कभी भी नहीं सोना चाहिए, ऐसा करने से पाप लगता है। सुबह और शाम का समय पूजा-ध्यान करने का है। जो लोग इस समय सोते हैं, उन पर भगवान की कृपा नहीं रहती है। हां, बीमार लोग और बच्चे इस नियम से बाहर होते हैं।
इस दिन करें धन का लेन-देन
धन से संबंधित कोई भी कार्य करना हो तो आप सोमवार या बुधवार को करें। इन दिनों में किया गया धन का लेन-देने फायदेमंद माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से कर्जा धीरे-धीरे खत्म होने लगता है।
इस दिन करें व्रत
लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए सुहागिन महिलाओं को गुरुवार का व्रत करने से लाभ होता है। इस दिन किसी गरीब महिला को सुहाग की सामग्री दान देने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। ऐसा करने से आपके जीवन की सभी समस्याएं धीरे-धीरे खत्म होने लग जाएंगी।
इससे निशान न बनने दें
घर की दीवारों या फर्श पर पेंसिल या चॉक आदि का निशान न बनाने दें। ऐसा माना जाता है कि दीवार और फर्श पर बनी ये रेखाएं घर में नकारात्मकता को बढ़ाती है, जिससे आर्थिक तरक्की बाधित होती है और कर्ज बढ़ने की संभावना रहती है।
रूठ जाती है लक्ष्मी
घर में सुबह की गतिविधियों की शुरुआत झाड़ू लगाने के बाद ही करनी चाहिए। जैसे, पूजा करना, नाश्ता करना। घर में झाड़ू लगा देने से रातभर की नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर चली जाती है। घर में ताजगी का माहौल बनता है, जिससे परिवार के लोग उर्जावान रहते हैं और हर तरह की तरक्की के लिए ऊर्जा ही तो चाहिए।
कर्ज से बचने करें ये काम
पितरों का आशीर्वाद हासिल करने करते हैं श्राद्ध
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाते हैं। पितरों का आशीर्वाद हम पर बना रहे इसलिए उनकी आत्मा की शांति के लिए हर साल श्राद्ध करते हैं। उनके आशीर्वाद से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
इतने होते हैं श्राद्ध
निर्णय सिंधु और भविष्य में पुराण में श्राद्ध के 12 प्रकारों का वर्णन मिलता है। ये हैं नित्य, नैमित्तिक, काम्य, वृद्धि, सपिंडन, पार्वण, गोष्ठी, शुद्धयर्थ, कर्मांग, तीर्थ, यात्रार्थ, पुष्ट्यर्थ।
पितरों के प्रसन्न करने के लिए करें यह श्राद्ध
नित्य श्राद्ध: कोई भी व्यक्ति अन्न, जल, दूध, कुश, फूल व फल से हर रोज श्राद्ध करके हर रोज पितरों को प्रसन्न कर सकता है।
नैमित्तिक श्राद्ध: यह श्राद्ध विशेष अवसर पर किया जाता है। जैसे- पिता आदि की मृत्यु तिथि के दिन इसे एकोदिष्ट कहा जाता है।
काम्य श्राद्ध: इस श्राद्ध को किसी कामना विशेष, सिद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
वृद्धि श्राद्ध: इस श्राद्ध को सौभाग्य प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसमें वृद्धि की कामना के लिए किया जाता है।
सपिंडन श्राद्ध: इस श्राद्ध को मृत व्यक्ति के 12वें दिन पितरों से मिलने के लिए किया जाता है। इसे स्त्रियां भी कर सकती हैं।
पार्वण श्राद्ध: पिता, दादा, परदादा और दादी, परदादी के निमित्त किया जाता है। इसे पर्व की तिथि पर ही किया जाता है।
समूह में किया जाता है यह श्राद्ध
गोष्ठी श्राद्ध: इस श्राद्ध को परिवार के सभी लोग मिलकर करते हैं। यह श्राद्ध हमेशा समूह में किया जाता है।
शुद्धयर्थ श्राद्ध: परिवार की शुद्धता के लिए शुद्धयर्थ श्राद्ध किया जाता है।
कर्मांग श्राद्ध: यह श्राद्ध को किसी संस्कार के अवसर पर ही किया जाता है। कर्मांग का अर्थ कर्म के अंग से होता है।
यात्रा के लिए करते हैं यह श्राद्ध
तीर्थ श्राद्ध: यह श्राद्ध हमेशा तीर्थ पर ही किया जाता है।
यात्रार्थ श्राद्ध: यात्रा की सफलता के लिए यात्रार्थ श्राद्ध किया जाता है।
पुष्ट्यर्थ श्राद्ध: आर्थिक उन्नति में बढ़ोतरी, अच्छे स्वास्थ्य के लिए पुष्टि के निमित्त जो श्राद्ध किए जाते हैं वे पुष्ट्यर्थ श्राद्ध कहलाते हैं।
अमावस्या को किया जाता है इनका श्राद्ध
