जो व्यक्ति दिव्य पद पर स्थित है, वह न किसी से ईष्या करता है और न किसी वस्तु के लिए लालायित रहता है। जब कोई जीव इस संसार में भौतिक शरीर से युक्त होकर रहता है, तो समझना चाहिए कि वह प्रकृति के तीन गुणों में से छूट जाता है। लेकिन जब तक वह शरीर से बाहर नहीं आ जाता, तब तक उसे उदासीन रहना चाहिए। उसे भगवान की भक्ति में लग जाना चाहिए जिससे भौतिक देह से उसका ममत्व स्वत: विस्मृत हो जाए। जब मनुष्य भौतिक शरीर के प्रति सचेत रहता है तो वह केवल इन्द्रियतृप्ति के लिए कर्म करता है, लेकिन जब चेतना कृष्ण में स्थानान्तरित कर देता है, तो इन्द्रियतृप्ति स्वत: रुक जाती है। मनुष्य को इस भौतिक शरीर की आवश्यकता नहीं रह जाती है और न उसे भौतिक शरीर के आदेशों के पालन की आवश्यकता रह जाती है। शरीर के भौतिक गुण कार्य करेंगे, लेकिन आत्मा ऐसे कार्य से पृथक रहेगी। वह न तो शरीर का भोग करना चाहती है, न उससे बाहर जाना चाहती है। इस प्रकार दिव्य पद पर स्थित भक्त स्वयमेव मुक्त हो जाता है। उसे प्रकृति के गुणों के प्रभाव से मुक्त होने के लिए किसी प्रयास की कोई आवश्यकता नहीं रह जाती। भौतिक पद पर स्थित व्यक्ति शरीर को मिलने वाले तथाकथित मान-अपमान से प्रभावित होता है, लेकिन दिव्य पद पर आसीन व्यक्ति ऐसे मिथ्या मान-अपमान से प्रभावित नहीं होता। वह इसकी चिन्ता नहीं करता कि कोई व्यक्ति उसका सम्मान करता है या अपमान। वह उन बातों को स्वीकार कर लेता है, जो कृष्णभावनामृत में उसके कर्त्तव्य के अनुकूल हैं, अन्यथा उसे किसी भौतिक वस्तु की आवश्यकता नहीं रहती। वह प्रत्येक व्यक्ति को जो कृष्णभावनामृत के सम्पादन में उसकी सहायता करता है, मित्र मानता है और तथाकथित शत्रु से भी घृणा नहीं करता। वह समभाव वाला होता है और सारी वस्तुओं को समान धरातल पर देखता है, क्योंकि वह इसे भलीभांति जानता है कि उसे इस संसार से कुछ लेना-देना नहीं है।
शेन बॉन्ड को बनाया गया MI अमीरात का कोच
मुंबई इंडियंस के स्वामित्व वाली एमआई अमीरात टीम ने संयुक्त अरब अमीरात के इंटरनेशनल लीग टी20 के उद्घाटन संस्करण के लिए न्यूजीलैंड के शेन बॉन्ड को मुख्य कोच बनाया है। बॉन्ड आईपीएल में मुंबई इंडियंस के गेंदबाजी कोच हैं। उनके सहयोग के लिए भारत के पूर्व विकेटकीपर पार्थिव पटेल को बल्लेबाजी, पूर्व तेज गेंदबाज विनय कुमार को गेंदबाजी और न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर जेम्स फ्रैंकलिन को एमआई अमीरात का फील्डिंग कोच बनाया गया है।मुंबई इडियंस के पूर्व कोच रॉबिन सिंह का एमआई अमीरात का जनरल मैनेजर नियुक्त किया गया है। 47 वर्षीय बॉन्ड ने कहा, ''नई टीम बनाना हमेशा रोमांचक होता है और मैं मुंबई इंडियंस की विरासत को आगे बढ़ाने और अपने खिलाड़ियों को खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित करने के लिए उत्सुक हूं।''
भारत में चीतों का पुनर्स्थापन सदी की वाइल्ड लाईफ की सबसे बड़ी घटना – मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को चीतों की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का प्रदेशवासियों की ओर से आभार माना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत में चीतों की पुनर्स्थापन के लिए मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को चुनना प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। भारत में वन्य प्राणी चीता समाप्त हो गया था। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में चीते को फिर से पुनर्स्थापित करने का ऐतिहासिक काम हो रहा है। यह सदी की वाइल्ड लाईफ की सबसे बड़ी घटना है। इससे प्रदेश में विशेष कर चंबल अंचल में पर्यटन गतिविधियाँ तेजी से बढ़ेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास से मीडिया के लिए जारी संदेश में यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज महिला स्व-सहायता समूहों का सम्मेलन भी कराहल में आयोजित किया गया है। सम्मेलन में एक लाख बहनें प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होंगी। साथ ही अलग-अलग स्थानों पर 42 लाख बहनें भी ग्राम केन्द्र और संकुल केन्द्र से जुड़ेंगी। प्रदेश की सभी पंचायतों और वार्डों से भी प्रदेशवासी प्रधानमंत्री श्री मोदी को सुनेंगे।