जिन लोगों की मृत्यु के दिन की सही-सही जानकारी न हो, उनका श्राद्ध अमावस्या तिथि को करना चाहिए। सांप काटने से मृत्यु और बीमारी में या अकाल मृत्यु होने पर भी अमावस्या तिथि को श्राद्ध किया जाता है। जिनकी आग से मृत्यु हुई हो या जिनका अंतिम संस्कार न किया जा सका हो, उनका श्राद्ध भी अमावस्या को करते हैं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (22 सितम्बर 2022)
- मेष राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति, मानसिक विभ्रम, किसी घटना का शिकार होने से बचें।
- वृष राशि – असमंजस की स्थिति क्लेशप्रद रखे, विरोधी तत्व परेशान करेंगे ध्यान रखें।
- मिथुन राशि – समय की अनुकूलता से लाभांवित होंगे, विरोधी तत्व परेशान अवश्य करेंगे।
- कर्क राशि – इष्ट-मित्र सुखवर्धक हों, व्यावसायिक क्षमता अनुकूल होगी, समय का ध्यान रखें।
- सिंह राशि – कुटुम्ब की समस्यायें सुलझें, स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास हो, कार्य पर ध्यान दें।
- कन्या राशि – अर्थ-लाभ, कुटुम्ब की समस्यायें सुलझें, स्त्री-वर्ग से हर्ष-उल्लास होगा।
- तुला राशि – विवादग्रस्त हेने से बचें अन्यथा संकट में फंस सकते हैं, धैर्य से काम लें।
- वृश्चिक राशि – अधिकारी वर्ग सहायक बनेंगे, कार्यवृत्ति में सुधार होगा, सफलता मिलेगी।
- धनु राशि – व्यर्थ विवाद, अनावश्यक विभ्रम, धन का व्यय, स्थिति कष्टप्रद बनेगी।
- मकर राशि – योजनायें फलीभूत हों, कार्य कुशलता से संतोष, समृद्धि के साधन जुटायें।
- कुंभ राशि – विरोधी तत्व परेशान करेंगे, व्यर्थ विभ्रम, मानसिक बेचैनी बनेगी।
- मीन राशि – सोचे हुये कार्य समय पर पूरे होंगे किन्तु अधिक ढीलेपन से परेशानी होगी।
पूर्व क्षेत्र कंपनी ने अनुकंपा नियुक्तियों में दी बड़ी राहत
भोपाल : म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिवंगत बिजली कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने में बड़ी राहत दी गई है। यदि दिवंगत बिजली कर्मी के परिवार का आश्रित सदस्य 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण है, तो उसे कार्यालय सहायक के तृतीय श्रेणी के पद पर नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति दे दी जायेगी। इस पद के लिए आवश्यक योग्यता हासिल करने के लिए उसे तीन वर्ष का समय भी दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि पहले आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यता प्राप्त करने के लिए तीन वर्ष का समय दिया जाता था तथा योग्यता प्राप्त करने के बाद आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाती थी। प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों में यह सुविधा सर्वप्रथम पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दी जा रही है।
कंपनी के एम.डी. श्री अनय द्विवेदी ने बताया कि बिजली कर्मियों के दिवंगत हो जाने पर उनके आश्रितों को भरण पोषण के लिए तत्काल नौकरी की जरूरत रहती है। पूर्व में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यता हासिल करने के लिए उन्हें तीन वर्षो तक इंतजार करना पड़ता था, जिससे अनुकंपा नियुक्ति का उद्वेश्य पूर्ण नहीं हो रहा था। श्री द्विवेदी ने कहा कि कंपनी के इस निर्णय से दिवंगत कर्मियों के परिवार को निश्चित रूप से राहत मिलेगी तथा वे निर्धारित की गई अवधि में वांक्षित योग्यता हासिल करने में भी सक्षम होंगे।
कंपनी द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार दिवंगत कंपनी सेवक के आश्रित को कार्यालय सहायक श्रेणी-तीन के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए कम्प्यूटर डिप्लोमा तथा कम्प्यूटर टाइपिंग दक्षता प्रमाण-पत्र परीक्षा मान्यता प्राप्त संस्था से उत्तीर्ण किए जाने के लिए तीन वर्ष का समय दिया जायेगा। यह प्रावधान सभी लंबित पात्र आवेदनों पर भी लागू होंगे तथा लंबित आवेदनों का निराकरण संशोधित अनुकंपा नियुक्ति नीति-2018 के प्रावधानों के अनुरूप किया जायेगा।