कांग्रेसजन सीना ठोक कर मैदान में जाये और कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को जनता को बतायें: कमलनाथ
- भाजपा के पास केवल पैसा, पुलिस और प्रशासन बचा है, यह वे
- भाजपा भी जानती है और जनता भी जानती है: कमलनाथ
- पीसीसी डेलीगेट प्रदेश की महत्वपूर्ण कड़ी: जे.पी. अग्रवाल
- कांग्रेस संगठन को सुदृढ़ बनाने निष्ठा से काम करें: खुंटिया
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने पीसीसी डेलीगेटर्स को संबोधित करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि संगठन में निर्वाचन की कार्रवाई पूरे प्रदेश में चुनाव निर्वाचन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री खुटिया जी, एपीआरओ और डीआरओ द्वारा की गई और आप पीसीसी डेलीगेट बने हैं। आज की बैठक में आपकी निष्ठा आपको यहां खींच कर लाई है, उसी निष्ठा से आप अपने गांव और वार्ड में काम करें।ं कांग्रेस की संस्कृति हमेशा से जोड़ने की रही है और उसी संस्कृति के कारण आज देश का हर नागरिक एक झंडे के नीचे खड़ा हैं। हमारी उसी संस्कृति पर आज आक्रमण हो रहा है, समाज को बांटा जा रहा है, धर्म को बांटा जा रहा है, जाति को बांटा जा रहा है।
श्री नाथ ने कहा कि हमारा मुकाबला बीजेपी से है, बीजेपी की नीतियों से है, और उसके संगठन से हैं। केवल 12 महीने बचे हैं, आप लोग अभी से काम पर लग जाये। जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो हमने अपनी नीति और नियत का परिचय दिया। कांग्रेस सरकार में जो काम हुये, आप लोग मैदान में जाएं तो सीना ठोक कर जनता से कह सकते हैं, डरने की जरूरत नहीं है। भाजपा अपनी 18 साल की सरकार का हिसाब नहीं दे। पहले 25 प्रतिशत लोग सोशल मीडिया से लोग जुड़े थे आज 95 प्रतिशत लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं। मंडलम-सेक्टर को मजबूत करें क्योंकि कोई भी ब्लाक 150 बूथ नहीं संभाल सकता है। राजनीति में आज काफी परिवर्तन हुआ है। आपकी निष्ठा ही कांग्रेस को सत्ता में ला सकती है।
श्री नाथ ने कहा कि मोदी जी ने 2013 में 2 करोड रोजगार देने की बात की, 2019 में पाकिस्तान व राष्ट्रवाद की बात की। आज वे छोटे व्यापारी की बात नहीं करेंगे रोजगार की बात नहीं करेंगे, किसानों की बात नहीं करेंगे। हमेशा से जनता का ध्यान मोड़ने की राजनीति भाजपा करती आयी है। जीएसटी-नोटबंदी से हर नागरिक परेशान है, देश में आर्थिक संकट खड़ा कर दिया गया है। किसान खाद बीज के लिए भटक रहा है। मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है, यदि गांव ही मजबूत नहीं होंगे तो प्रदेश मजबूत कैसे होगा।
श्री नाथ ने कहा कि मोदी जी आज चीते छोड़ने का इंवेट कर रहे हैं। वह भी वहां जहां सबसे ज्यादा बच्चे कुपोषित है। नवम्बर 23 में चुनाव होना है, आप पूरी निष्ठा से जुट जायें। उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कहा कि मप्र मंे 16 दिन यह यात्रा निकलेगी, ज्यादा से ज्यादा लोग यात्रा में शामिल हो, इस यात्रा से जुड़ना हम सभी की जिम्मेदारी है। भारत जोड़ो यात्रा से बीजेपी के पेट में दर्द हो रहा है। भाजपा ध्यान मोड़ने का काम कर रही है, तरह-तरह की कलाकारी कर रही है, बीजेपी के पास केवल पैसा पुलिस और प्रशासन बचा है, यह वे भी अच्छी तरह जानते हैं, और जनता भी जानती है।
कांग्रेस के इतिहास में यह लम्हा हर 5 साल में आता है, जिसमें कुछ प्रतिनिधि के रूप में चुने जाते हैं, कुछ रह जाते हैं। कांग्रेस के इतिहास के पन्नों पर आज आपका नाम लिखा गया है और आप कांग्रेस संगठन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है, आप प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व है। जो डेलीगेट नहीं बन पाए हैं, उनको साथ लेकर चलना आपकी जिम्मेदारी है। यदि वे आपसे पीछे रह गए तो कांग्रेस से छूट जाएंगे। हम सब मिलकर सड़कों पर काम करने के लिए पूरी निष्ठा से जुट जायें। कांग्रेस के मप्र प्रभारी जे.पी. अग्रवाल ने आज राजधानी के मानस भवन में आयोजित प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
श्री अग्रवाल ने कहा विधानसभा चुनाव का पूरा एक साल बचा है, इस एक साल में आप लोगों से पूरी नजदीकी से जुड़कर पार्टी संगठन को मजबूत करूंगा। प्रदेश के हर जिले में जाऊंगा और सभी से एक-एक कर मिलूंगा। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके कारण हमारी सरकार गिरी, ऐसे लोगों को जयचंद का नाम दिया गया है। हर राजनीतिक पार्टियों के सामने चुनौतियां आती हैं, लेकिन इसका हम सबको डटकर मुकाबला करना है।
श्री अग्रवाल ने राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा को लेकर कहा कि यात्रा में लाखों की संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं, यात्रा के शुरूआत होने से भाजपा हिल गई है, जब यात्रा का हुजूम देखेंगे तो भाजपा की नींद हराम हो जाएगी।
मध्य प्रदेश चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष आर. सी. खुंटिया ने संगठन चुनाव की प्रक्रिया से अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के 26 लाख नये सदस्य इस सदस्यता अभियान में बनाए गए, जो बहुत बड़ी संख्या है। संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों के सहयोग से पीसीसी डेलीगेट का चयन किया गया है, जिसमें कांग्रेस संगठन को सुदृढ़ करने के लिए आप सभी को डेलीगेट बनाया गया है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह द्वारा प्रस्ताव किया गया, जिसमें कहा गया कि मप्र मप्र कांग्रेस के सभी निर्वाचित सदस्य सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हैं कि मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, समस्त कार्यकारिणी, पदाधिकारियों, मप्र चुनाव समिति और मप्र से एआईसीसी सदस्य मनोनीत करने के लिए अभा कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा श्रीमती श्रीमती सोनिया गांधी को अधिकृत करते हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव द्वारा सभी पीसीसी डेलीगेट की ओर से पारित प्रस्ताव का हाथ उठाकर सर्वसम्मति से समर्थन किया गया।
बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवगण संजय कपूर, सुधांशु त्रिपाठी सी.पी. मित्तल, कुलदीप इंदौरा, संगठन चुनाव के लिए नियुक्त एपीआरओ तरूण त्यागी, चक्रवर्ती, श्री शर्मा, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी, प्रकाश जैन, कोषाध्यक्ष अशोक सिंह, पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा और सेवादल के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र जोशी, श्रीमती शोभा ओझा, ठाकुर रजनीश सिंह मंच पर उपस्थित थे।
बैठक का संचालन महामंत्री राजीव सिंह ने किया। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने उपस्थित कांग्रेसजनों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रदेश भर से आये सभी प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे।
चीताें का जल्द हाेगा नामकरण, इंटरनेट मीडिया पर लाेग सुझा रहे नाम
ग्वालियर । कूनाे नेशनल पार्क में चीताें की आमद हाे चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने आज तीन चीताें काे बड़े बाड़े में छाेड़ा, जबकि बाकी पांच चीताें काे छाेटे बाड़े में रखा गया है। अब लाेगाें काे बेसब्री से इनके नामकरण का इंतजार है। जिम्मेदार अफसर भी जल्द ही नामकरण की बात कर रहे हैं। हालांकि इंटरनेट मीडिया पर अभी से चीताें के नामकरण काे लेकर कयासाें का दाैर शुरू हाे गया है। नामीबिया से चीते भारत की सरजमीं पर आ चुके हैं। चीताें के लिए ये माहाैल पूरी तरह से अलग है, ऐसे में वह कुछ सहमे-सहमे नजर आ रहे हैं। अभी माहाैल में एडजेस्ट हाेने