विदित हो कि कंपनी द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के लिए प्राप्त 939 पात्र आवेदनों में से 552 आवेदनों का निराकरण करते हुए तृतीय श्रेणी के पद पर 265 एवं चतुर्थ श्रेणी के पद पर 287 अनुकंपा नियुक्तियाँदी जा चुकी हैं। शेष 387 आवेदनों पर कार्यवाही की जा रही है।
प्रोजेक्ट मुस्कान से लौटा बच्चों का स्वास्थ्य और माँ की मुस्कान
भोपाल : सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण एवं बुरहानपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने जिला चिकित्सालय बुरहानपुर में संचालित नवीन पोषण पुनर्वास केन्द्र का सोमवर को निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। श्री पटेल ने केन्द्र से उपचार के बाद स्वस्थ हुए 30 बच्चों को खिलौने और मेडिकल किट के साथ उन्हें घर रवाना किया। माताओं और बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। श्री पटेल ने प्रोजेक्ट मुस्कान में किये जा रहे कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की और कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह सहित पूरी टीम को बधाई दी।
मंत्री श्री पटेल ने माताओं से कहा कि वे स्वस्थ हुए बच्चों के पोषण आहार और साफ-सफाई का आगे भी ध्यान रखें। केन्द्र में डॉक्टरों और स्टाफ द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जो समझाईश दी गई है, उसका प्रचार-प्रसार अपने आस-पड़ोस और रिश्तेदारी में भी करें, जिससे हर बच्चा स्वस्थ रहे और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़े।
कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह ने बताया कि जब ये माताएँ 14 दिन पहले अपने बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र लेकर आयी थीं, तो उनके चेहरे पर चिंता और घबराहट की लकीरें साफ देखी जा सकती थीं। आज इनके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान देखने को मिल रही है, जो प्रोजेक्ट मुस्कान के नाम और उद्देश्य को सार्थक बना रहीं है।
150 करोड़ की लागत से लगेंगे ऑटोमेटेड मोटर फिटनेस सेंटर : परिवहन मंत्री राजपूत
भोपाल : परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों पर लगभग 150 करोड़ रूपये की लागत से कॉमर्शियल वाहनों की फिटनेस के लिये ऑटोमेटिव व्हीकल फिटनेस सेंटर की स्थापना की जाना प्रस्तावित है। सेंटर्स की स्थापना से फिटनेस प्रमाण-पत्र देने के पूर्व वाहनों की फिजिकल चेकिंग एक ही स्थान पर हो जायेगी। वाहन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा सभी राज्यों में ऑटोमेटिव मोटर फिटनेस सेंटर की स्थापना के निर्देश दिये हैं।
परिवहन मंत्री श्री राजपूत मंगलवार को मंत्रालय में प्रमुख सचिव परिवहन श्री फैज अहमद किदवई, परिवहन आयुक्त श्री संजय कुमार झा एवं कंसलटेंसी कम्पनी आई-केट के अधिकारियों के साथ प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वाहनों का फिटनेस मेन्युअली किया जा रहा है।
संस्था द्वारा अवगत कराया गया कि एक सेंटर की स्थापना पर लगभग 15 करोड़ रूपये का व्यय होगा। एक सेंटर की स्थापना से एक साल में लगभग 40 हजार वाहनों की फिटनेस एवं जाँच की जा सकेगी। फिटनेस सेंटर में वाहन की चेकिंग के दौरान पॉल्यूशन, ऑइल लीकेज, ब्रेक, लाइट्स, व्हील अलाइनमेंट, स्पीड गवर्नर आदि की मशीनों से जाँच के बाद ही फिटनेस प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने पंडित श्रीराम शर्मा की जयंती पर नमन किया
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गायत्री परिवार के संस्थापक आध्यात्मिक लेखक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की 111वीं जयंती पर मुख्यमंत्री निवास सभाकक्ष में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने बादाम, टिकोमा और गुलमोहर के पौधे लगाए