में उनकाे कुछ समय लगेगा, इसी वजह से चीताें काे फिलहाल आमजन नहीं देख सकेंगे। खबर है कि करीब तीन माह तक चीताें काे क्वारंटाइन बाड़े में रखा जाएगा। चीताें काे भले ही लाेग अभी केवल टीवी या इंटरनेट मीडिया पर ही देख सके हैं, लेकिन जल्द ही लाेग चीताें का दीदार कर सकेंगे। उधर इंटरनेट मीडिया पर चीताें के नामकरण काे लेकर चर्चाओं का दाैर शुरू हाे गया है। लाेग नाम काे लेकर अपने-अपने सुझाव भी दे रहे हैं। किसी का कहना है कि नामीबिया से चीते आए हैं, इसलिए इनका नाम भी कुछ स्टाइलिश हाेना चाहिए, ऐसे लाेग चीताें के नाम रैंबाे, राकी और जैकी जैसे सुझा रहे हैं। वहीं स्वदेशी लाेगाें का कहना है कि चीते अब भारत आ चुके हैं, इसलिए उनका नाम भी भारतीय ही हाेना चाहिए। ऐसे में लाेग राजा, सुल्तान जैसे नाम दे रहे हैं। हालांकि विभागीय सूत्राें की माने ताे नामकरण ताे हाेगा, लेकिन अभी इसमें कुछ समय लगना है। आमताैर पर जब तक वन्य जीव काे क्वारंटाइन जाेन में रखा जाता है, उनका नामकरण नहीं हाेता है। जब वह खुले मैदान में आमजन के सामने आते हैं, तब उनका नामकरण किया जाता है। ऐसे में अभी नामकरण में कुछ समय लग सकता है।
भारत और सिंगापुर के बीच राउंटटेबल मीटिंग नई दिल्ली में जारी
भारतीय और सिंगापुर के बीच मंत्रीस्तरीय राउंडटेबल नई दिल्ली में जारी है। इस राउंडटेबल बैठक में दोनों देशों के वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और वाणिज्य मंत्री शामिल हैं। इस राउंडटेबल मीटिंग में सिंगापूर के डिप्टी पीएम वोंग भी मौजूद हैं।इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा है कि इस राउंडटेबल कान्फ्रेंस में सिंगापुर की ओर से लॉरेंस वोंग, विवियन बालकृष्णन, गैन किम और एस ईश्वरन शामिल हुए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ओर से इस कार्यक्रम में उनके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर मानवता सेवा, संकल्प के हुए विभिन्न कार्यक्रम
भोपाल : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस पर राजभवन में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया। शिविर का आयोजन राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के निर्देश पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल के द्वारा किया गया था। शिविर में मेडिसिन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, दंत रोग विशेषज्ञ और सिकल सेल एनीमिया रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा 165 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने प्रधानमंत्री जी के जन्मदिवस के अवसर पर समाज में पीड़ित मानवता के सेवा संकल्प की मजबूती और प्रेरणा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करवाया है। भारतीय रेडक्रास सोसायटी की राज्य, विभिन्न जिला एवं उप शाखाओं में रक्तदान स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। राज्यपाल श्री पटेल द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उपचाराधीन सात रोगियों को 4 लाख 72 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इसी क्रम में राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पुष्पलता, सिकल सेल एनीमिया रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन बंसल, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शिखा मलिक, डॉ. अनीशा रोसिलिन अब्राहम, डॉ. राजकुमार, दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशुल राय और मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. रजनीश जोशी के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। शिविर के लाभार्थियों में 100 पुरुष और 65 महिलाएं शामिल हैं। स्वास्थ्य परीक्षण शिविर व्यवस्था का संचालन एवं समन्वय राजभवन के मेडिकल ऑफिसर श्री बी.के. श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
वैक्सिंग के समय इन बातों का रखें ध्यान..
अनचाहे बालों को शरीर से हटाने के लिए सबसे ज्यादा वैक्सिंग को ही पसंद किया जाता है। भले ही वैक्सिंग कराने में दर्द का सामना करना पड़ता हो लेकिन वैक्सिंग से बाल जड़ से निकल जाते हैं। जिससे स्किन स्मूद और सॉफ्ट दिखने लगती है। लेकिन कई बार वैक्सिंग के समय छोटी-छोटी बातों को अनदेखा करने की वजह से मनचाहा रिजल्ट नही मिलता। अगर आप वैक्सिंग के बाद अच्छा रिजल्ट चाहती हैं तो इन छोटी बातों का ध्यान जरूर रखें। जिससे कि शरीर के सारे बाल आसानी से निकल जाएं और स्मूद स्किन मिले।
बॉडी को अच्छी तरह करे साफ- वैक्सिंग के बाद स्मूद स्किन तभी मिलेगी। जब स्किन पूरी तरह से साफ होगी। वैक्सिंग के पहले उस एरिया को गीले कपड़े या फिर टिश्यू से अच्छी तरह से पोंछकर साफ कर लें। क्योंकि पसीना, धूल-मिट्टी और गंदगी की वजह से वैक्स ठीक तरीके से स्किन पर नहीं लगता। अगर आप चाहती हैं कि वैक्सिंग के नतीजे बेहतर मिले तो स्किन पर टैल्कम पाउडर को लगाएं। इससे आपको वैक्सिंग के बाद स्मूद स्किन मिलेगी। क्योंकि टैल्कम पाउडर की वजह से वैक्स बालों को गहराई से निकालने में मदद करता है।
कितना करें वैक्स का इस्तेमाल- वैसे तो पार्लर में ब्यूटी एक्सपर्ट को अच्छे से पता होता है कि कितनी मात्रा में वैक्स लेने से वैक्सिंग हो जाएगी। लेकिन आमतौर पर लड़कियां जब घऱ में वैक्स करती हैं तो उन्हें नहीं पता होता कि कितनी वैक्स को एक बार में बॉडी पर लगाया जाना चाहिए। हमेशा वैक्स की बिल्कुल पतली परत स्किन पर लगानी चाहिए। जिससे कि ये पूरी तरह से चिपक जाए और बाल आसानी से निकल जाएं। अगर आप ज्यादा वैक्स को ज्यादा मात्रा में लगा लेंगे तो इससे बाल अनइवन निकलेंगे। और स्किन पर पूरा वैक्स लग जाएगा। जिससे आगे की वैक्स करने में दिक्कत होगी।
वैक्स का तापमान हो सही- वैक्सिंग करते समय वैक्स का तापमान काफी ज्यादा असर करता है। अगर वैक्स का तापमान कमरे के तापमान से कम होगा तो वैक्स सही तरीके से शरीर से चिपकेगा नहीं और ना ही बालों को निकालेगा। वहीं अगर वैक्स ज्यादा गर्म होगा तो बॉडी जल जाएगी। इसलिए वैक्स को पहले अच्छी तरह से गर्म कर पिघला लें। फिर इसे पांच से छह मिनट में कमरे के तापमान के हिसाब से कर लें और फिर इसे बॉडी पर अप्लाई करें। इससे सारे बाल आसानी से निकल जाएंगे।
सही तरीके से निकाले स्ट्रिप- वैक्स को बॉड़ी पर लगाने के बाद इसे सही तरीके से निकालना भी जरूरी है। इसलिए जब भी वैक्स को बॉडी पर लगाएं तो स्ट्रिप को काफी समझदारी के साथ निकालें। हमेशा बालों की अपोजिट साइड में स्ट्रिप को निकालना चाहिए।
गुलाब के फूलों से बनाएं फेस पैक
फूल अपने एंटीऑक्सिडेंट गुणों के लिए जाने जाते हैं, तभी फूलों का इस्तेमाल स्किन केयर के लिए ही नहीं बल्कि हेल्थ के लिए भी किया जाता है।
शहद और गुलाब : ताजे गुलाब की पंखुड़ियां लें और उन्हें अच्छी तरह धो लें। उन्हें थोड़े से गुलाब जल में 3-4 घंटे के लिए भिगो दें। फिर, भीगी हुई पंखुड़ियों और गुलाब जल को पीसकर एक महीन पेस्ट बना लें। एक बार जब यह तैयार हो जाए, तो इसे बाहर निकालें और 3 बड़े चम्मच डालें। पेस्ट के लिए शहद एक साथ मिलाएं और मिश्रण को 20-30 मिनट के लिए फ्रीज करके ठंडा कर लें। इस फेस पैक को अपनी उँगलियों से मालिश करते हुए त्वचा पर धीरे से लगाएं। 15-20 मिनट बाद इसे धो लें।
कच्चा दूध और गुलाब : ताजे गुलाब की कुछ पंखुड़ियां छीलकर अच्छी तरह धो लें। इसके बाद पंखुड़ियों का पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट में दो चम्मच डालें। जरूरत के हिसाब से बेसन और कच्चा दूध डालें। पैक तैयार करने के लिए अच्छी तरह मिलाएं। एक बार जब यह तैयार हो जाए, तो इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। 20 मिनट के बाद इसे धो लें।