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट पार्क भोपाल में आहान शिक्षा संस्कृति और समाज कल्याण समिति, भोपाल के पदाधिकारियों के साथ बादाम, टिकोमा और गुलमोहर के पौधे लगाए। पौध-रोपण में श्री आलोक चटर्जी, श्री प्रतीक संचेती, सुश्री ममता चंद्रशेखर और श्री बलवीर सिंह राजपूत शामिल थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ दो नन्हीं बच्चियों सानवी और श्रेया बघेल ने भी पौधे लगाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान को डा. ममता ने "स्वदेश" पुस्तक भेंट की। पौध-रोपण में मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष एवं विधायक बालाघाट श्री गौरीशंकर बिसेन भी शामिल हुए।
पौधों का महत्व
आज लगाए गए गुलमोहर की सुव्यवस्थित पत्तियों के बीच बड़े-बड़े गुच्छों में खिले फूल इस वृक्ष को अलग ही आकर्षण प्रदान करते हैं। यह वृक्ष औषधीय गुणों से भी समृद्ध है। टिकोमा को चमकीले पीले फूलों के लिए जाना जाता है। फूलों के गुच्छे सुगंधित होते हैं। बादाम एक मेवा है जो तकनीकी दृष्टि से बादाम के पेड़ के फल का बीज है। बादाम के पेड़ में गुलाबी और श्वेत रंग के सुंगधित फूल लगते हैं।
आईटीआई विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देने पहली बार राज्य स्तरीय दीक्षांत समारोह की पहल
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक के पहले मंत्रीगण को संबोधित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि आज प्रदेश में पहली बार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं का राज्य स्तरीय दीक्षांत समारोह हुआ है। हजारों विद्यार्थियों को समारोह पूर्वक प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि उन्होंने कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप कुछ विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। तकनीकी शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क के विकास के साथ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के बाद आवश्यक सुविधाएँ दी जा रही हैं। हमारे विद्यार्थी विदेश में उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए जा रहे हैं। राज्य के लिए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है। तकनीकी शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार क्षेत्र में निरंतर प्रयास बढ़ाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी आएंगे महाकाल की नगरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की हाल ही प्रदेश यात्रा में श्योपुर जिले में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के प्रवेश के कार्यक्रम और कराहल में महिला स्व-सहायता सम्मेलन के प्रति प्रदेशवासियों में काफी उत्साह रहा। प्रधानमंत्री श्री मोदी अगले माह पुनः मध्यप्रदेश आ रहे हैं। उन्होंने उज्जैन में महाकाल महाराज कॉरिडोर "शिव सृष्टि" के उद्घाटन के लिए सहमति प्रदान की है। प्रधानमंत्री श्री मोदी कॉरिडोर के प्रथम चरण के शुभारंभ के लिए 11 अक्टूबर को आयेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि सोमवार को उज्जैन में कॉरीडोर के प्रथम चरण में संपन्न कार्यों का उनके द्वारा अवलोकन किया गया।
मुख्यमंत्री ने महाकाल कोरिडोर का किया निरीक्षण, बोले-11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री उद्घाटन करेंगे
उज्जैन । सोमवार 11 बजे सीएम शिवराज उज्जैन पहुंचे। सबसे पहले नृसिंह घाट के समीप समन्वय परिवार के आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां पर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया।महाकाल कारिडोर का निरीक्षण उन्हे गोल्फ कार्ट वाहन में बैठाकर कलेक्टर ने करवाया। निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे। सोमवार पूर्वान्ह उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री ने दोपहर में 750 करोड़ की लागत से निर्मित किए गए महाकाल कोरिडोर का निरीक्षण किया।उन्हें पूरे कोरिडोर में गोल्फ कोर्ट वाहन से कलेक्टर आशीषसिंह ने कार्यों का विस्तार से निरीक्षण करवाया। इस दौरान सांसद अनिल फिरोजिया एवं उच्च शिक्षामंत्री मोहन यादव भी उनके साथ थे।