चंदन पाउडर और गुलाब : दो ताजे गुलाबों की पंखुड़ियां लें और उन्हें पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में 1-2 चम्मच चंदन पाउडर और कच्चा दूध मिलाएं। फेस पैक तैयार करने के लिए अच्छी तरह मिलाएं। इसे लगाने के बाद इसे अपने चेहरे पर तब तक लगा रहने दें जब तक कि यह पूरी तरह से सूख न जाए। इसके बाद ही आप इसे धो सकते हैं।
एलोवेरा जेल और गुलाब : दो ताजे गुलाबों की पंखुड़ियों को मसल लें और दो बड़े चम्मच डालें। इसके लिए एलोवेरा जेल। एक चिकना पेस्ट बनाने के लिए अच्छी तरह मिलाएं। अगर पेस्ट बहुत गाढ़ा है, तो इसमें थोड़ा सा गुलाब जल मिलाएं। दूसरे फेस पैक की तरह, इसे आपके चेहरे और गर्दन पर 20 मिनट के लिए लगाकर रखें और फिर धो दें।
कोकोनट मिल्क और गुलाब : आप इसे कोकोनट मिल्क के साथ भी बना सकते हैं। गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर पेस्ट बना लें। दो चम्मच नारियल का दूध डालें। इसमें आप आधा चम्मच ऑलिव ऑयल भी डाल सकते हैं। इस मिक्सचर को 20 मिनट के लिए चेहरे पर लगा लें।
प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में सुरक्षित है हमारा भविष्य : प्रधानमंत्री मोदी
भोपाल : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में नेशनल पार्क कूनो में अफीक्रा के नामीबिया से लाये गये चीतों को छोड़ कर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में चीतों की वापसी से अब जैव विविधता की टूटी कड़ी पुन: जुड़ गई है। भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जाग्रत हो गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राष्ट्रीय अभ्यारण्य में चीतों को छोड़ कर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दीं।प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज दुनिया की पहली बड़े जंगली मांसाहारी जीव की अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना का चीता प्रोजेक्ट के अंतर्गत शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज सौभाग्य से हमें दशकों पहले जैव-विविधता की टूटी और विलुप्त कड़ी को जोड़ने का फिर से मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आया है। आजादी के अमृत महोत्सव में देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। अमृत में तो वो सामर्थ्य होता है, जो मृत को भी पुनर्जीवित कर देता है। मुझे खुशी है कि आजादी के अमृतकाल में कर्त्तव्य और विश्वास का ये अमृत हमारी विरासत को, हमारी धरोहरों को और अब चीतों को भी भारत की धरती पर पुनर्जीवित कर रहा है।
चीतों को यहाँ के वातावरण में ढलने के लिये देना होगा समय
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण के सरंक्षण में ही हमारा भविष्य सुरक्षित है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि चीतों को यहाँ के वातावरण में ढ़लने के लिये समय देना है। तब तक हमें धैर्य रखना होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय वन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह यादव, केन्द्रीय नागरिक उड्यन एवं इस्पाल मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अश्विनी चौबे, प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह की गरिमामयी मौजूदगी में लीवर घुमाकर चीतों को छोड़ा गया। मुक्त होते ही चीते सुरक्षा के लिहाज से तैयार किये गये बाड़े में विचरण करने लगे। अंतर्राष्ट्रीय गाइड लाइन के अनुसार क्वारेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद उन्हें जंगल स्वच्छंद विचरण