कोरिडोर अवलोकन के बाद मिडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण के कार्य पूर्णता की और हैं। प्रधानमंत्री जी सांस्कृतिक पताका भी लेकर चल रहे हैं। पूरे कार्य देखें हैं कार्य से संतुष्ट हुं। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जी महाकाल महाराज की नगरी में पधारेंगे, प्रथम चरण के कार्यों का लोकार्पण करेंगे। हम आज से ही लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारियां प्रारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम से प्रदेश का हर शहर, गांव गांव जूडे इसकी भी योजना बना रहे हैं। आज में मुख्य रूप से इसलिए आया था कि एक बार खूद इन कार्यों को अपनी आंखों से देख लूं। इसके बाद ही हमने ये फैसला लिया है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री एक निजी होटल में संतों के कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां वैदिक बटुको ने मंत्रोच्चार कर साथ ही आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंदजी सहित सभी उपस्थित संतों को नमन कर आशीर्वाद लिया।
महाकालेश्वर कॉरिडोर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकालेश्वर कॉरिडोर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। उज्जैन दर्शन के लिये देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु यहां से उनके मन में भगवान महाकालेश्वर और मन्दिर के कॉरिडोर की अमिट छाप लेकर जायें। मुख्यमंत्री द्वारा महाकालेश्वर कॉरिडोर में निर्मित नवग्रह मूर्तियों, भगवान शिव से सम्बन्धित कथाओं पर आधारित चित्रों का अवलोकन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्बन्धित चित्र के नीचे सरल भाषा में उसका विवरण लिखवाया जाये, ताकि आमजन को आसानी से सम्बन्धित कथा की जानकारी प्राप्त हो।महाकाल कोरिडोर के प्रथम चरण में 316 करोड़ के कार्य क्रियान्वित किए गए हैं।उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ आशीष पाठक के अनुसार 316 करोड़ में मुख्य रूप से 224 करोड़ से कोरिडोर डेवलमेंट,20करोड़ से रूद्रसागर सीवेज नेटवर्किंग,16 करोड़ से सरफेज पार्किंग सोलर पैनल,,3.25 करोड़ से महाकाल द्वार ,इसके साथ ही फसाड़ लाईटिंग महाकाल मंदिर एवं बाहर ,आडियो गाईड एवं ई-कार्ट के कार्य शामिल हैं।
लाल पुल – हरसिद्धि मार्ग अब ‘ब्रह्मलीन पद्मभूषण गिरी महाराज’ होगा
मुख्यमंत्री निजी होटल में सद्गुरूदेव ब्रह्मलीन पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज के श्रीचरणों में प्रणाम करते हुए कहा कि उनका तेज ओजस्वी था। उनकी वाणी सुनते थे तो साक्षात स्वामी विवेकानन्द जैसी वाणी सुनाई देती थी। एक नई ऊर्जा का प्रवाहमान था। ऐसे ओजस्वी एवं सनातन धर्म की ध्वजा को फहराने में अग्रणी श्री गिरि महाराज को श्रद्धा सहित नमन करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान को प्राप्त करने के तीन मार्ग हैं- ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग तथा कर्म मार्ग। ये तीनों त्रिवेणी स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी महाराज में थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घोषणा की कि लाल पुल से हरसिद्धि मन्दिर तक के सड़क मार्ग का नाम अब ब्रह्मलीन श्री सत्यमित्रानन्द गिरिजी के नाम से होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ब्रह्मलीन श्री सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज हमेशा जगत के हित के कल्याणकारी कामों में सदैव लगे रहते थे। उन्होंने समाज में अच्छे कार्यों की जागरूकता फैलाने का काम किया। भारत माता का मन्दिर उन्होंने बनाया है, जो अद्भुत है। आज उनकी प्रतिमा का उज्जयिनी में अनावरण हुआ है। वे सदैव हमारे मन में रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी महाराज की मूर्ति बनाने वाले नरेश भारद्वाज का सम्मान किया। इस अवसर पर एक पुस्तक का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा किया गया।