के लिये आजाद किया जायेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य पूर्वक इंतजार करना होगा। चीते हमारे मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएँ, इसके लिए हमें इन चीतों को कुछ महीने का समय देना होगा। अंतर्राष्ट्रीय गाइडलाइन्स का पालन करते हुए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इन चीतों को बसाने के पूरे प्रबंध किये गये हैं। वर्ष 1947 में भारत में सिर्फ 3 चीते शेष थे। शिकार हो जाने से उनका अस्तित्व खत्म हो गया और 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया। तबसे अब तक देश में फिर से चीतों के पुनर्वास के कोई सार्थक प्रयास नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत की धरती पर चीतों के पुनर्वास के लिये नामीबिया, साउथ अफ्रीका सहित भारत के वैज्ञानिकों और विषय-विशेषज्ञों के शोध के बाद तैयार विस्तृत चीता एक्शन प्लान को परिणाम मूलक बनाया गया।
ईको सिस्टम पुनर्जीवित होगा
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि विकास और समृद्धि के लिये प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण भी जरूरी है। इसी से हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। दुनिया जब प्रकृति और पर्यावरण की ओर देखती है तो सस्टेनेबल डेवलपमेंट की बात करती है। हमारे लिये प्रकृति, पर्यावरण, पशु-पक्षी सिर्फ सस्टेनेबिलिटी और सिक्युरिटी न होकर सेन्सीबिलिटी और स्प्रिच्युलिटी के आधार भी है। आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है। उन्होंने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में जब चीते फिर से दौड़ेंगे तो मैदानी ईको-सिस्टम फिर से पुनर्जीवित होगा, जैव विविधता बढ़ेगी, ईको-टूरिज्म बढ़ेगा, विकास की नई संभावनाएँ जन्म लेंगी और क्षेत्रवासियों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
गत 8 वर्ष में जुड़े 250 नये संरक्षित वन क्षेत्र
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि ईकॉनॉमी और ईकॉलॉजी परस्पर विरोधाभासी नहीं है। वर्ष 2014 के बाद देश में करीब ढाई सौ नए संरक्षित क्षेत्र जोड़े गए हैं। वन क्षेत्र का निरंतर विस्तार हो रहा है। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही, देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है। आज हम विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ एशियाई शेरों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है। देश में टाइगर की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य हमने तय समय से पहले हासिल किया है। असम में आज एक सींग वाले गैंडो की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिनका एक समय अस्तित्व खतरे में आ गया था। हाथियों की संख्या भी बढ़ कर पिछले वर्षों में 30 हजार से ज्यादा हो गई है। आज देश में 75 वेटलेंडस को रामसर साइट्स के रूप में घोषित किया गया है, जिनमें 26 साइट्स पिछले 4 वर्ष में ही जोड़ी गई हैं। देश के इन प्रयासों का प्रभाव आने वाली सदियों तक दिखेगा और प्रगति के नए पथ प्रशस्त करेगा।
फोटोग्राफी और चीता मित्रों से किया संवाद
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत भूमि पर 70 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पुर्नस्थापित किये जाने वाले चीतों की मुक्ति के एतिहासिक पलों को अपने कैमरे से कैद किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चीतों की सुरक्षा के लिये तैनात किये गये चीता मित्रों से संवाद भी किया। चीतों की सुरक्षा के लिये आसपास के 10 गाँव के 457 चीता मित्र तैनात किये गये हैं।